भारत में 16.50 का पेट्रोल 55 रुपए में क्यों?
भारत में सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में जो इजाफा किया है उससे देश का हर नागरिक परेशानी के साथ भारी आक्रोश में है। हर किसी का एक ही सवाल है कि भारत में पेट्रोल की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है? देखा जाए तो वास्तव में भारत में पेट्रोल की कीमत महज 16.50 पैसे है। इतने कम कीमत वाले पेट्रोल पर असली कीमत से दुगना करीब 33.45 पैसे टैक्स लिया जाता है। इतना सब होने के बाद भी सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में तीन रुपए का इजाफा यह कहते हुए कर दिया है कि तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है। कंपनियों को तो कोई घाटा नहीं हो रहा है, लेकिन सरकार जरूर आम जनता को लूटने का काम कर रही है।
महंगाई के विरोध में जब कल भारत बंद किया गया था तो कई लोगों से सरकार की पोल खोलते हुए मोबाइल पर एसएमएस के जरिए यह बताने का काम किया कि वास्तव में भारत में पेट्रोल की कीमत 16.50 पैसे है। इतनी कीमत वाले पेट्रोल पर जहां केन्द्र सरकार 11.80 पैसे टैक्स लेती है, वहीं एक्साइज ड्यूटी के रूप में 9.75 लगते हैं। राज्य सरकार का टैक्स 8 रुपए और फिर ऊपर से 4 रुपए वैट टैक्स के लगते हैं। इस तरह से पेट्रोल की कुल कीमत 49.95 पैसे थी। इस कीमत में सरकार ने तीन रुपए की इजाफा किया है तो टैक्स में भी इजाफा हो गया है और कीमत करीब 55 रुपए पहुंच गई है। सरकार ने पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का जो कारण बताया है, वह किसी के गले उतरने वाला नहीं है।
एक तरफ जहां भारत में पेट्रोल की कीमत 55 रुपए के आस-पास है, वहीं अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसकी कीमत महज 26 रुपए, बंगलादेश में 22 रुपए और क्यूबा में 19 रुपए है, नेपाल में 34 रुपए, बर्मा और कतर में 30 रुपए, अफगानिस्तान में 36 रुपए है। विश्व में पेट्रोल भारत में ही सबसे महंगा है। इसका कारण यह है कि वास्तव में सरकार ही आम जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार को जनता के लिए इस जरूरी पदार्थ पर इतना टैक्स लगाने की क्या जरूरत है इसका जवाब तो सरकार को ही देना चाहिए। सरकार को वास्तव में आम जनता से कोई मतलब नहीं है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफे ने ही महंगाई में और आग लगा दी है। यही वजह है कि आज आम जनता में भारी आक्रोश है।
6 टिप्पणियाँ:
बढ़िया आलेख !
अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसकी कीमत महज 26 रुपए, बंगलादेश में 22 रुपए और क्यूबा में 19 रुपए है, नेपाल में 34 रुपए, बर्मा और कतर में 30 रुपए, अफगानिस्तान में 36 रुपए है।
राजकुमार जी,
यह जानकारी सही नहीं है, कृपया विश्वसनीय सूत्रों से सत्यापित कीजिये. उदाहरण के लिए बांग्लादेश में पेट्रोल की कीमत २२ रुपये न होकर ६५-७० टके के आसपास है जो कि ४५ भारतीय रुपयों के सामान है. इसी प्रकार काठमांडू में पेट्रोल का दाम अस्सी नेपाली रुपये है जोकि ५० भारतीय रुपयों के सामान हुआ.
हाय मंहगाई, महंगाई महगाई .....
अब क्या कहे ? देश में आज जमीनी हालत ये है कि जिसको जहाँ मौका मिलता है वो अपने स्वार्थ के लिए बाकि सब को चुना लगा देता है.
लोग इन्कम टैक्स की चोरी करके सरकार को चुना लगाते है, तो सरकार पेट्रोल के नाम पर टैक्स वसूल कर वापस जनता को चुना लगा देती है. जब कर का पैसा इन उल्टे तरीको से आता है तो उसका खर्चा भी गलत ही जगहों पर होता है. इसलिए जो पैसा सड़क, बिजली आदि पर लगना चाहिए वो वोट खरीदने के काम में भेंट चढा दिया जाता है और इसी वजह से आज हर जगह इन्फ्रास्टक्चर चरमराया हुआ है.
कुल मिला कर जिसको जहाँ मौका मिलता है वो अपने ही देश को, देशवासी को या देश के संसाधनों लो लुट रहा है. फिर क्या वो जनता हो, क्या नेता हो और क्या सरकार हो. हाँ ये बात सही है कि इन सबसे ज्यादा हानि आम जनता की ही होती है.
सरकार को वास्तव में आम जनता से कोई मतलब नहीं है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफे ने ही महंगाई में और आग लगा दी है।.......bilkul sahi mahagaai badhne kaa mul kaaran petrolium padaarth ki kimat jyaadaa hona hai.
टैक्स नाम से लूट है, लूट सके तो लूट!
जनता तो मूर्ख है, उसमें पड़ी है फूट।
घुघूती बासूती
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