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शनिवार, अक्टूबर 09, 2010

कामनवेल्थ से लेंगे प्रेरणा

कामनवेल्थ के लिए जिस तरह के स्टेडियम बनाए गए हैं और वहां पर जिस तरह की ऐतिहासिक सुरक्षा व्यवस्था की गई है, उससे छत्तीसगढ़ में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए हम प्रेरणा लेंगे।
यह बातें यहां पर चर्चा करते हुए अध्ययन दल के साथ नोडल अधिकारी के रूप में गए प्रदेश ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरुचरण सिंह होरा ने कहीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और खेलमंत्री लता उसेंडी के निर्देश पर ही कामनवेल्थ में छत्तीसगढ़ का एक अध्ययन दल भेजा गया था। इस अध्ययन दल में खुद मुख्यमंत्री के साथ खेलमंत्री भी शामिल थीं। इसके अलावा खेल संचालक जीपी सिंह, प्रदेश लॉन टेनिस संघ के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के ओएसडी विक्रम सिंह सिसोदिया, प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान और खेल अधिकारी अजीत टोपो भी शामिल थे। श्री होरा ने बताया कि वास्तव में जैसी ऐतिहासिक व्यवस्था कामवनेल्थ में की गई है, वैसी व्यवस्था इससे पहले किसी भी अंतरराष्ट्रीय आयोजन में देखने को नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि वे दक्षिण अफ्रीका में हुए टी-२० के विश्व कप में भी गए थे, पर वहां पर भी ऐसी व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने बताया कि आयोजन को सफल बनाने के लिए दिल्ली में तीन हजार वालेनटियर रखे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय आयोजन होने की वजह से एमबीए वालों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
श्री होरा ने बताया कि हमारे अध्ययन दल ने दिल्ली में सभी खेल परिसरों के साथ खेलगांव को भी देखा। उन्होंने बताया कि अध्ययन दल के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जहां लॉन टेनिस के मैदान में लिएंडर पेस और सानिया मिर्जा का मैच देखा, वहीं खेलमंत्री लता उसेंडी ने जिम्नास्टिक, मुक्केबाजी, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, हॉकी के भी मुकाबले देखे।
श्री होरा ने बताया कि दिल्ली की व्यवस्था को देखकर आस्ट्रेलिया की लॉन टेनिस टीम के साथ आए एक कोच ने तो यहां तक कह दिया कि भारत में ओलंपिक होना चाहिए। उन्होंने बताया कि उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ की माटी की महक उस समय महसूस हुई जब वहां पर बस्तर बैड की धुन गूंजी इसी के साथ पंडवानी का कार्यक्रम हुआ। उन्होंने बताया कि वहां की व्यवस्था से अध्ययन दल सरकार को अवगत कराएगा और राज्य में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों के लिए बनने वाले स्टेडियम और खेलगांव में  इससे मदद मिलेगी। उन्होंने पूछने पर कहा कि दिल्ली जैसी सुरक्षा की जरूरत छत्तीसगढ़ में नहीं पड़ेगी, लेकिन मैदानों के लिए जिस तरह की व्यवस्था की गई है, उससे जरूर हमारे राज्य को मदद मिलेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेलों के लिए सबसे पहले राजधानी में ओलंपिक संघ का कार्यालय प्रारंभ करना है। इसके बाद राष्ट्रीय खेलों के लिए सचिवालय को प्रारंभ करवाना है। इसको जल्द प्रारंभ करने की मांग सरकार से की जाएगी, ताकि राष्ट्रीय खेलों की तैयारी प्रारंभ की जा सके। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेलों का सारा संचालन खेल सचिवालय से होना है, इसके बिना काम में तेजी नहीं आएगी। 

2 टिप्पणियाँ:

उम्मतें गुरु अक्टू॰ 14, 10:43:00 am 2010  

उम्मीद है सब बढ़िया ही होगा !

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