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गुरुवार, अप्रैल 23, 2009

आईपीएल का खेल-भारत के बाहर फेल

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल को आयोजक अपनी मनमर्जी के चलते भारत के बाहर द. अफ्रीका ले तो गए हैं, पर अफ्रीका में जिस तरह से लगातार बारिश के कारण मैच या तो रद्द हो रहे हैं, या फिर डकवर्थ लुईस नियम से मैचों का फैसला हो रहा है, उससे साफ लग रहा है कि आईपीएल के असली मजे तो पूरा तेल निकल गया है। वैसे भी आईपीएल का कार्यक्रम भारत के मौसम के हिसाब से बना था। आयोजकों को आईपीएल को भारत स बाहर करने का एक ही ऐसा फायदा मिला है, जो भारत में रहते नहीं मिल पाता। वह है जमकर चियर्स गर्ल्स का इस्तेमाल करते हुए अश्लीलता का नंगा नाच करने का। आईपीएल के बारे में क्रिकेटरों का नजरिया भले क्रिकेट के लिए सकारात्मक हो, लेकिन जहां तक आमजनों और खेल के पंडितों का सवाल है तो कोई भी यह मानने को तैयार नहीं है कि आईपीएल से क्रिकेट का कोई भला होने वाला है। आईपीएल से क्रिकेट का क्या होगा उसकी तस्वीर सामने आने लगी है। आईपीएल के कारण क्रिकेटर फ्रेंचाइजी मालिकों के हाथों की कठपुतली बनते जा रहे हैं।
आईपीएल का खेल इस समय द. अफ्रीका में चल रहा है और इस दूसरे संस्करण में मैचों का मजा जिस तरह से आना चाहिए, वह नहीं आ पा रहा है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि क्रिकेट का कोई भी मैच हो उसका पूरा मजा लेने का काम दर्शक तो करते ही हैं। ऐसे में आईपीएल का जादू इस समय पूरे विश्व के खेल प्रेमियों के सिर चढ़कर बोल रहा है। अब यह बात अलग है कि क्रिकेट प्रेमी जिस तरह का रोमांच इस दूसरे संस्करण में चाहते थे, वैसा उनको अब तक नहीं मिल पाया है। भारत में हुए पहले संस्करण को याद किया जाए तो इसका जलवा अलग ही था। वैसे भी यह बात सब जानते हैं कि भारत में ही क्रिकेट के चाहने वाले ज्यादा है। विदेशी खिलाड़ी भी यह मानते हैं कि उनको जितना मान-सम्मान भारत में मिलता उतना कहीं और नहीं मिलता है। चाहे कंगारू क्रिकेटरों की बात हो या फिर कैरेबियन क्रिकेटरों की हर देश का क्रिकेटर भारत की जमीन पर ही खेलना पसंद करता है। आईपीएल के दूसरे संस्करण में कोलकाता की टीम से खेलने वाले क्रिस गेल को इस बात का मलाल है कि आईपीएल का दूसरा संस्करण भारत में नहीं हो रहा है। लेकिन वे भी क्या कर सकते हैं उनको अपने फ्रेंचाइजी मालिक का आदेश मानना है। बकौल गेल उनके चाहने वाले भारत में ज्यादा हैं। यह एक गेल की ही बात नहीं है। आईपीएल में खेलने वाले हर विदेशी खिलाड़ी के साथ यह बात है। सब जानते हैं कि जब उनका बल्ला चलता है या फिर गेंदों से विकेट की गिल्लियां उखड़ती हैं तो किस तरह से भारतीय दर्शक उनकी तारीफ करते हैं। ऐसी तारीफ तो किस भी क्रिकेटर को और किसी देश में मिल ही नहीं सकती है। आईपीएल का आयोजन करने वाले शायद यह बात भूल गए थे कि