पत्र भी आएगा तो कचरा पेटी में जाएगा
कल एक बार फिर से हमारे अखबार के पते पर एक पत्र आया जिसमें फर्जी आईडी वाले किसी बंदे की टिप्पणियां थीं। इन टिप्पणियों के साथ साफ लिखा था कि हमारा मकसद आपको परेशान करना और टेंशन देना है। अगर आप टिप्पणियों का प्रकाशन नहीं करेंगे तो हम पत्र से भेजेंगे। हम ऐसी विकृत मासिकता वाले उस घटिया इंसान को बताना चाहते हैं कि उसके पत्रों का हाल भी वही होगा जो उनकी टिप्पणियों का होता है। यानी वो सारे पत्र भी बिना पढ़े कचरे की पेटी में चले जाएंगे।
न जाने किस की ये घटिया और विकृत मानसिकता है कि वह साफ-साफ कहता है कि हम आपको परेशान कर रहे हैं और परेशान करते रहेंगे। अगर आप हमारी टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं करेंगे, तो हम पत्र से भेजेंगे। बेशक पत्र से टिप्पणियों को भेजने का काम करके अपने पैसे बर्बाद करें, हमें इससे कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। हमने कल के पत्र के बाद अपने अखबार की डाक लाने वाले बंदे से साफ कह दिया है कि अगर हमारे नाम का कोई भी पत्र आता है तो उसे हमसे पूछे बिना कचरे की पेटी में डाल दिया करें। हमारे नाम से कभी अखबार के पते पर कोई पत्र आता नहीं है। हमारे मित्रों को पहले तो पत्र लिखने की जरूरत पड़ती नहीं है। आज का जमाना वैसे भी पत्र का नहीं है। एक तो मोबाइल पर बात हो जाती है, दूसरे किसी को पत्र भेजना रहता है तो वह ई-मेल कर देता है।
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