क्या हैं आपके विचार
यहां कोई नहीं करता किसी से प्यार
धोखे और फरेब का सजा है बाजार
हर किसी को है बस पैसों से ही प्यार
क्या हैं इस बारे में आपके विचार
हमें जरूर बताएं आप सभी
ब्लाग जगत के दोस्त-यार
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3 टिप्पणियाँ:
vaah vaah bahut badhiya dil ki baat ..dhanayavaad.
नफ़रत की तो गिन लेते हैं, रुपया आना पाई लोग,
ढ़ाई आखर कहने वाले, मिले न हमको ढ़ाई लोग।
क्या बतलायें भाई राजकुमार
जय जोहार जय जोहार
साधु संत सब मिल जुल के कडकत हें
भोला बनके मेवा सब झड़कत हें
नेता मन वार्ता के झुनझुना धरावत हें
अउ ब्लॉग लिखईया पप्पु मन ला खेलावत हें
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