चयनकर्ता भगवान: कांबली
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विनोद कांबली का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता तो भगवान हैं। मुझे ही बिना वजह एक बार नहीं बल्कि 9 बार टीम से बाहर किया गया और बाहर करने का कारण भी नहीं बताया गया। विश्व कप में भारत के 99 प्रतिशत जीतने की उम्मीद के साथ वे कहते हैं कि टीम में एक-दो खिलाड़ियों का न हो खल रहा है।
यहां पर चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने बरसों पुरानी भड़ास निकालते हुए कहा कि चयनकर्ता तो भगवान होते हैं। बकौल श्री कांबली उनको एक बार नहीं बल्कि टीम में वापस आने के लिए 9 बार परीक्षा देनी पड़ी। मुझे हमेशा बिना किसी कारण के टीम से बाहर किया गया। वे मोहिन्दर अमरनाथ द्वारा चयनकर्ताओं को जोकर कहे जाने के बारे में कहते हैं उन्होंने चयनकर्ताओं को ऐसा संभवत: आक्रोश में कहा होगा। एक सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि उनको लगता है कि महेन्द्र सिंह धोनी की टीम विश्व कप जीतने में सफल होगी। उन्होंने कहा कि मेरी भी दिली तमन्ना है कि हमारी टीम 1983 का इतिहास दोहराए और इस बार विश्व कप जीतकर मेरे बचपन के सखा सचिन तेंदुलकर का सपना पूरा करे। वे कहते हैं कि फाइनल मुंबई में होना है और अगर हमारी टीम वहां पर फाइनल जीतती है इससे ज्यादा सुखद सचिन के लिए और कुछ नहीं हो सकता है। वे कहते हैं कि हम सब अपनी टीम का हौसला बढ़ाने का काम करें और दुआ करें कि टीम 1996 की तरह बाहर न हो।
श्रीसंत को टीम में होना था
श्री कांबली का कहना है कि भारतीय टीम वैसे तो ठीक है, लेकिन टीम में जहां एक लेग स्पिनर की कमी खल रही है, वहीं एक बल्लेबाज और होना था। वे पूछने पर कहते हैं कि श्रीसंत को टीम में होना था। एक विकेटकीपर रखना क्या जुआ नहीं है? के सवाल पर वे कहते हैं कि ऐसा नहीं है। 1992 और 96 के विश्व कप में भी एक ही विकेटकीपर टीम में थे। 99 में जरूर दो विकेटकीपर थे। वे कहते हैं कि भगवान न करे महेन्द्र सिंह धोनी धायल हों।
मैच फिक्सिंग का दाग धोया जाए
मैच फिक्सिंग पर श्री कांबली कहते हैं कि यह क्रिकेट के लिए एक बदनुमा दाग है, इसको जल्द से जल्द धोने का काम आईसीसी को करना चाहिए। पूछने पर वे कहते हैं कि उनको कभी ऐसा आॅफर नहीं मिला था। वे कहते हैं कि उन्होंने हमेशा दिल से अपने देश के लिए खेलने का काम किया है। श्री कांबली कहते हैं कि मैच फिक्सिंग में शामिल क्रिकेटरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सौरभ के साथ गलत हुआ
एक सवाल के जवाब में श्री कांबली कहते हैं कि सौरभ गांगुली के साथ गलत हुआ है। लेकिन चूंकि आईपीएल की टीमें फ्रेंचाइजी हैं ऐसे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। वे पूछने पर कहते हैं कि चीयर गर्ल्स के बारे में अब मैं क्या कह सकता हूं, मैं तो कभी आईपीएल में खेला नहीं हूं। क्या खेलने की इच्छा है, के सवाल पर वे कहते हैं खेलना तो चाहता हूं। फिर हसंते हुए कहते हैं कि लेकिन चीयर गर्ल्स के लिए नहीं।
रायपुर के बारे में राजेश ने बताया था
रायपुर के बारे में उन्होंने कहा कि वे रायपुर के बारे में अपने मित्र राजेश चौहान से बहुत तारीफ सुन चुके थे। आज पहली बार यहां आने का मौका मिला है, यहां आकर अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि मैं हीरा ग्रुप का आभारी हूं जिन्होंने मुझे यहां बुलाया। उन्होंने पूछने पर कहा कि मैंने यहां के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के बारे में सुना है। मेरा मानना है कि इतना अच्छा स्टेडियम है तो जरूर यहां पर अंतरराष्ट्रीय मैच होने चाहिए। लेकिन इसके लिए बीसीसीआई ही कुछ कर सकती है।
