ब्लागरों को कुछ नहीं आता- फर्जी आईडी वाले ही हैं बड़े ज्ञाता
अपने ब्लाग जगत में लगता है फर्जी आईडी बनाकर टिप्पणी करने वाले अपने को सबसे बड़ा ज्ञाता और तोप की नाल समझते हैं। इनको लगता है कि इनका जन्म ही दूसरों को ज्ञान बांटने के लिए हुआ है। अरे भाई अगर आप इतने ही बड़े ज्ञाता हैं तो क्यों कर गुमनामी में रहना चाहते हैं अरे अपने असली नाम से सामने आएंगे तो कम से कम लोग आप जैसे महान इंसानों की पूजा तो करेंगे कि आप लोगों ने कई भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाया, जैसा कि आप लोगों को लगता है कि आप ऐसा काम कर रहे हैं। वैसे हमारा पहले भी ऐसा मानना था और आज भी है कि ऐसे लोग विकृत मानसिकता वाले होते हैं।
हमें एक बात बहुत अच्छी तरह से समझ में आ गई है कि अगर आपको ब्लाग जगत में रहना है कि तो किसी न किस गुट का हिस्सा बनकर रहना ही होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह मानकर चलिए कि यहां पर ऐसे-ऐसे महान ज्ञाता हैं जो फर्जी आईडी बनाकर आपको इतना ज्यादा परेशान कर देंगे कि या तो आप ब्लाग लिखना बंद कर देंगे या फिर आप अपने ब्लाग में मॉडरेशन लगा देंगे, नहीं तो हो सकता है कि आप अपने ब्लाग में टिप्पणी का रास्ता बंद कर दें। हमने जब से गुटबाजी से किनारा किया है, तभी से हमारे ब्लाग में करीब एक साल से कोई बड़े ज्ञाता लगातार नाम बदल-बदल कर टिप्पणी करते हैं। एक बार उनको किसी नाम से फटकार लगाने की देर नहीं होती है कि फिर से नए नाम से अवतरित हो जाते हैं। इसका मलतब साफ है कि कोई एक या फिर ज्यादा लोग हैं जो हमारे गुटबाजी से किनारा करने की वजह से खफा हैं। अरे भाई आपको अगर गुटबाजी पसंद है तो गुटबाजी में लगे रहे हमारा क्या जाता है, लेकिन जो लोग गुटबाजी में रहना पसंद नहीं करते हैं उनको क्यों कर ऐसे कीचड़ में खींचने का काम कर रहे हैं। वैसे यह बात भी है यह मानवीय प्रवृति है कि जो इंसान जैसा होता है, वो सोचता है कि दूसरे भी उनके जैसे हो जाएं। लेकिन जब कोई उनके बताए रास्ते पर नहीं चलता है तो वे ऐसे लोगों के रास्ते में बाधा बनने का काम करते हैं।
अब जिनका काम गंदगी करना है वे तो गंदगी ही करेंगे। अपने ब्लाग जगत में तो महिलाओं के साथ भी बड़ा गंदा सलूक किया जाता है। ऐसे में कई बार लगता है कि हम कहां गलत जगह आ गए हैं यार। फिर सोचते हैं कि जिनकी मानसिकता विकृत है वे तो गलत काम ही करेंगे, हमें तो बस अपना काम करना चाहिए। यही सोचकर हम अपना काम करते हैं। लेकिन हम भी इंसान हैं, जब कोई बार-बार बिना वजह हमें परेशान करने का काम करेगा तो गुस्सा आना स्वाभाविक है। जब गुस्सा ज्यादा हो जाता है तो कुछ न कुछ लिखना पड़ता है। हम जानते हैं कि ऐसे लोगों की मानसिकता यही रहती है कि उनके खिलाफ लिखा जाए, ऐसा करके हम उनका मकसद ही पूरा करते हैं, लेकिन बर्दाश्त करने की भी एक सीमा होती है। लेकिन हम जानते हैं कि कुछ लिखने से कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि एक कहावत है कि कुत्ते की पूछ को 12 साल भी नली में डाल कर रखा जाए तो वो सीधी नहीं होती है, तो फिर ये विकृत मानसिकता वाले कैसे सीधे हो सकते हैं, इनमें और कुत्ते की पूछ में अंतर तो होता नहीं है। संभव है हमारी बात किसी को बुरी लगे, लेकिन जब आप किसी को लगातार परेशान करेंगे तो उसके गुस्से का लावा तो फूटेगा ही। जब लावा निकलता है तो उसकी आग कहीं न कहीं तो लगेगी। अब आग लगे या भूचाल आए विकृत मानकिसता वालों के खिलाफ हम हमेशा लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे, ज्यादा से ज्यादा क्या होगा हमें अपने ब्लाग में टिप्पणी का रास्ता बंद करना पड़ेगा, फिर क्या करेंगे ऐसी विकृत मानसिकता वाले। हमारे अखबार के पते पर टिप्पणियों को पोस्ट करने का भी काम किया गया, हमने उन पत्रों को कचरे की पेटी का रास्ता दिखा दिया है। इनका पास जब कोई रास्ता ही नहीं होगा तो क्या करेंगे ऐसे बड़े ज्ञाता।
