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शुक्रवार, जून 04, 2010

भाई-चारे का लेकर संदेश-हम कर रहे हैं ब्लाग चौपाल पेश

मित्रों
बहुत समय से मन में विचार था कि ब्लाग जगत में ब्लागरों की एक ऐसी चौपाल लगाई जाए जिसमें कहीं कोई मतभेद और गुटबाजी न हो। इस विचार के साथ हमारी श्रीमती अनिता ग्वालानी ने सुझाव दिया कि हम लोग मिलकर एक चर्चा मंच बनाएं। हमने इस मंच को बनाने का जिम्मा उनको दिया और उन्होंने यह मंच काफी पहले से तैयार कर लिया था, पर समय न मिल पाने के कारण इसको प्रारंभ करने का काम नहीं हो रहा था। लेकिन अब इसको हम आज से प्रारंभ कर रहे हैं। हम वादा करते हैं कि इस ब्लाग-चौपाल   में हम उन सभी ब्लागों को शामिल करने का प्रयास करेंगे जो किसी के भी हों। हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि यह ब्लाग इस गुट का है तो वह ब्लाग उस गुट का है। हम जब चर्चा करने बैठेंगे तो हमें इस बात से कोई सरोकार नहीं रहेगा। हम बता दें कि हमारा ब्लाग चौपाल सजाने का मतलब ब्लाग बिरादरी में भाई-चारे का संदेश देना है। अब इसमें हम कहां तक सफल होते हैं यह वक्त बताएगा। हमने ब्लाग चौपाल सजाने के लिए बहुत से ब्लागों को अपने साथ जोड़ा है ताकि चर्चा करने में आसानी हो। आगे भी लगातार ब्लाग जोडऩे का काम किया जाएगा। एक दिन में सभी ब्लागों को लेना संभव नहीं रहेगा। लेकिन इतना वादा करते हैं कि हम किसी भी ब्लाग को इसलिए नहीं छोड़ेंगे कि यह तो उस गुट का और वह हमारे साथियों के गुट में नहीं है। हमारा कोई गुट नहीं है। हमने अपनी पत्नी का साथ लेकर यह ब्लाग प्रारंभ किया है। हम इस ब्लाग में उसी को जोड़ेंगे जिनके हमसे विचार मिलेंगे, अन्यथा हम और हमारी श्रीमती जी ही चर्चा को अंजाम देंगे। आशा करते हैं हमारे ब्लाग चौपाल को आप सबका प्यार और स्नेह मिलेगा।
इसी उम्मीद के साथ आप सबका मित्र
राजकुमार ग्वालानी

6 टिप्पणियाँ:

Smart Indian शुक्र जून 04, 07:12:00 am 2010  

हार्दिक शुभकामनाएं!

Shekhar Kumawat शुक्र जून 04, 07:43:00 am 2010  

ha hamne aaj ki chopal padi

ahut achhi lagi

हार्दिक शुभकामनाएं!

aap ko

अन्तर सोहिल शुक्र जून 04, 01:05:00 pm 2010  

पत्नी जी के साथ भी विचार मेल खाते हैं:)

"ब्लाग चौपाल" को शुभकामनायें
प्रणाम स्वीकार करें

पापा जी शुक्र जून 04, 02:11:00 pm 2010  

पुत्र
तू नेक काम आरम्भ कर रहा है
ये तेरे अकेले के बस का काम नही है तुझे कुछ लिखना तो आता नही है
चल फ़िर ही मेरी दुआएं साथ है तेरे
पापा जी

राजकुमार ग्वालानी शुक्र जून 04, 03:19:00 pm 2010  

पापा
तुम्हारे जैसे घटिया विचार रखने वालों के कारण ही यह ब्लाग जगत खराब हो रहा है। न जाने तुम जैसों कों गंदगी फैलाने में क्या मजा आता है। सामने आने की तो औकात है नहीं बातें बड़ी-बड़ी करते हैं।

राजकुमार सोनी शुक्र जून 04, 03:54:00 pm 2010  

आप निष्ठा और मेहनत से हर काम को अन्जाम देते हैं। लगे रहिए.. मेरी शुभकामनाएं।
वैसे ये पापाजी है कौन...लगता है अब इसका पता लगाना ही पड़ेगा।

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