बस्तर बालाओं ने दिखाया दम
राज्यपाल शेखर दत्त के हरी झंडी दिखाते साथ ही ओलंपिक दौड़ प्रारंभ हुई और जब धावक शहीद भगत सिंह चौक से जयस्तंभ चौक का चक्कर लगाने के बाद वापस फिनिश लाइन में पहुंचे तो इनामों की बारिश बस्तर बालाओं पर हुई। इस ओलंपिक दौड़ में बस्तर बालाओं ने दम दिखाते हुए जूनियर और सीनियर वर्ग में कुल 13 इनाम अपने नाम कर लिए। दौड़ में 800 से ज्यादा प्रतियोगियों ने भाग लिया। दौड़ प्रारंभ होने के साथ समापन अवसर पर फिल्म स्टार रवीना टंडन के साथ ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी मंच पर उपस्थित रहीं।
शहीद भगत सिंह चौक पर सुबह सात बजे से ही खिलाड़ी जुट गए थे। जहां तक नजरें जा रही थीं, खिलाड़ी ही खिलाड़ी नजर आ रहे थे। मंच पर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए अतिथि खड़े थे। अतिथियों में सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक आए। इसके बाद अतिथि आते गए। कर्णम मल्लेश्वरी को मंच पर देखकर खिलाड़ी उत्साहित हो गए। इसके बाद जब मंच पर मस्त-मस्त गर्ल रवीना टंडन का आगमन हुआ तो खिलाड़ियों के साथ सारे लोग और ज्यादा उत्साहित हो गए। राज्यपाल शेखर दत्त का आगमन 8 बजे हुआ, इसके बाद अतिथियों के सम्मान के बाद 8.30 बजे राज्यपाल ने हरीझंडी दिखाकर सबसे पहले जूनियर धावकों को रवाना किया। धावकों के आगे-आगे पुलिस जीप के साथ बाइक में पायलेटिंग करते खिलाड़ी जा रहे थे। शहीद भगत सिंह चौक से लेकर जयस्तंभ तक जाने और वहां से वापस आने के बीच रास्ते में पुलिस वालों से हर चौक- चौराहे पर यातायात को रोके रखा था। शहर के नागरिक भी उत्सुकता से धावकों को देख रहे थे। बैटन रिले के बाद यह एक ऐसा आयोजन था जिसे देख कर नागरिकों से खूब मजा लिया और अपने मोबाइल से धावकों के फोटो लेते रहे।
नहीं दौड़ीं रवीना-मल्लेश्वरी
ओलंपिक दौड़ में फिल्म स्टार रवीना टंडन के साथ ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी के दौड़ने की बात की गई थी, लेकिन दोनों के न दौड़ने से लोगों को निराशा हुई। लेकिन उनके रहने से उत्साह के माहौल के साथ लोगों को जुटाने में आसानी हुई। दौड़ में छत्तीसगढ़ी फिल्मों के कलाकारों में एक मात्र अनुज शर्मा ही आए, पर वे भी मंच पर ही रहे।
ज्यादा पदक जीतने की तैयारी करें: राज्यपाल
समापन समारोह में राज्यपाल शेखर दत्त ने कहा कि ओलंपिक दौड़ में जैसा दम खिलाड़ियों ने दिखाया है, वैसा ही दम दिखाने के लिए अब छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार रहे। छत्तीसगढ़ में होने वाले इन खेलों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की तैयारी अभी से प्रारंभ कर दें। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को अतिथियों ने पुरस्कार बांटे। इस असवर पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक कुलदीप जुनेजा, मुख्यमंत्री के ओएसडी विक्रम सिंह सिसोदिया, डीजीपी विश्वरंजन, एडीजी रामनिवास, संसदीय सचिव विजय बघेल, सभापति संजय श्रीवास्तव, विधान मिश्रा, हॉकी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा सहित कई खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
दौड़ प्रारंभ होने से पहले फिल्म स्टार रवीना टंडन ने अपने उद्बोधन का आगाज गुड मार्निग रायपुर से किया, और बताया कि उनको आज का रायपुर सात साल पहले के रायपुर जैसा ही खुबसूरत लगा है। उन्होंने कहा कि रायपुर के लोग बढ़े दिलवाले हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि वे एक शानदार मैराथन करके दिखाए। अंत में उन्होंने नारा लगाया छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।
बेटियां पदक जीतने आगे आएं
ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि यहां पर महिला खिलाड़ियों को देखकर अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 10 साल पहले सिडनी ओलंपिक में देश के लिए पदक जीता था, इसके बाद कोई बेटी ऐसा काम नहीं कर सकी है। मैं चाहती हूं कि छत्तीसगढ़ की बेटियां भी ओलंपिक में पदक जीतें, इसके लिए आप लोग मेहनत करें।
छत्तीसगढ़ होगा नंबर वन
