दिल्ली जाते-जाते रह गए
करीब 22 साल बाद दिल्ली जाने का एक मौका हाथ लगा था, पर वह भी हाथ से निकल गया और दिल्ली जाना स्थगित हो गया। कुछ दिनों से ख्याली पुलाव पक्का रहे थे कि दिल्ली जाएंगे तो ये करेंगे, वो करेंगे। लेकिन सभी अरमानों पर पानी फिर गया।
दिल्ली में अभी कामनवेल्थ खेल हो रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से अपने राज्य की खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि आप और आपके साथी पत्रकार अगर दिल्ली जाना चाहते हैं तो हम व्यवस्था करवा देते हैं। इधर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा भी बार-बार कहते रहे हैं कि हम लोग दिल्ली आ जाए। तब अचानक कार्यक्रम बना कि हम लोग 10 अक्टूबर को विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। लेकिन इसके पहले कि हम लोगों का कारवां दिल्ली के लिए कूच करता, हमने सोचा कि यार पहले एक बार इस बात का पता कर लिया जाए कि आखिर वहां पर व्यवस्था किस तरह की है। जब हमने व्यवस्था के बारे में पता किया तो हमें वह व्यवस्था जमी नहीं। ऐसे में हमने अपने साथी पत्रकारों से बात की को सभी ने एक स्वर में जाने इंकार कर दिया और हम लोगों को दिल्ली जाना रद्द हो गया।
इस समय दिल्ली में कामनवेल्थ खेलों के कारण इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था है कि वहां पर किसी खास की भी पूछ-परख नहीं है। एक विदेशी उच्चायुक्त को भी उद्घाटन समारोह में रोक दिया गया था। ऐसे में जबकि कामनवेल्थ खेलों के लिए अब किसी भी तरह के मीडिया पास बनने की संभावना दूर-दूर तक नहीं थी तो वहां जाने से क्या फायदा। वहां एक दर्शक के रूप में हम लोगों का जाने का कोई इरादा नहीं था, हम लोग तो वहां रिपोर्टिंग करने के लिए जाने वाले थे, और रिपोर्टिंग दर्शकदीर्घा में बैठकर तो हो नहीं सकती, यही एक सबसे कारण रहा जिसके कारण हम लोगों ने दिल्ली जाना रद्द कर दिया।
दिल्ली में अभी कामनवेल्थ खेल हो रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से अपने राज्य की खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि आप और आपके साथी पत्रकार अगर दिल्ली जाना चाहते हैं तो हम व्यवस्था करवा देते हैं। इधर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा भी बार-बार कहते रहे हैं कि हम लोग दिल्ली आ जाए। तब अचानक कार्यक्रम बना कि हम लोग 10 अक्टूबर को विमान से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। लेकिन इसके पहले कि हम लोगों का कारवां दिल्ली के लिए कूच करता, हमने सोचा कि यार पहले एक बार इस बात का पता कर लिया जाए कि आखिर वहां पर व्यवस्था किस तरह की है। जब हमने व्यवस्था के बारे में पता किया तो हमें वह व्यवस्था जमी नहीं। ऐसे में हमने अपने साथी पत्रकारों से बात की को सभी ने एक स्वर में जाने इंकार कर दिया और हम लोगों को दिल्ली जाना रद्द हो गया।
इस समय दिल्ली में कामनवेल्थ खेलों के कारण इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था है कि वहां पर किसी खास की भी पूछ-परख नहीं है। एक विदेशी उच्चायुक्त को भी उद्घाटन समारोह में रोक दिया गया था। ऐसे में जबकि कामनवेल्थ खेलों के लिए अब किसी भी तरह के मीडिया पास बनने की संभावना दूर-दूर तक नहीं थी तो वहां जाने से क्या फायदा। वहां एक दर्शक के रूप में हम लोगों का जाने का कोई इरादा नहीं था, हम लोग तो वहां रिपोर्टिंग करने के लिए जाने वाले थे, और रिपोर्टिंग दर्शकदीर्घा में बैठकर तो हो नहीं सकती, यही एक सबसे कारण रहा जिसके कारण हम लोगों ने दिल्ली जाना रद्द कर दिया।
4 टिप्पणियाँ:
लगता है इस बार प्रसार भारती के अतिरिक्त किसी भी अन्य मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया है। भाई पहले ही बहुत बदनामी कर चुके थे ये लोग।
ओह दुखद ! मीडिया को भी अनदेखा किया गया , बहुत गलत बात !
very good darling
अरे भाई आप तो चूक गये, दिल वालों की दिल्ली ब्लॉगरों के लिए दिल खोल के बैठी है और आप नें इंकार कर दिया, ब्लागर मीटों का सिलसिला एक झटके में खत्म. :)
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