1300 पोस्ट भी हो गई पूरी
हमारे ब्लाग राजतंत्र और खेलगढ़ को मिलाकर हमारी 1300 पोस्ट पूरी हो गई है। 1300 पोस्ट तक का सफर हमने एक साल और दो माह में यानी करीब 14 माह में पूरा किया है।
हमने ब्लाग जगत में पिछले साल जब फरवरी से कदम रखा था तब हमें मालूम नहीं था कि हमें ब्लाग लेखन का ऐसा नशा लग जाएगा कि हम लिखते चले जाएंगे और ब्लाग बिरादरी हम पर प्यार बरसते जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ है और आज हमने ब्लाग लेखन में 1300 पोस्ट का आंकड़ा भी पार कर लिया है। हमने खेलगढ़ में जहां अब तक आठ सौ का आंकड़ा पार करते हुए 845 पोस्ट लिखी है, वहीं राजतंत्र में हमने आज की पोस्ट को मिलाकर 461 पोस्ट लिखी है। एक बार हम फिर बता दें कि हमारे ब्लाग राजतंत्र को एक साल में सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली है। कल की तारीख में हमारा यह ब्लाग चिट्ठा जगत की सक्रियता सूची में 33वें स्थान पर था। हमारे इस ब्लाग को 37,000 पाठक मिले हैं। हमने ब्लाग जगत में दो ब्लागों के साथ इस साल से ब्लाग 4 वार्ता में चर्चा करने का काम भी ललित शर्मा के साथ प्रारंभ किया है। हमें इस बात की खुशी है कि हमारी चर्चा को भी ब्लाग बिरादरी ने पसंद किया है और हमें ब्लागरों का पूरा स्नेह और प्यार मिला है। उम्मीद करते हैं कि आगे भी हमें ऐसा ही प्यार मिलते रहेगा। इसी उम्मीद के साथ लेते हैं विदा कल तक के लिए। कल फिर एक नई पोस्ट के साथ आप सबके सामने होंगे।
10 टिप्पणियाँ:
hamari bhadhai
Congrats !!
अरे वाह जी, बहुतेरी बधाई!! गजब ढा रहे हो!! १३०० पोस्ट...जय हो!!
एक अपील:
विवादों को नजर अंदाज कर निस्वार्थ हिन्दी की सेवा करते रहें, यही समय की मांग है.
हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में आपका योगदान अनुकरणीय है, साधुवाद एवं अनेक शुभकामनाएँ.
-समीर लाल ’समीर’
badhaaee! शुभकामनाएँ.!!
वाह वाह वाह
आप तो ब्लाग जगत के सचिन तेन्दुलकर हैं
धुंवाधार 13 शतक लगा दिए।
बधाईयां जी बधाइयां
बधाई हो राजकुमार जी।
बहुत जल्द 13,000 का आंकड़ा भी पार करें।
शुभकामनाएं।
ज्ञानदत्त ने लडावो और राज करो के तहत कल बहुत ही घिनौनी हरकत की है. आप इस घिनौनी और ओछी हरकत का पुरजोर विरोध करें. हमारी पोस्ट "ज्ञानदत्त पांडे की घिनौनी और ओछी हरकत भाग - 2" पर आपके सहयोग की अपेक्षा है.
कृपया आशीर्वाद प्रदान कर मातृभाषा हिंदी के दुश्मनों को बेनकाब करने में सहयोग करें. एक तीन लाईन के वाक्य मे तीन अंगरेजी के शब्द जबरन घुसडने वाले हिंदी द्रोही है. इस विषय पर बिगुल पर "ज्ञानदत्त और संजयदत्त" का यह आलेख अवश्य पढें.
-ढपोरशंख
ढेर सी बधाइयाँ,ऐसे ही गतिमान रहिए।
बधाई हो भाई।
सक्रियता में तुम्हारा कोई जवाब नहीं।
1300 !!!!!!!!!!!
हे भगवान (भई आप दीन-दुनिया के बाक़ी काम कब करते हैं).
बहुत सी शुभकामनाएं :-)
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