सम्मान भी है बिकाऊ-अंटी में पैसा है तो आप भी करा ले भाऊ
आप ब्लागर हैं, या पत्रकार हैं, या फिर कोई कलाकार या फिर सामाजिक या किसी भी क्षेत्र से जुड़े हैं। हम आपका सम्मान करवा सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको हमारी एक बात माननी पड़ेगी, आपको हमें कुछ डोनेशन देना होगा, तभी यह संभव है। आप जितने बड़े मंत्री या किसी खास आदमी से अपना सम्मान करवाना चाहते हैं, उतनी बड़ा रकम देनी पड़ेगी। आज कल सम्मान में कुछ इस तरह का प्रचलन हो गया है। इसी के साथ एक बात यह भी है कि अगर आप डोनेशन नहीं देते हैं तो आपका ऐसा जुगाड़ जरूरी है कि आपकी किसी ऐसी संस्था से अच्छी खासी जान पहचान हो जो लोगों का सम्मान करती है।
कल ही हमारी मित्र मंडली में अचानक सम्मान को लेकर बात चल पड़ी। बात इसलिए निकली क्योंकि अपने शहर में एक संस्था कुछ लोगों का सम्मान कर रही थी, इस सम्मान समारोह में कुछ ऐसे लोग भी थे, जो जुगाड़ करके अपना सम्मान करवा रहे थे। ऐसे में यह बात निकली कि आज कल किस तरह से सम्मान बिकाऊ हो गया है। अगर आपके पास पैसे हैं और आप कुछ लिखना-पढऩा नहीं भी जानते हैं तो कोई बात नहीं आपका इस तरह से सम्मान हो जाएगा कि आप सोच भी नहीं सकते है। आपने भले समाज के हित के लिए कोई काम न किया हो, पर पैसे हैं तो आप सबसे बड़े समाज सेवी के सम्मान से नवाज जा सकते हैं। आप किसी भी क्षेत्र के लिए अपना सम्मान करवा सकते हैं, बस आपकी अंटी में पैसे होने चाहिए।
अपने राज्य और देश में ऐसी संस्थाओं की कमी नहीं है, जो पैसे लेकर सम्मान करने का काम करती हैं। ऐसी संस्थाएं उन लोगों को सम्मान मुफ्त में कर देती हैं जो उनकी संस्था के गुणगान करने का मादा रखते हैं, ऐसे लोगों में ज्यादातर मीडिया से जुड़े लोग होते हैं। चूंकि हम भी मीडिया से करीब दो दशक से जुड़े हुए हैं ऐसे में हम यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि मीडिया से जुड़े कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए जो वास्तव में सम्मान के लायक रहे हैं, तो ज्यादातर का सम्मान ऐसे ही होते हैं कि उनको खुश करने के लिए संस्थाएं ऐसा करती हैं।
एक नहीं कई ऐसे उदाहरण हैं कि नए नवेलो का यहां पर सम्मान हो जाता है और जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी पत्रकारिता में खफा दी उनको कोई पूछता नहीं है। आज का जमाना चापलूसी का है। अगर आप में यह गुण हैं तो हर संस्था आपका सम्मान करेगी। लेकिन इसी के साथ यह भी जरूरी है कि आपको अपने जमीर को किनारे रखना पड़ेगा। जमीर वाले कभी अपना सम्मान इस तरह से नहीं करवा सकते जिस तरह से आज होता है। वैसे आज के जमाने में कितनों को जमीर की परवाह है। जमीर होता तो अपने देश का यह हाल कभी न होता। आज पूरा देश भ्रष्टाचार की आग में जल रहा है, सब तमाशा देख रहे हैं। तमाशा देखना तो हम सबका पहला काम है। सड़क पर मनचले किसी लड़की को छेड़ रहे होते हैं, हम सब बस तमाशा ही तो देखते हैं, कोई आगे बढ़कर उन मनचलों को रोकने की हिम्मत इसलिए नहीं करता है कि न जाने वे मनचले उनका क्या हाल कर दें। हो सकता है कि उनमें से किसी के पास कोई हथियार हो तो वह उससे विरोध करने वाले की हत्या ही कर दें। ऐसी कई वारदातें हो चुकी हैं।
