रायपुर कामनवेल्थ बैटन का ४८वां पड़ाव
कामनवेल्थ की बैटन का रायपुर ४८वां पड़ाव होगा। यहां पर होने वाली बैटन रिले को राज्य सरकार के साथ ओलंपिक संघ के तालमेल से ऐतिहासिक बनाने का प्रयास चल रहा है। इस प्रयास की जानकारी कामनवेल्थ आयोजन समिति के सामने रखे जाने पर छत्तीसगढ़ की तैयारी को ओलंपिक संघ के अन्य राज्यों के लोगों भी बहुत सराहा है।
ये बातें यहां पर बैटन रिले की बैठक में शामिल होकर लौटे प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा ने खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि भारत में बैटन का प्रवेश २५ जून को वाघा बार्डर से हुआ है। इसके बाद से बैटन का भारत भ्रमण प्रारंभ हो गया है। भारत में बैटन के १०० पड़ाव तय हैं। इस पड़ावों में से रायपुर का पड़ाव ४८वां है। अपने ४७वें पड़ाव में भुवनेश्वर पहुंचने के बाद वहां से बैटन को ११ अगस्त को रायपुर लाया जाएगा। रायपुर जहां बैटन का ४८वां पड़ाव होगा, वहीं राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई इसका ४९वां पड़ाव होगा। यहां से बैटन अपने ५०वें पड़ाव के लिए १४ अगस्त को हैदराबाद जाएगी।
श्री होरा ने बताया कि दिल्ली में हुई बैठक में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ओलंपिक संघ और राज्य सरकार के बीच बहुत अच्छा तालमेल है और यहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेलमंत्री लता उसेंडी खेल सचिव सुब्रत साहू के अलावा खेल संचालक जीपी सिंह भी बैटन रिले को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुटे हैं। यहां पर खेल संघों के साथ बैठकों का दौर लगातार चल रहा है। श्री होरा ने बताया कि उनको दिल्ली की बैठक में जहां भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के साथ मिलने का मौका मिला, वहीं वे महासचिव राजा रणधीर सिंह से भी मिले। उनके साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान भी थे। श्री होरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ की तैयारियों की जानकारी होने पर श्री कलमाड़ी और श्री सिंह ने यहां की तैयारियों की तारीफ की और कहा कि उनको मालूम है कि छत्तीसगढ़ में जो आयोजन होता है, वह वास्तव में अच्छा होता है। उन्होंने बताया कि बैटन धावकों के लिए कामनवेल्थ आयोजन समिति ने यह तय किया है कि ६० प्रतिशत नाम राज्य सरकार तय करेगी और बाकी ४० प्रतिशत का जिम्मा प्रदेश ओलंपिक संघ को दिया गया है। श्री होरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पूरा का पूरा १०० प्रतिशत जिम्मा राज्य सरकार को देने की बात हमने कही है क्योंकि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार और ओलंपिक संघ के बीच कहीं मतभेद नहीं है। यह बात उन राज्यों के लिए है जहां पर ओलंपिक संघ और राज्य सरकारों में मतभेद है। कुछ राज्यों में ऐसी बात सामने आने पर ही ६० और ४० प्रतिशत का फैसला किया गया है। जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार और ओलंपिक संघ के बीच मतभेद की बाच सामने आई। बैठक में सारे राज्यों के अधिकारियों और ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों को खेल हित में मिलकर साथ काम करने कहा गया। बैठक में हर राज्य से आए अधिकारियों और ओलंपिक संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी परेशानियों के साथ सुझाव भी दिए। छत्तीसगढ़ के बारे में जब वहां बताया गया कि यहां किस तरह की तैयारी काफी समय से चल रही है और यहां पर खेल संघों के साथ बैठकों का दौर काफी पहले हो गया है और लगातार खेल संघों के साथ खेल विभाग तालमेल बनाकर चल रहा है तो छत्तीसगढ़ की तैयारियों की सभी से सराहना की। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ में वास्तव में जिस तरह की तैयारी चल रही है, वैसी तैयारी और किसी राज्य में अब तक सामने नहीं आई है। छत्तीसगढ़ में तो बैटन रिले से पहले एक रिहर्सल का भी आयोजन ३० जुलाई को किया जा रहा है। बैटन रिले को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी गंभीर हैं और इसके लिए ७० लाख का बजट रखा गया है।
बैटन मार्ग का निरीक्षण
रायपुर में आज बैटन रिले के मार्ग का अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में रायपुर के जिलाधीश संजय गर्ग के साथ निगम आयुक्त ओ. पी. चौधरी, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, पुलिस अधीक्षक दीपांशु काबरा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे के साथ संस्कृति विभाग के राहुल सिंह, राकेश तिवारी के साथ अन्य विभागों के भी अधिकारी शामिल थे। अधिकारियों के दल से बैटन के प्रारंभ होने वाले स्थल शहीद भगत सिंह चौक से लेकर बूढ़ापारा के आउटडोर स्टेडिमय तक करीब छह किलो मीटर के पूरे रास्ते का निरीक्षण किया और देखा कि कहीं कोई परेशानी तो नहीं होगी। इसी के साथ यह तय किया गया कि एक बड़ा मंच शहीद भगत सिंह चौक में एक मंच जयस्तंभ चौक में और एक मंच बैटन के समापन स्थल आउटडोर स्टेडियम में बनाया जाएगा। आउटडोर स्टेडियम में बारिश के मौसम को देखते हुए कुछ डोम लगाने पर भी चर्चा हुई।
