गर्मी में ठंडक का अहसास कराती चित्रकूट की धारा- बस्तर यात्रा-5
बस्तर यानी जगदलपुर गए और वहां जाने के बाद आप चित्रकूट नहीं गए तो कोई मतलब नहीं है। भरी गर्मी में वहां जाने के बाद जो सकून मिलता है उसकी कल्पना आप कर ही नहीं सकते हैं। इतनी गर्मी के बाद भी वहां की कल-कल करती जलधारा को देखकर जो ठंडक मिलती है उसका अहसास करना है तो वहां जरूर जाएँ। आप चित्र देखकर ही समझ सकते हैं कि चित्रकूट जाने के बाद आप क्या महसूस करेंगे। चित्रकूट की जगदलपुर से महज 40 किलो मीटर की दूरी है। लेकिन हम यहां पर बारसूर के जिस रास्ते से गए थे, वह रास्ता पूरी तरह से नक्सल प्रभावित है और पूरा जंगल वाला है। इस जंगल वाले नक्सल प्रभावित करीब 46 किलो मीटर की यात्रा की बातें हम बाद में बताएँगे फिलहाल आप लें चित्रकूट के चित्रों का मजा।
9 टिप्पणियाँ:
वाह! घर बैठे चित्रकूट का मजा आ गया। धन्यवाद!
बढ़िया
धारा प्रवाह कुछ कम हो गया लगता है वरना पहले तो ...
बहुत बचपन में चित्रकूट गये थे..तब भिलाई ३ में सरकारी स्कूल में ५वीं में थे..आज यद ताजा हुई.
सुन्दर चित्र ।
प्रिय भाई राजकुमार,
धमाकों के बीच तुम बस्तर घूम आएं यह कम बड़ा साहस नहीं है। वैसे यह तय है कि बस्तर है बहुत ही खूबसूरत। पता नहीं लोग इसकी खूबसूरती को क्यों खराब करना चाहते हैं। फोटो अच्छी है।
सुंदर तस्वीरें।
गर्मी का असर धारा प्रवाह पर हुआ लग रहा है।
बहुत बढिया जानकारी दी है राजकुमार जी .... चित्र देखकर तबियत खुश हो गई ..कभी देखूंगा .
दो साल पहले प्रेस टूर पर बस्तर जाना हुआ था। प्रताप और आपके फोटो देखकर सारी यादें ताजा हो आई। बहुत अच्छी तस्वीरें हैं।
चल रहे हैं सफर में साथ...
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