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ आज खेलों में बहुत आगे हो गया है। अब वह दिन भी दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ खेलों में नंबर वन हो जाएगा। खेलमंत्री लता उसेंडी ने भी कहा कि हम खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमारे खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में विश्व स्तर पर छाने का दम है। महापौर किरणमयी नायक ने कहा कि उनको पहले भरोसा नहीं था कि इतने ज्यादा खिलाड़ी दौड़ में आएंगे, लेकिन रवीना टंडन के आने की जानकारी हुई तो यकीन हो गया था कि खिलाड़ियों का सैलाब उमड़ेगा और वह नजर आ रहा है। ओलंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने कहा कि हम आज से छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने का संकल्प लेकर तैयारी प्रारंभ कर रहे हैं। ओलंपिक के आयोजन का मकसद रहा है, सबको एक सूत्र में बांधने का और आज की दौड़ ने यह कर दिखाया है।
शहीद भगत सिंह चौक पर सुबह सात बजे से ही खिलाड़ी जुट गए थे। जहां तक नजरें जा रही थीं, खिलाड़ी ही खिलाड़ी नजर आ रहे थे। मंच पर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए अतिथि खड़े थे। अतिथियों में सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक आए। इसके बाद अतिथि आते गए। कर्णम मल्लेश्वरी को मंच पर देखकर खिलाड़ी उत्साहित हो गए। इसके बाद जब मंच पर मस्त-मस्त गर्ल रवीना टंडन का आगमन हुआ तो खिलाड़ियों के साथ सारे लोग और ज्यादा उत्साहित हो गए। राज्यपाल शेखर दत्त का आगमन 8 बजे हुआ, इसके बाद अतिथियों के सम्मान के बाद 8.30 बजे राज्यपाल ने हरीझंडी दिखाकर सबसे पहले जूनियर धावकों को रवाना किया। धावकों के आगे-आगे पुलिस जीप के साथ बाइक में पायलेटिंग करते खिलाड़ी जा रहे थे। शहीद भगत सिंह चौक से लेकर जयस्तंभ तक जाने और वहां से वापस आने के बीच रास्ते में पुलिस वालों से हर चौक- चौराहे पर यातायात को रोके रखा था। शहर के नागरिक भी उत्सुकता से धावकों को देख रहे थे। बैटन रिले के बाद यह एक ऐसा आयोजन था जिसे देख कर नागरिकों से खूब मजा लिया और अपने मोबाइल से धावकों के फोटो लेते रहे।
नहीं दौड़ीं रवीना-मल्लेश्वरी
ओलंपिक दौड़ में फिल्म स्टार रवीना टंडन के साथ ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी के दौड़ने की बात की गई थी, लेकिन दोनों के न दौड़ने से लोगों को निराशा हुई। लेकिन उनके रहने से उत्साह के माहौल के साथ लोगों को जुटाने में आसानी हुई। दौड़ में छत्तीसगढ़ी फिल्मों के कलाकारों में एक मात्र अनुज शर्मा ही आए, पर वे भी मंच पर ही रहे।
ज्यादा पदक जीतने की तैयारी करें: राज्यपाल
समापन समारोह में राज्यपाल शेखर दत्त ने कहा कि ओलंपिक दौड़ में जैसा दम खिलाड़ियों ने दिखाया है, वैसा ही दम दिखाने के लिए अब छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार रहे। छत्तीसगढ़ में होने वाले इन खेलों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की तैयारी अभी से प्रारंभ कर दें। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को अतिथियों ने पुरस्कार बांटे। इस असवर पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक कुलदीप जुनेजा, मुख्यमंत्री के ओएसडी विक्रम सिंह सिसोदिया, डीजीपी विश्वरंजन, एडीजी रामनिवास, संसदीय सचिव विजय बघेल, सभापति संजय श्रीवास्तव, विधान मिश्रा, हॉकी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा सहित कई खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया
दौड़ प्रारंभ होने से पहले फिल्म स्टार रवीना टंडन ने अपने उद्बोधन का आगाज गुड मार्निग रायपुर से किया, और बताया कि उनको आज का रायपुर सात साल पहले के रायपुर जैसा ही खुबसूरत लगा है। उन्होंने कहा कि रायपुर के लोग बढ़े दिलवाले हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि वे एक शानदार मैराथन करके दिखाए। अंत में उन्होंने नारा लगाया छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।
बेटियां पदक जीतने आगे आएं
