भैरव बाबा के दरबार में शिवलिंगों की छटा-बस्तर यात्रा-2
माता दंतेश्वरी के दर्शन करने के बाद जब हम लोग माता के दरबार के पीछे वाले हिस्से में गए तो वहां पर एक नया गार्डन बना हुआ नजर आया। इस गार्डन के ठीक पीछे भैरव बाबा के दरबार की जानकारी होने पर उनके दर्शन के लिए हम लोग चल दिए। एक पूल क्रास करने के बाद कोई आधे किलो मीटर के फासले के बाद भैरव बाबा का दरबार नजर आया। यहां पर जाकर देखा तो पाया कि इस दरबार में मंदिर के हर तरफ शिव लिंग हैं। भैरव बाबा का ऐसा दरबार पहले कभी देखने का सौभाग्य नहीं मिला था। मंदिर के सामने शिव लिंग के साथ मंदिर के दोनों तरफ तीन-तीन शिव लिंग हैं। इसी के साथ मंदिर परिसर में अंखड बेल का दुर्लभ पेड देखने को मिला। इसे भी हमने अपने कैमरे में कैद कर लिया। हम एक बार फिर से ज्यादा कुछ न लिखते हुए फोटो ज्यादा दे रहे हैं। आगे लिखने को बहुत कुछ है। कुटुमसर गुफा की फोटो भी देखने लायक है। इसी के साथ हम आगे यह भी बताएंगे कि कैसे हमने बारसूर ने चित्रकूट के उस 46 किलो मीटर के रास्ते का रोमांचक सफर तय किया जिसके बारे में कहा जाता है कि इस रास्ते में अक्सर नक्सली लैंड माइंस लगा देते हैं। इस रास्ते पर जाने के लिए मना करने के बाद हम गए और सही सलामत पहुंचे अपनी मंजिल तक। फिलहाल आप भैरव बाबा का दरबार देखें।
5 टिप्पणियाँ:
आभार दर्शन का!
आपकी पोस्ट के माध्यम से हम भी दर्शन कर लिए
वाकई मजा आ गया, ऐसी सुरम्य जगहों पर आनन्द ही कुछ ओर है।
बिना गये सैर का मजा आ रहा है। मौका मिलते ही भुनाने की कोशिश करूंगा।
देख-पढ़-सुन रहे हैं आपकी यात्रा के वृत्तांत… बहुत खूब… आगे की कड़ियों को भी छोड़ेंगे नहीं… क्योंकि हमारी किशोरावस्था के 4 वर्ष हमने छत्तीसगढ़ में गुज़ारे हैं… :) :) (याद न जाये बीते दिनों की…)
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