यहां पर चर्चा करते हुए एक सवाल के जवाब में उन्होंने बरसों पुरानी भड़ास निकालते हुए कहा कि चयनकर्ता तो भगवान होते हैं। बकौल श्री कांबली उनको एक बार नहीं बल्कि टीम में वापस आने के लिए 9 बार परीक्षा देनी पड़ी। मुझे हमेशा बिना किसी कारण के टीम से बाहर किया गया। वे मोहिन्दर अमरनाथ द्वारा चयनकर्ताओं को जोकर कहे जाने के बारे में कहते हैं उन्होंने चयनकर्ताओं को ऐसा संभवत: आक्रोश में कहा होगा। एक सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि उनको लगता है कि महेन्द्र सिंह धोनी की टीम विश्व कप जीतने में सफल होगी। उन्होंने कहा कि मेरी भी दिली तमन्ना है कि हमारी टीम 1983 का इतिहास दोहराए और इस बार विश्व कप जीतकर मेरे बचपन के सखा सचिन तेंदुलकर का सपना पूरा करे। वे कहते हैं कि फाइनल मुंबई में होना है और अगर हमारी टीम वहां पर फाइनल जीतती है इससे ज्यादा सुखद सचिन के लिए और कुछ नहीं हो सकता है। वे कहते हैं कि हम सब अपनी टीम का हौसला बढ़ाने का काम करें और दुआ करें कि टीम 1996 की तरह बाहर न हो।
श्रीसंत को टीम में होना था
श्री कांबली का कहना है कि भारतीय टीम वैसे तो ठीक है, लेकिन टीम में जहां एक लेग स्पिनर की कमी खल रही है, वहीं एक बल्लेबाज और होना था। वे पूछने पर कहते हैं कि श्रीसंत को टीम में होना था। एक विकेटकीपर रखना क्या जुआ नहीं है? के सवाल पर वे कहते हैं कि ऐसा नहीं है। 1992 और 96 के विश्व कप में भी एक ही विकेटकीपर टीम में थे। 99 में जरूर दो विकेटकीपर थे। वे कहते हैं कि भगवान न करे महेन्द्र सिंह धोनी धायल हों।
मैच फिक्सिंग का दाग धोया जाए
मैच फिक्सिंग पर श्री कांबली कहते हैं कि यह क्रिकेट के लिए एक बदनुमा दाग है, इसको जल्द से जल्द धोने का काम आईसीसी को करना चाहिए। पूछने पर वे कहते हैं कि उनको कभी ऐसा आॅफर नहीं मिला था। वे कहते हैं कि उन्होंने हमेशा दिल से अपने देश के लिए खेलने का काम किया है। श्री कांबली कहते हैं कि मैच फिक्सिंग में शामिल क्रिकेटरों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सौरभ के साथ गलत हुआ
एक सवाल के जवाब में श्री कांबली कहते हैं कि सौरभ गांगुली के साथ गलत हुआ है। लेकिन चूंकि आईपीएल की टीमें फ्रेंचाइजी हैं ऐसे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। वे पूछने पर कहते हैं कि चीयर गर्ल्स के बारे में अब मैं क्या कह सकता हूं, मैं तो कभी आईपीएल में खेला नहीं हूं। क्या खेलने की इच्छा है, के सवाल पर वे कहते हैं खेलना तो चाहता हूं। फिर हसंते हुए कहते हैं कि लेकिन चीयर गर्ल्स के लिए नहीं।
रायपुर के बारे में राजेश ने बताया था
रायपुर के बारे में उन्होंने कहा कि वे रायपुर के बारे में अपने मित्र राजेश चौहान से बहुत तारीफ सुन चुके थे। आज पहली बार यहां आने का मौका मिला है, यहां आकर अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि मैं हीरा ग्रुप का आभारी हूं जिन्होंने मुझे यहां बुलाया। उन्होंने पूछने पर कहा कि मैंने यहां के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के बारे में सुना है। मेरा मानना है कि इतना अच्छा स्टेडियम है तो जरूर यहां पर अंतरराष्ट्रीय मैच होने चाहिए। लेकिन इसके लिए बीसीसीआई ही कुछ कर सकती है।
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