स्कूली खेलों का भी जम्बो बजट
छत्तीसगढ़ ओलंपिक के मिनी महाकुंभ के लिए रायपुर जिले के स्कूली शिक्षा विभाग ने १२ खेलों के लिए ४५ लाख के जम्बो बजट का प्रस्ताव बनाकर खेल विभाग को थमा दिया है। इसके पहले रायपुर के खेल विभाग ने २८ खेलों के लिए ४० लाख रुपए का प्रस्ताव बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना खटाई में पड़ गई है।
राज्य निर्माण के दस वर्ष पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा पर खेल विभाग राज्य में एक मिनी ओलंपिक करवाने की तैयारी में जुटा है। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में अंडर १९ साल की स्कूली स्पर्धाओं के आयोजन के साथ १९ साल से ज्यादा उम्र के खिलाडिय़ों के लिए ओपन स्पर्धाएं करवाने पर सहमति बनी थी। इस सहमति के बाद से खेल विभाग के निर्देश पर राज्य के जिलों में दोनों स्तर पर योजनाएं बनाने का काम चल रहा है। ऐसे में रायपुर के जिलाधीश के बैठक लेने के बाद रायपुर जिले के स्कूली शिक्षा विभाग ने १२ खेलों एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हैंडबॉल, वालीबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो, बैंडमिंटन, टेबल टेनिस, नेटबॉल, और क्रिकेट के लिए ४५ लाख से ज्यादा के बजट का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव में तीन स्तरों पर खेलों के आयोजन की योजना है। पहले स्तर पर विकासखंड को रखा गया है, दूसरे स्तर पर क्षेत्रीय और तीसरे स्तर पर जिले को रखा गया है।
विकासखंड स्तर पर १२ खेलों के लिए शिक्षा विभाग ने अनुमानित एक विकासखंड का खर्च एक लाख पचास हजार रुपए माना है। एक विकासखंड में आयोजन में ५०० खिलाड़ी आएंगे। इन खिलाडिय़ों के खाने की लिए ५० रुपए की दर से बजट बनाया गया है। खिलाडिय़ों को ७० रुपए की दर से यात्रा व्यय के साथ पुरस्कारों के लिए भी राशि रखी गई है। इसी के साथ खेल मैदान बनाने, आयोजन, टेंट और आवास का खर्च जोड़ा गया है। एक विकासखंड के हिसाब से शिक्षा जिले के १६ विकासखंडों के लिए २४ लाख एक हजार दो सौ रुपए का अनुमानित बजट है।
विकासखंड स्तर के बाद क्षेत्रीय स्तर के लिए एक समूह का बजट तीन लाख २१ हजार दो सौ अस्सी रुपए बनाया गया है। रायपुर जिले को चार समूहों में बांटा गया है। ऐसे में समूह स्तर के लिए १२ लाख ८५ हजार एक सौ बीस रुपए का अनुमानित बजट है। इस समूह स्तर में ८६४ खिलाडिय़ों के आने की संभावना के लिहाज से बजट बनाया गया है। अंत में जिला स्तर के लिए ८ लाख ३२ हजार एक सौ रुपए का बजट बनाया गया है। जिला स्तर पर १२ खेलों के ११२० खिलाडिय़ों के आने की संभावना के हिसाब से खिलाडिय़ों के भोजन के लिए सौ रुपए प्रति खिलाड़ी के हिसाब से तीन दिनों के लिए ३ लाख ३६ हजार का बजट बनाया गया है। खिलाडिय़ों और कोच-मैनेजर के आने-जाने का व्य ८९ हजार ६०० रुपए माना गया है। तीनों स्तरों को मिलाकर कुल ४५ लाख का बजट बनाया गया है।
विकासखंड से आयोजन के कारण बजट बढ़ा
इतने बड़े बजट के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी आर. बाम्बरा का कहना है कि जिलाधीश के निर्देश पर विकासखंड स्तर से आयोजन की योजना बनी है जिसकी वजह से बजट बढ़ा है। उन्होंने बताया कि हमने तो तीन स्तरों के बारे में पूरी जानकारी खेल विभाग को भेज दी है। अब शासन स्तर पर जिस तरह से निर्देश होंगे उस हिसाब से आयोजन करवाया जाएगा। उन्होंने पूछने पर बताया कि स्कूली शिक्षा विभाग के आयोजन में कम इसलिए रहता है क्योंकि खिलाडिय़ों के खाने और आने-जाने का खर्च विभाग वहन नहीं करता है।
1 टिप्पणियाँ:
मजाक को भयंकर होने में कितनी देर लगती है :)
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