हमें एक बात बहुत अच्छी तरह से समझ में आ गई है कि अगर आपको ब्लाग जगत में रहना है कि तो किसी न किस गुट का हिस्सा बनकर रहना ही होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह मानकर चलिए कि यहां पर ऐसे-ऐसे महान ज्ञाता हैं जो फर्जी आईडी बनाकर आपको इतना ज्यादा परेशान कर देंगे कि या तो आप ब्लाग लिखना बंद कर देंगे या फिर आप अपने ब्लाग में मॉडरेशन लगा देंगे, नहीं तो हो सकता है कि आप अपने ब्लाग में टिप्पणी का रास्ता बंद कर दें। हमने जब से गुटबाजी से किनारा किया है, तभी से हमारे ब्लाग में करीब एक साल से कोई बड़े ज्ञाता लगातार नाम बदल-बदल कर टिप्पणी करते हैं। एक बार उनको किसी नाम से फटकार लगाने की देर नहीं होती है कि फिर से नए नाम से अवतरित हो जाते हैं। इसका मलतब साफ है कि कोई एक या फिर ज्यादा लोग हैं जो हमारे गुटबाजी से किनारा करने की वजह से खफा हैं। अरे भाई आपको अगर गुटबाजी पसंद है तो गुटबाजी में लगे रहे हमारा क्या जाता है, लेकिन जो लोग गुटबाजी में रहना पसंद नहीं करते हैं उनको क्यों कर ऐसे कीचड़ में खींचने का काम कर रहे हैं। वैसे यह बात भी है यह मानवीय प्रवृति है कि जो इंसान जैसा होता है, वो सोचता है कि दूसरे भी उनके जैसे हो जाएं। लेकिन जब कोई उनके बताए रास्ते पर नहीं चलता है तो वे ऐसे लोगों के रास्ते में बाधा बनने का काम करते हैं।
अब जिनका काम गंदगी करना है वे तो गंदगी ही करेंगे। अपने ब्लाग जगत में तो महिलाओं के साथ भी बड़ा गंदा सलूक किया जाता है। ऐसे में कई बार लगता है कि हम कहां गलत जगह आ गए हैं यार। फिर सोचते हैं कि जिनकी मानसिकता विकृत है वे तो गलत काम ही करेंगे, हमें तो बस अपना काम करना चाहिए। यही सोचकर हम अपना काम करते हैं। लेकिन हम भी इंसान हैं, जब कोई बार-बार बिना वजह हमें परेशान करने का काम करेगा तो गुस्सा आना स्वाभाविक है। जब गुस्सा ज्यादा हो जाता है तो कुछ न कुछ लिखना पड़ता है। हम जानते हैं कि ऐसे लोगों की मानसिकता यही रहती है कि उनके खिलाफ लिखा जाए, ऐसा करके हम उनका मकसद ही पूरा करते हैं, लेकिन बर्दाश्त करने की भी एक सीमा होती है। लेकिन हम जानते हैं कि कुछ लिखने से कुछ होने वाला नहीं है क्योंकि एक कहावत है कि कुत्ते की पूछ को 12 साल भी नली में डाल कर रखा जाए तो वो सीधी नहीं होती है, तो फिर ये विकृत मानसिकता वाले कैसे सीधे हो सकते हैं, इनमें और कुत्ते की पूछ में अंतर तो होता नहीं है। संभव है हमारी बात किसी को बुरी लगे, लेकिन जब आप किसी को लगातार परेशान करेंगे तो उसके गुस्से का लावा तो फूटेगा ही। जब लावा निकलता है तो उसकी आग कहीं न कहीं तो लगेगी। अब आग लगे या भूचाल आए विकृत मानकिसता वालों के खिलाफ हम हमेशा लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे, ज्यादा से ज्यादा क्या होगा हमें अपने ब्लाग में टिप्पणी का रास्ता बंद करना पड़ेगा, फिर क्या करेंगे ऐसी विकृत मानसिकता वाले। हमारे अखबार के पते पर टिप्पणियों को पोस्ट करने का भी काम किया गया, हमने उन पत्रों को कचरे की पेटी का रास्ता दिखा दिया है। इनका पास जब कोई रास्ता ही नहीं होगा तो क्या करेंगे ऐसे बड़े ज्ञाता।
7 टिप्पणियाँ:
हरामखोर लोगों की कमी नहीं है।
जिसदिन धरे जाएंगे ब्याज समेत सब वसूल हो जाएगा। अभी चार दिन पहले भी आए थे एक गन्ने की दुकान वाले।
जब तुमने माडरेशन लगा दिया है तो किक मारो और बाहर करो। स्पैम कर दो, दुबारा नहीं आएगा।
घर घर में माटी का चूल्हा
कुत्तों को भोंकने दें आप अपना काम करते रहे गुरु
ललित जी ठीक कह रहे हैं
ललित जी, हमें स्पैम के बारे में जानकारी नहीं है, कृपया बताएं
माडरेशन आपने लगा रखा है ,स्पैम करना ललित जी से सीख लीजिए !
कुत्तों को भौंकने दो, आप तो अपना काम करते रहिये बस
कुछ तो लोग कहेंगे ही, आप उनके साथ नहीं होंगे उनके मन से नहीं चलेंगे तो लोग आपको खदेड़ने का काम जरूर करने कि कोशिश करेंगे. लेकिन ये काम अपने नाम के साथ भी हो सकता है फिर गुमनामी कि जरूरत क्या है? है भाई क्योंकि फिर ब्लोगर भाइयों और बहनों द्वारा पकड़ कर मारे जायेंगे. इसलिए ऐसे लोगों को कुत्ते के भौंकने से रास्ता छोड़ तो नहीं सकते मानिए और जारी रहिये.
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