ओलंपियन कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि यहां पर महिला खिलाड़ियों को देखकर अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 10 साल पहले सिडनी ओलंपिक में देश के लिए पदक जीता था, इसके बाद कोई बेटी ऐसा काम नहीं कर सकी है। मैं चाहती हूं कि छत्तीसगढ़ की बेटियां भी ओलंपिक में पदक जीतें, इसके लिए आप लोग मेहनत करें।
छत्तीसगढ़ होगा नंबर वन
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ आज खेलों में बहुत आगे हो गया है। अब वह दिन भी दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ खेलों में नंबर वन हो जाएगा। खेलमंत्री लता उसेंडी ने भी कहा कि हम खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमारे खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में विश्व स्तर पर छाने का दम है। महापौर किरणमयी नायक ने कहा कि उनको पहले भरोसा नहीं था कि इतने ज्यादा खिलाड़ी दौड़ में आएंगे, लेकिन रवीना टंडन के आने की जानकारी हुई तो यकीन हो गया था कि खिलाड़ियों का सैलाब उमड़ेगा और वह नजर आ रहा है। ओलंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया ने कहा कि हम आज से छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने का संकल्प लेकर तैयारी प्रारंभ कर रहे हैं। ओलंपिक के आयोजन का मकसद रहा है, सबको एक सूत्र में बांधने का और आज की दौड़ ने यह कर दिखाया है।
82 और 80 साल के बुर्जुग दौड़ 8 किलो मीटर
दौड़ में सीनियर वर्ग में राजधानी रायपुर के 82 साल के बुर्जुग जेपी शर्मा और 80 साल के हरिराम मेश्राम ने 8 किलो मीटर की दौड़ पूरी की। 92 में रिटायर होने वाले श्री मेश्राम ने बताया कि वे कॉलेज के जमाने से दौड़ में रुचि रखते हैं और जब भी मौका मिलता है, दौड़ने से चूकते नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वे मैराथन में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ एक बार एक मैराथन में पूर्व राज्यपाल केएम सेठ के साथ भी दौड़ हैं।
जेपी शर्मा ने बताया कि वे 1954 में राष्ट्रीय विद्यालय में स्कूली समय में ओलंपिक चैंपियन बने थे। दोनों को विशेष पुरस्कार दिया गया।
ये रहे विजेता
सीनियर वर्ग के महिला वर्ग में पहले से दसवें स्थान पर रहने वाली खिलाड़ी बालमती यादव, ललिता कश्यप, दशरी कोयाम, हेमुहुमी, रामीन निषाद, मुन्नी, कोमल केर्वथ, सुजाता, प्रमिला कोयाम, प्रमिला ध्रुव। पुरुष वर्ग चुंबा लाल साहू, रामेश्वर नाथ, नरेन्द्र कुमार साहू, तुलसी साहू, कामेश कुमार, मनोज कुमार, होरीलाल सोनकर, महेश कुमार साहू, तामेश्वर साहू, कृष्ण कुमार। जूनियर वर्ग में पहले से चौथे स्थान पर रहने वाले- बालिका वर्ग चैती कश्यप, ज्योति वर्मा, रेणुका साहू, भुवनेश्वरी निषाद। बालक मनोज र्कोटम, रामनाथ, केशव यादव, रोहित देशमुख।
दौड़ में सीनियर वर्ग में राजधानी रायपुर के 82 साल के बुर्जुग जेपी शर्मा और 80 साल के हरिराम मेश्राम ने 8 किलो मीटर की दौड़ पूरी की। 92 में रिटायर होने वाले श्री मेश्राम ने बताया कि वे कॉलेज के जमाने से दौड़ में रुचि रखते हैं और जब भी मौका मिलता है, दौड़ने से चूकते नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वे मैराथन में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ एक बार एक मैराथन में पूर्व राज्यपाल केएम सेठ के साथ भी दौड़ हैं।
जेपी शर्मा ने बताया कि वे 1954 में राष्ट्रीय विद्यालय में स्कूली समय में ओलंपिक चैंपियन बने थे। दोनों को विशेष पुरस्कार दिया गया।
ये रहे विजेता
सीनियर वर्ग के महिला वर्ग में पहले से दसवें स्थान पर रहने वाली खिलाड़ी बालमती यादव, ललिता कश्यप, दशरी कोयाम, हेमुहुमी, रामीन निषाद, मुन्नी, कोमल केर्वथ, सुजाता, प्रमिला कोयाम, प्रमिला ध्रुव। पुरुष वर्ग चुंबा लाल साहू, रामेश्वर नाथ, नरेन्द्र कुमार साहू, तुलसी साहू, कामेश कुमार, मनोज कुमार, होरीलाल सोनकर, महेश कुमार साहू, तामेश्वर साहू, कृष्ण कुमार। जूनियर वर्ग में पहले से चौथे स्थान पर रहने वाले- बालिका वर्ग चैती कश्यप, ज्योति वर्मा, रेणुका साहू, भुवनेश्वरी निषाद। बालक मनोज र्कोटम, रामनाथ, केशव यादव, रोहित देशमुख।
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