क्या करें कोई तो बताए
हमारे एक मित्र ने हमसे एक सवाल किया है जो हम यहां अपने ब्लागर मित्रों से पूछ रहे है-
सवाल है- जब इंसान हर तरफ से निराश हो जाए और उसका भगवान पर से भी विश्वास उठ जाए तो उसे क्या करना चाहिए।
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7 टिप्पणियाँ:
भगवान से प्रार्थना करो :)
भगवान से विश्वास उठ जाना ही निराशा का कारण है,
उसके सिमरन से ही सभी समस्याओं का हल निकलता है,जो उस ईश्वर से डरता है वह किसी सांसारिक विपत्ति से नहीं डरता। कुछ विलंब अवश्य हो सकता है,लेकिन हानि नहीं होती।
इसलिए ईश्वर पर आस्था बनाए रखें,विपत्तियों का निवारण होगा तथा आशा का दीप जलेगा।
मेरा तो यही विश्वास है जो हमेशा आत्मबल प्रदान करता है।
मनोचिकित्सक से सलाह
प्रणाम
आत्म.......... ! आगे जरुरत के हिसाब से ; ह्त्या, मंथन ,विश्लेषण और चिंतन में से जो भी उपयुक्त हो , जोड़ा जा सकता है !
पुत्र
तू बचपन से ही पढाई मे कमजोर है
ये प्रश्न ब्लाग पर पूछ कर तू खुद कम्पढा लिखा सिद्ध हो रहा है
तेरी बेटी समझदार है उससे पूछ ले उत्तर मिल जायेगा
पापा जी
पापा
आदमी की जात और औकात देखकर बात की जाती है, अब जिसका वजूद ही न हो उससे बात करने का क्या मतलब। जिसमें औकात होती है वह अपने सही वजूद के साथ सामने आता है। वैसे एक बात बता दें हम तुम्हारे पुत्र नहीं तुम्हारे बाप के भी बाप है, दम है तो सही वजूद के साथ सामने आओ तुम्हें तुम्हारी औकात का अंदाज हो जाएगा।
अनूप ले रहे हैं मौज : फुरसत में रहते हैं हर रोज : तितलियां उड़ाते हैं http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/06/blog-post.html सर आप भी एक पकड़ लीजिए नीशू तिवारी की विशेष फरमाइश पर।
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