ये बातें यहां पर बैटन रिले की बैठक में शामिल होकर लौटे प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा ने खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि भारत में बैटन का प्रवेश २५ जून को वाघा बार्डर से हुआ है। इसके बाद से बैटन का भारत भ्रमण प्रारंभ हो गया है। भारत में बैटन के १०० पड़ाव तय हैं। इस पड़ावों में से रायपुर का पड़ाव ४८वां है। अपने ४७वें पड़ाव में भुवनेश्वर पहुंचने के बाद वहां से बैटन को ११ अगस्त को रायपुर लाया जाएगा। रायपुर जहां बैटन का ४८वां पड़ाव होगा, वहीं राजनांदगांव, दुर्ग-भिलाई इसका ४९वां पड़ाव होगा। यहां से बैटन अपने ५०वें पड़ाव के लिए १४ अगस्त को हैदराबाद जाएगी।
श्री होरा ने बताया कि दिल्ली में हुई बैठक में उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में ओलंपिक संघ और राज्य सरकार के बीच बहुत अच्छा तालमेल है और यहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेलमंत्री लता उसेंडी खेल सचिव सुब्रत साहू के अलावा खेल संचालक जीपी सिंह भी बैटन रिले को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में जुटे हैं। यहां पर खेल संघों के साथ बैठकों का दौर लगातार चल रहा है। श्री होरा ने बताया कि उनको दिल्ली की बैठक में जहां भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी के साथ मिलने का मौका मिला, वहीं वे महासचिव राजा रणधीर सिंह से भी मिले। उनके साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान भी थे। श्री होरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ की तैयारियों की जानकारी होने पर श्री कलमाड़ी और श्री सिंह ने यहां की तैयारियों की तारीफ की और कहा कि उनको मालूम है कि छत्तीसगढ़ में जो आयोजन होता है, वह वास्तव में अच्छा होता है। उन्होंने बताया कि बैटन धावकों के लिए कामनवेल्थ आयोजन समिति ने यह तय किया है कि ६० प्रतिशत नाम राज्य सरकार तय करेगी और बाकी ४० प्रतिशत का जिम्मा प्रदेश ओलंपिक संघ को दिया गया है। श्री होरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पूरा का पूरा १०० प्रतिशत जिम्मा राज्य सरकार को देने की बात हमने कही है क्योंकि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार और ओलंपिक संघ के बीच कहीं मतभेद नहीं है। यह बात उन राज्यों के लिए है जहां पर ओलंपिक संघ और राज्य सरकारों में मतभेद है। कुछ राज्यों में ऐसी बात सामने आने पर ही ६० और ४० प्रतिशत का फैसला किया गया है। जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार और ओलंपिक संघ के बीच मतभेद की बाच सामने आई। बैठक में सारे राज्यों के अधिकारियों और ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों को खेल हित में मिलकर साथ काम करने कहा गया। बैठक में हर राज्य से आए अधिकारियों और ओलंपिक संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने अपनी-अपनी परेशानियों के साथ सुझाव भी दिए। छत्तीसगढ़ के बारे में जब वहां बताया गया कि यहां किस तरह की तैयारी काफी समय से चल रही है और यहां पर खेल संघों के साथ बैठकों का दौर काफी पहले हो गया है और लगातार खेल संघों के साथ खेल विभाग तालमेल बनाकर चल रहा है तो छत्तीसगढ़ की तैयारियों की सभी से सराहना की। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ में वास्तव में जिस तरह की तैयारी चल रही है, वैसी तैयारी और किसी राज्य में अब तक सामने नहीं आई है। छत्तीसगढ़ में तो बैटन रिले से पहले एक रिहर्सल का भी आयोजन ३० जुलाई को किया जा रहा है। बैटन रिले को ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी गंभीर हैं और इसके लिए ७० लाख का बजट रखा गया है।
बैटन मार्ग का निरीक्षण
रायपुर में आज बैटन रिले के मार्ग का अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में रायपुर के जिलाधीश संजय गर्ग के साथ निगम आयुक्त ओ. पी. चौधरी, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, पुलिस अधीक्षक दीपांशु काबरा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे के साथ संस्कृति विभाग के राहुल सिंह, राकेश तिवारी के साथ अन्य विभागों के भी अधिकारी शामिल थे। अधिकारियों के दल से बैटन के प्रारंभ होने वाले स्थल शहीद भगत सिंह चौक से लेकर बूढ़ापारा के आउटडोर स्टेडिमय तक करीब छह किलो मीटर के पूरे रास्ते का निरीक्षण किया और देखा कि कहीं कोई परेशानी तो नहीं होगी। इसी के साथ यह तय किया गया कि एक बड़ा मंच शहीद भगत सिंह चौक में एक मंच जयस्तंभ चौक में और एक मंच बैटन के समापन स्थल आउटडोर स्टेडियम में बनाया जाएगा। आउटडोर स्टेडियम में बारिश के मौसम को देखते हुए कुछ डोम लगाने पर भी चर्चा हुई।
2 टिप्पणियाँ:
जानकारी देने के लिए आभार
सषब ठीक-ठाक निपट जाए यही कामना है। बैटन छूने की ललक में सही पात्र कहीं पीछे ना धकेल दिए जाएं।
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