बस्तर के सौदर्य को करीब से देखकर आज ही लौटे हैं
काफी समय से घुमने जाने की इच्छा थी। सोचा कि चलो बस्तर की ही सैर कर ली जाए। बस्तर में ऐसा सौदर्य है जिसकी कल्पना करना सहज नहीं है। हमने जिस दिन वहां जाने का कार्यक्रम बनाया उसके ठीक एक दिन पहले नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे। हमारे कुछ मित्रों ने मना किया कि बस्तर न जाए। पर हमने अपना इरादा नहीं बदला और अपने मित्रों के साथ गए और पांच दिनों तक बस्तर के सौदर्य को करीब से देखा। वहां हमने क्या-क्या देखा इसके बारे में विस्तार से जरूर बताएँगे। हम तो उस रास्ते पर भी गए जिस रास्ते को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। अपनी बस्तर यात्रा में हमने इतनी तस्वीर खींचीं हैं कि हर तस्वीर देखने योग्य है। अब हमें यह तय करना है कि अपने ब्लागर मित्रों और पाठकों के लिए क्या-क्या पेश किया जाए। हमने वहां पर करीब 400 तस्वीरें लीं हैं और हर तस्वीर कुछ न कुछ बोलती है। हमने सोचा कि चलो पहले अपने मित्रों को बता दें कि हम बस्तर से वापस आ गए हैं। वैसे हमने वहां जाने की बात ब्लागर मित्रों को बताई नहीं थी। हमने अपने ब्लाग राजतंत्र में वहां जाने से पहले चार पोस्ट शेड्यूल कर दी थी ताकि कोई भी दिन खाली न रहे। बस आज का ही दिन खाली जा रहा था सो आते ही हमने सोचा कि चलो कुछ लिख दिया जाए। बाकी बातें कल करेंगे। फिलहाल लेते हैं विदा।
9 टिप्पणियाँ:
बहुत अच्छी पोस्ट। हम यूं ही भय की वजह से आदिवासी इलाकों के सौंदर्य को नजरअंदाज करते हैं। आपने बस्तर की तारीफ की, अच्छा लगा।
तस्वीरें देखने की उत्सुकता है राजकुमार जी… जल्दी से 4 ठो पोस्ट और ठेली जायें…
बस्तर का आदिवासी स्वरूप ही अब तक रखा गया है. उत्सुकता है आपकी यात्रा वृत्तांत और वहाँ के चित्र देखने के लिये.
प्रकृति ने दिल खोल कर यहां अपनी नेमत बरसाई है। आतंक और दहशतगर्दी के धूएं से प्रदूषित ना हो जाए यही कामना है।
आपकी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी।
meri ek lambe arse se tamanna hai ki BASTAR ke area men ghoomne jaaya jaaye...... lekin aisa sambhav nahin ho paaya.
pictures dekhne ko utsuk hun
aabhaar
अरे!ये तो बहुत बड़ा काम कर दिया।
सच में ये बस्तर की फ़ोटु है या और कहीं की।
मै इसलिए पुछ रहा हुँ कि यहां पर केवल
एक आदमी जैसा ही दिख रहा है।
सारी तस्वीरें पिकासा पर चढ़ाकर लिंक दे दिजिये. वहीं देख लेंगे. यहाँ चुनिंदा छाटकर वृतांत सुनाया जाये पग दर पग.
पिकासा पर ठेलिये तस्वीरें अब रुकते नहीं बन रहा है सौन्दर्य देखने के लिये ।
वैसे भी हम प्रकृति के दीवाने हैं, जल्दी से कुछ खास खास लिख दीजिये।
vivran padhne ke sath tasveerein dekhna chahenge apan bhi
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