प्यार की नैया तो पार लग ही जाती है-दीवानों की दुनिया भी बस ही जाती है
तुझे देख कर ही दिल बहक जाता है
पूरी बोतल का नशा चढ़ जाता है
शराब में भी कहा वो बात है
तुम्हारे होठों में दिखती प्यास है
फिर क्यों तुम्हारा मन उदास है
आज तो हम तुम्हारे ही पास हैं
करो लो आज मन की मुराद पूरी
शायद फिर हो जाए कोई मजबूरी
मन तो बावरा है, मचल जाता है
जब भी तुम्हारा चेहरा नजर आता है
तुम्हारे चेहरे में न जाने क्या है बात
जी चाहता है रोज हो मुलाकात
गर तुम भी रोज मिलती रही
तो तुम्हें भी हो जाएगा प्यार
फिर कैसे करोगी हमारी
मोहब्बत से तुम इंकार
आओ हो जाओ तुम भी
प्यार की नाव में सवार
प्यार की नैया तो पार लग ही जाती है
दीवानों की दुनिया भी बस ही जाती है
पूरी बोतल का नशा चढ़ जाता है
शराब में भी कहा वो बात है
तुम्हारे होठों में दिखती प्यास है
फिर क्यों तुम्हारा मन उदास है
आज तो हम तुम्हारे ही पास हैं
करो लो आज मन की मुराद पूरी
शायद फिर हो जाए कोई मजबूरी
मन तो बावरा है, मचल जाता है
जब भी तुम्हारा चेहरा नजर आता है
तुम्हारे चेहरे में न जाने क्या है बात
जी चाहता है रोज हो मुलाकात
गर तुम भी रोज मिलती रही
तो तुम्हें भी हो जाएगा प्यार
फिर कैसे करोगी हमारी
मोहब्बत से तुम इंकार
आओ हो जाओ तुम भी
प्यार की नाव में सवार
प्यार की नैया तो पार लग ही जाती है
दीवानों की दुनिया भी बस ही जाती है
3 टिप्पणियाँ:
मन तो बावरा है, मचल जाता है
जब भी तुम्हारा चेहरा नजर आता है
सही है!
वाह-वाह क्या बात है। जवाब नहीं है आपकी लेखनी का। आप जैसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी जो खेल पत्रकार भी हों, लेखक भी हों और कवि भी और गीतकार भी, हिंदी ब्लॉग जगत की शान हैं।
...बेहतरीन!!!
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