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गुरुवार, अप्रैल 09, 2009

कलयुगी बाप-बन रहे हैं सांप

आज सुबह-सुबह फिर अखबार में यह खबर आई की छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रहने वाला एक और कलयुगी बाप सांप बन गया और हवस की अंधी आग में उसने अपनी बेटी को ही डस लिया। यह बाप तो ऐसा था जो लगातार 10 साल से अपनी बेटी को अपने जहर से कांटने का काम कर रहा था। जब बात बर्दाश्त से बाहर हो गई तो अंत में बेटी ने लोक-लाज की परवाह किए बिना अपने उस बाप को जो सांप बन गया था समाज के सामने करने का साहस दिखाया। परिणाम यह रहा कि उस सांप को कुचलने के लिए उस युवती के परिजन पील पड़े। इस एक घटना के कुछ समय पहले ही छत्तीसगढ़ के एक शहर बेमेतरा में भी ऐसी ही घटना हुई थी जब एक बेटी ने अपने बाप पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। आज देश का कोई भी शहर नहीं बचा है जहां पर कलयुगी बाप सांप न बन रहे हैं। इसी के साथ यह बात भी सामने आती रही है कि ज्यादातर महिलाओं के साथ उनके रिश्तेदार ही बलात्कार करने का काम करते हैं। महिला आयोग ने भी यह बात मानी है कि आज नारी अगर सबसे ज्यादा असुरक्षित कहीं है तो वह अपने ही घर की चार-दीवारी में है। सेक्स की अंधी दौड़ में आज लोग रिश्तों को भी भूल गए हैं। बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को भी आज के कलयुगी बाप अब लगातार कंलकित करने लगे हैं। इनको बाप कहने की बजाए सांप कहना ज्यादा उचित है। आज छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की एक 21 वर्षीय युवती के साथ हुई घटना सामने आई। इस घटना में युवती ने जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उसका सगा बाप उसके साथ तब से बलात्कार कर रहा है जब महज 11 साल की थी। समाज के डर से उसने यह बात किसी को नहीं बताई। आज जबकि उसने इस बात का खुलासा कर दिया है तो युवती के आरोप को उसकी मां ही नकार रही है। इधर कलयुगी बाप को जब उसके रिश्तेदारों से मार-मार कर अधमरा कर दिया तो इस बारे में युवती ने कहा कि उसके रिश्तेदार चाहते हैं कि उसका बाप मर जाए ताकि उसका बयान न लिया जा सके और मेरा आरोप लगत साबित हो जाए। युवती का कहना है कि उसके बाप का बयान जरूरी है। ठीक इसी तरह की एक और घटना कुछ समय पहले तब सामने आई थी जब बेमेतरा की एक युवती ने घर से भाग कर अपने प्रेमी से शादी कर ली थी और आरोप लगाया था कि उसके साथ उसका बाप काफी समय से बलात्कार करते रहा है। इस युवती के आरोप को उसके बाप के साथ मां से मीडिया के सामने रो-रोकर गलत बताया था। यह सोचने वाली बात है कि आखिर एक युवती क्यों कर अपने सगे बाप पर ही ऐसा आरोप लगाएगी। इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज के कलयुगी बापों की हवस की शिकार युवतियां लगातार बन रही हैं। कानून में इन बलात्कारी बापों के लिए कोई कड़ी सजा नहीं है। ऐसे बापों को तो मुस्लिम देशों के कानून की तरह से सजा मिलनी चाहिए। होना तो यह चाहिए कि बाप-बेटी के रिश्ते को अपवित्र करने वाले ऐसे सांपों को खुले आम फांसी दे देनी चाहिए। लेकिन इसका क्या किया जाए कि अपने देश में ऐसा कोई कानून नहीं है। आज यही वजह है कि बलात्कार के लिए ज्यादा कड़ा कानून न होने के कारण ही नारी आज अपने ही नाते-रिश्तेदारों ही हवस का शिकार ज्यादा बन रही है। महिला आयोग की बातों पर गौर करें को आयोग भी मानता है कि ज्यादातर मामलों में महिलाएं अपने घरों में यौन शोषण का शिकार होती हैं, और लोक-लाज के डर से वो सामने नहीं आ पाती हैं। जो महिलाएं सामने आती हैं, उन पर कई तरह के दबाव रहते हैं। फिर जब मामला अदालत में जाता है तब उस पीडि़त महिला से अपने वकील कैसे-कैसे सवाल करते हैं यह बताने की जरूरत नहीं है। इन्हीं सब बातों का ध्यान करते हुए ही अंतत: महिलाओं को अत्याचार बर्दाश्त करने पड़ते हैं। लेकिन ऐसा करके वो ठीक नहीं करती हैं, आज वह समय आ गया है जब अपने खिलाफ होने वाले अत्याचार के लिए महिलाओं को अपनी आवाज उठानी ही पड़ेगी। और जो भी ऐेसे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाए उसका पूरे समाज को साथ देना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है और समाज के लोग ही ऐसी महिलाओं को दबाने का काम करते हैं। धन्य हैं वो लड़कियां जिन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि उनके बाप वास्तव में कितने बड़े सांप हैं जो उनको ही डसने का काम कर रहे हैं। सोचने वाली बात है कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। आखिर ऐसा क्या कारण है जो लोग हवस की आग में रिश्तों को भी ताक में रख देते हैं। मनोवैज्ञानिकों की मानें तो इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण ऐसी गंदी फिल्में हैं जिनको देखकर लोग बेकाबू हो जाते हैं और अपनी सेक्स की भूख को मिटाने के लिए किसी को भी अपना शिकार बना लेते हैं। ऐसी फिल्में देखने वालों को जब अपने ही घर में एकांत में रिश्ते की कोई भी युवती, महिला मिल जाती है तो उसको वो शिकार बनाने से पीछे नहीं हटते हैं। घरों का एकांत आज नारी जाति के लिए ज्यादा घातक साबित हो रहा है।

5 टिप्पणियाँ:

निर्मला कपिला गुरु अप्रैल 09, 11:12:00 am 2009  

aisa ek vakya nahi hai ye kodh ab bhiyanak roop le raha hai jo nari jati ke liye ghatak hai aur purush ke liye dhikkar hai

दिनेशराय द्विवेदी गुरु अप्रैल 09, 11:28:00 am 2009  

इस तरह की घटनाएँ पहले भी होती थीं लेकिन दबा दी जाती थीं। अब वे सामने आने लगी हैं। यह एक अच्छी बात है कि वे सामने आती हैं और अपराधी का चेहरा लोगों के सामने आ जाता है।

Unknown गुरु अप्रैल 09, 12:38:00 pm 2009  

यह हमेशा होता रहा है और होता रहेगा ।

guru गुरु अप्रैल 09, 02:56:00 pm 2009  

अब आपने सही दिशा पकडी है

बेनामी,  शुक्र अप्रैल 10, 12:07:00 am 2009  

बाप-बेटी के रिश्ते को अपवित्र करने वाले ऐसे सांपों को खुले आम फांसी दे देनी चाहिए-ठीक कहा आपने
अजीत राजपूत कोरबा

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