बहरहाल अगर आप भी अपना सम्मान करवाने में रुचि रखते हैं तो अपने आप-पास तलाश कर लें कोई न कोई ऐसी संस्था जरूर मिल जाएगी जो कुछ ले कर आपको तीर मार खां साबित कर दे देगी। फिर आप वह पट्टा लटकाकर घुम सकते हैं कि आप भी फला क्षेत्र के सबसे बड़े तीस मार खां हैं।
कल ही हमारी मित्र मंडली में अचानक सम्मान को लेकर बात चल पड़ी। बात इसलिए निकली क्योंकि अपने शहर में एक संस्था कुछ लोगों का सम्मान कर रही थी, इस सम्मान समारोह में कुछ ऐसे लोग भी थे, जो जुगाड़ करके अपना सम्मान करवा रहे थे। ऐसे में यह बात निकली कि आज कल किस तरह से सम्मान बिकाऊ हो गया है। अगर आपके पास पैसे हैं और आप कुछ लिखना-पढऩा नहीं भी जानते हैं तो कोई बात नहीं आपका इस तरह से सम्मान हो जाएगा कि आप सोच भी नहीं सकते है। आपने भले समाज के हित के लिए कोई काम न किया हो, पर पैसे हैं तो आप सबसे बड़े समाज सेवी के सम्मान से नवाज जा सकते हैं। आप किसी भी क्षेत्र के लिए अपना सम्मान करवा सकते हैं, बस आपकी अंटी में पैसे होने चाहिए।
अपने राज्य और देश में ऐसी संस्थाओं की कमी नहीं है, जो पैसे लेकर सम्मान करने का काम करती हैं। ऐसी संस्थाएं उन लोगों को सम्मान मुफ्त में कर देती हैं जो उनकी संस्था के गुणगान करने का मादा रखते हैं, ऐसे लोगों में ज्यादातर मीडिया से जुड़े लोग होते हैं। चूंकि हम भी मीडिया से करीब दो दशक से जुड़े हुए हैं ऐसे में हम यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि मीडिया से जुड़े कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए जो वास्तव में सम्मान के लायक रहे हैं, तो ज्यादातर का सम्मान ऐसे ही होते हैं कि उनको खुश करने के लिए संस्थाएं ऐसा करती हैं।
एक नहीं कई ऐसे उदाहरण हैं कि नए नवेलो का यहां पर सम्मान हो जाता है और जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी पत्रकारिता में खफा दी उनको कोई पूछता नहीं है। आज का जमाना चापलूसी का है। अगर आप में यह गुण हैं तो हर संस्था आपका सम्मान करेगी। लेकिन इसी के साथ यह भी जरूरी है कि आपको अपने जमीर को किनारे रखना पड़ेगा। जमीर वाले कभी अपना सम्मान इस तरह से नहीं करवा सकते जिस तरह से आज होता है। वैसे आज के जमाने में कितनों को जमीर की परवाह है। जमीर होता तो अपने देश का यह हाल कभी न होता। आज पूरा देश भ्रष्टाचार की आग में जल रहा है, सब तमाशा देख रहे हैं। तमाशा देखना तो हम सबका पहला काम है। सड़क पर मनचले किसी लड़की को छेड़ रहे होते हैं, हम सब बस तमाशा ही तो देखते हैं, कोई आगे बढ़कर उन मनचलों को रोकने की हिम्मत इसलिए नहीं करता है कि न जाने वे मनचले उनका क्या हाल कर दें। हो सकता है कि उनमें से किसी के पास कोई हथियार हो तो वह उससे विरोध करने वाले की हत्या ही कर दें। ऐसी कई वारदातें हो चुकी हैं।
बहरहाल अगर आप भी अपना सम्मान करवाने में रुचि रखते हैं तो अपने आप-पास तलाश कर लें कोई न कोई ऐसी संस्था जरूर मिल जाएगी जो कुछ ले कर आपको तीर मार खां साबित कर दे देगी। फिर आप वह पट्टा लटकाकर घुम सकते हैं कि आप भी फला क्षेत्र के सबसे बड़े तीस मार खां हैं।