भारोत्तोलन संघ पर होगा अपराध दर्ज
छत्तीसगढ़ भारोत्तोलन संघ पर अब खेल विभाग को गुमराह करके गलत जानकारी देने के आरोप में अपराध दर्ज होने की संभावना है। डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम राज्य के खेल पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने के मामले में पूर्व अध्यक्ष गुरमीत धनई की शिकायत पर खेल संचालक जीपी सिंह ने शिकायती पत्र और पूरा प्रकरण पुलिस अधीक्षक दुर्ग को भेज दिया है। इस मामले की शिकायत प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ खेलमंत्री और डीजीपी से भी की गई है।
भारोत्तोलन संघ के महिला विग की पूर्व अध्यक्ष गुरमीत धनई ने बताया कि छत्तीसगढ़ भारोत्तोलन संघ ने धोखाधड़ी करते हुए डोपिंग के दोषी खिलाड़ी भिलाई के सिद्धार्थ मिश्रा का नाम राज्य के खेल पुरस्कार के लिए भेज दिया था। इस मामले में खेल पत्रकारों की सजगता की वजह से अंतत: दोषी खिलाड़ी को न सिर्फ पुरस्कार से वंचित किया गया, बल्कि गलत जानकारी देने वाले संघ की मान्यता खेल विभाग ेने समाप्त कर दी। श्रीमती धनई ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश संघ ने गलती मानते हुए खेल विभाग से माफी मांगी थी, उससे यह बात साफ है कि संघ को सारी जानकारी होने के बाद उसने एक गलत काम किया है। ऐसे में कायदे से खेल विभाग को इस मामले में प्रदेश संघ के उन पदाधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज करवाना था जिन्होंने सरकार को अंधेरे में रखते हुए एक गलत खिलाड़ी को पुरस्कार दिलवाने का काम करने का प्रयास किया था। इसी के साथ एक सही खिलाड़ी अनिता शिंदे का हक मारा जा रहा था। लेकिन खेल विभाग ने ऐसा नहीं किया। अगर खेल विभाग और सरकार को लगता है कि कोई गलती करके माफी मांगकर बच सकता है तो मेरे साथ हर किसी को एक गलती करने की छूट देनी चाहिए।
श्रीमती धनई ने बताया कि उन्होंने इस मामले में खेल संचालक जीपी सिंह से मिलकर उनको इस मामले में अपराध दर्ज करवाने का आग्रह किया था, पर उन्होंने लिखित में शिकायत करने कहा है। मैं आज न सिर्फ खेल
संचालक को बल्कि इस मामले के साथ प्रदेश भारोत्तोलन संघ से जुड़े और कई पुराने मामलों की जानकारी देते हुए एक ज्ञापन राज्यपाल शेखर दत्त, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, खेल मंत्री लता उसेंडी के साथ डीजीपी विश्वरंजन को भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के आग्रह के साथ दे रही हूं। उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत केन्द्रीय खेलमंत्री एमएस गिल से भी वह एक नवंबर को दिल्ली जाकर करेंगी।
ओलंपिक संघ के पदाधिकारी कर रहे हैं मदद
श्रीमती धनई ने आरोप लगाया कि भारोत्तोलन संघ को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ से जुड़े कुछ पदाधिकारी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ओलंपिक संघ के अध्यक्ष हैं ऐसे में मैंने उनको इस मामले से अवगत करवा दिया है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ मिश्रा को पुरस्कार न मिलने की वजह से उनके स्थान पर जिस खिलाड़ी अनिता शिंदे को पुरस्कार मिला है, उनके बारे में प्रदेश संघ के पदाधिकारी कहते हैं कि अब वे अनिता शिंदे को जूनियर भारतीय टीम से खेलने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि भारोत्तोलन संघ पूरी तरह से दादागिरी पर उतर आया है।
प्रदेश में महिला खिलाड़ी सुरक्षित नहीं
श्रीमती धनई ने साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश में महिला खिलाड़ी सुरक्षित नहीं है। किसी ने किसी रूप में खिलाडिय़ों को शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर खेल संघ को अनुदान देने वाली सरकार को यह चाहिए कि वह खेल संघों को बाध्य करे कि हर खेल संघ में कम से कम एक महिला प्रतिनिधि को रखा जाए। बाहर जाने वाली टीमों के साथ महिला कोच या मैनेजर को भी भेजना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुर्सी के लिए खेल संघ के पदाधिकारी महिला खिलाडिय़ों की भ्रूण हत्या करने का काम कर रहे हैं।
मामला दुर्ग एसपी के हवाले
इस मामले में खेल संचालक जीपी सिंह ने शिकायत के बाद पूरा प्रकरण दुर्ग पुलिस अधीक्षक के हवाले कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमने दुर्ग एसपी को पत्र भेज दिया है और पूरे मामले की जानकारी दे देती है। अगर पुलिस को लगेगा कि इस मामले में अपराध दर्ज किया जाना चाहिए तो अपराध दर्ज किया जाएगा।
1 टिप्पणियाँ:
होना भी चाहिये !
एक टिप्पणी भेजें