भारत जैसा क्रिकेट का दीवान देश तो उनको विश्व के नक्शे में कहीं मिल ही नहीं सकता है। अगर आईपीएल के आयुक्त ललित मोदी ने थोड़ी सी समझदारी से काम लिया होता तो आईपीएल का खेल भारत के बाहर जाता ही नहीं और उसके फेल होने की बात ही नहीं होती। लेकिन श्री मोदी तो लगता है कि अपने आकाओं को खुश करने में लगे थे। श्री मोदी आईपीएल को द. अफ्रीका ले जाकर इतने ज्यादा खुश हैं कि वे यह भी भूल गए कि क्रिकेट और ओलंपिक में कितना अंतर होता है। उन्होंने तो ओलंपिक के आयोजकों को ही सलाह दे डाली कि आईपीएल से प्ररेणा लेनी चाहिए। कि कैसे कम समय में एक बड़ा आयोजन किया जा सकता है। मोदी साहब एक बार ओलंपिक का आयोयन करके देखिए फिर समझ में आएगा कि ओलंपिक क्या होता है। चंद देशों की टीमें वो भी एक खेल के लिए, उनकी व्यवस्था करना आसान होता है ओलंपिक में जितने देशों के खिलाड़ी कई खेलों के लिए आते हैं उतने के लिए व्यवस्था करने में तेल निकल जाता है।
बहरहाल हम बात करें आईपीएल की। आईपीएल में जिस तरह से लगातार बारिश के कारण मैचों का मजा किरकरा हो रहा है, उससे शुरुआती दौर में यह बात लगने लगी है कि आईपीएल का यह संस्करण सफल नहीं होने वाला है। वैसे तो यह बात तभी तय लग रही थी जब इसको भारत के बाहर किया जा रहा था। लंदन में इसका आयोजन इसलिए नहीं किया गया क्योंकि वहां पर इस समय बारिश का मौसम है। द. अफ्रीका में भी बारिश का समय है, लेकिन वहां बारिश से मैच कम बाधित होंगे ऐसा कहा गया था, लेकिन बारिश से मैच लगातार प्रभावित हो रहे हैं और खेल प्रेमी निराश हो रहे हैं। आईपीएल को देश के बाहर करने का एक ही फायदा आयोजकों को हुआ है कि वहां पर खुले आम अश्लीलता की छूट मिली हुई है। अफीका में इस बात के लिए कोई रोक नहीं है कि चियर्स गर्ल्स किस तरह के कपड़े पहनकर डांस करती हैं। वहां पर अगर बिना कपड़ों के भी चियर्स गर्ल्स डांस करने लगे तो कोई रोकने वाला नहीं है। भारत में पहले संस्करण में कोर्ट ने ही आयोजकों को फटकारा था और कोर्ट के आदेश के बाद ही चियर्स गर्ल्स को सभ्यता के दायरे में रखा गया था।

5 टिप्पणियाँ:

guru गुरु अप्रैल 23, 09:30:00 am 2009  

ये तो होना ही था गुरु

बेनामी,  गुरु अप्रैल 23, 09:42:00 am 2009  

क्रिकेट के दीवाने जैसे कहां मिल सकते हैं, आईपीएल के आयोजक यह बात समझ जाते तो उनको बाहर जाना ही क्यों पड़ता

anu गुरु अप्रैल 23, 12:50:00 pm 2009  

ललित मोदी क्या जाने ओलंपिक का आयोजन कैसा होता है दम है तो ऐसा आयोजन करके दिखाए

rajesh patel गुरु अप्रैल 23, 08:22:00 pm 2009  

चियर्स गर्ल्स का अश्लील डांस तो देश के बाहर ही हो सकता है

बेनामी,  गुरु अप्रैल 23, 08:25:00 pm 2009  

मोदी साहब एक बार ओलंपिक का आयोयन करके देखिए फिर समझ में आएगा कि ओलंपिक क्या होता है। बिलकुल ठीक कहा आपने
बशीर अहमद खान

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