हम भी बन गए चर्चाकार- ललित शर्मा का चमत्कार
हमें ब्लाग 4 वार्ता में पिछले एक सप्ताह से लगातार चर्चा कर रहे हैं। चर्चा करने में हमें भी मजा आने लगा है। हमें चर्चाकार बनाने का सारा श्रेय भाई ललित शर्मा को जाता है। उनकी प्रेरणा से ही हम चर्चा करने लगे हैं। आज हमें लगता है कि हम अकेले भी सब कर सकते हैं।
जब ललित शर्मा ने ब्लाग जगत को एक चर्चा मंच देने के लिए ब्लाग 4 वार्ता का आगाज किया था और हमें भी एक दिन चर्चा करने के लिए इसमें आमंत्रित किया था, तब हमें लगता था कि यार चर्चा करना तो बड़ा कठिन काम है इसको हम अपने व्यस्त समय में कैसे कर पाएंगे। हमने जब अपने मन की बात शर्मा जी को बताई थी तो उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा था कि साई इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है, मेरे पास एक ऐसा चत्मकारिक फार्मूला है जिससे चर्चा करने में न सिर्फ आपको आसानी होगी, बल्कि मजा भी आएगा। उन्होंने जब रायपुर आकर हमें इस फार्मूले से अवगत करवाया था, तो हम भी दंग रह गए थे। आज उसी फार्मूले के दम पर हम लगातार चर्चा करने में सफल हो रहे हैं।
इधर जब हमने ब्लाग 4 वार्ता को खाली जाते देखा था तो हमें अच्छा नहीं लगा था कि शर्मा जी का तैयार किया एक ब्लाग पौधा मुरझा रहा है, ऐसे में हमने उनसे कह दिया था कि जिस दिन कोई चर्चा करने वाला न हो हमें बता दिया करे। ऐसे में शर्मा जी ने कहा कि जिस दिन भी लगे कोई चर्चा ड्राफ्ट में नहीं है आप बेशक चर्चा कर दिया करें। ऐेसे में हम हमने पिछले सप्ताह एक दिन का छोड़कर छह दिन चर्चा की। एक दिन गिरीश बिलौरे जी ने चर्चा की थी। आज भी हमें इस पोस्ट के बाद चर्चा को अंजाम देना है। यहां पर हमें एक बात याद आ रही है कि जब छत्तीसगढ़ से चिट्ठा चर्चा प्रारंभ करने की बात पिछले साल हुई थी तो हमारे एक वरिष्ठ ब्लागर मित्र ने एक तरह से उलहाना दिया था कि यहां के ब्लागर इतने परिपक्व नहीं हंै कि चिट्ठा चर्चा को अच्छी तरह से अंजाम दे सके। यह बात किसी को बुरी लगी हो या न लगी हो लेकिन हमें जरूर लगी थी। उसी दिन हमने भी सोचा था कि यार हम भी जरूर इस चिट्ठा चर्चा वाली बला को देखेंगे कि आखिर ये है क्या। हमें आज इस बात की खुशी है कि आज हम भी चर्चाकार बन गए हैं और हम आज यह कहने में सक्षम हैं कि हम अकेले ही एक चर्चा मंच चला सकते हैं। वैसे ऐसा ही दम अपने ललित शर्मा में है और उन्होंने यह दम दिखाया भी है और हम चर्चा करना सिखाया भी है।
हमारे ब्लागर मित्र जरूर बताएं कि हम चर्चा करने में कितने सफल हो रहे हैं। आपके विचारों का इंतजार रहेगा।
जब ललित शर्मा ने ब्लाग जगत को एक चर्चा मंच देने के लिए ब्लाग 4 वार्ता का आगाज किया था और हमें भी एक दिन चर्चा करने के लिए इसमें आमंत्रित किया था, तब हमें लगता था कि यार चर्चा करना तो बड़ा कठिन काम है इसको हम अपने व्यस्त समय में कैसे कर पाएंगे। हमने जब अपने मन की बात शर्मा जी को बताई थी तो उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा था कि साई इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है, मेरे पास एक ऐसा चत्मकारिक फार्मूला है जिससे चर्चा करने में न सिर्फ आपको आसानी होगी, बल्कि मजा भी आएगा। उन्होंने जब रायपुर आकर हमें इस फार्मूले से अवगत करवाया था, तो हम भी दंग रह गए थे। आज उसी फार्मूले के दम पर हम लगातार चर्चा करने में सफल हो रहे हैं।
इधर जब हमने ब्लाग 4 वार्ता को खाली जाते देखा था तो हमें अच्छा नहीं लगा था कि शर्मा जी का तैयार किया एक ब्लाग पौधा मुरझा रहा है, ऐसे में हमने उनसे कह दिया था कि जिस दिन कोई चर्चा करने वाला न हो हमें बता दिया करे। ऐसे में शर्मा जी ने कहा कि जिस दिन भी लगे कोई चर्चा ड्राफ्ट में नहीं है आप बेशक चर्चा कर दिया करें। ऐेसे में हम हमने पिछले सप्ताह एक दिन का छोड़कर छह दिन चर्चा की। एक दिन गिरीश बिलौरे जी ने चर्चा की थी। आज भी हमें इस पोस्ट के बाद चर्चा को अंजाम देना है। यहां पर हमें एक बात याद आ रही है कि जब छत्तीसगढ़ से चिट्ठा चर्चा प्रारंभ करने की बात पिछले साल हुई थी तो हमारे एक वरिष्ठ ब्लागर मित्र ने एक तरह से उलहाना दिया था कि यहां के ब्लागर इतने परिपक्व नहीं हंै कि चिट्ठा चर्चा को अच्छी तरह से अंजाम दे सके। यह बात किसी को बुरी लगी हो या न लगी हो लेकिन हमें जरूर लगी थी। उसी दिन हमने भी सोचा था कि यार हम भी जरूर इस चिट्ठा चर्चा वाली बला को देखेंगे कि आखिर ये है क्या। हमें आज इस बात की खुशी है कि आज हम भी चर्चाकार बन गए हैं और हम आज यह कहने में सक्षम हैं कि हम अकेले ही एक चर्चा मंच चला सकते हैं। वैसे ऐसा ही दम अपने ललित शर्मा में है और उन्होंने यह दम दिखाया भी है और हम चर्चा करना सिखाया भी है।
हमारे ब्लागर मित्र जरूर बताएं कि हम चर्चा करने में कितने सफल हो रहे हैं। आपके विचारों का इंतजार रहेगा।
5 टिप्पणियाँ:
बधाई हो जी चर्चाकर बनने पर |
आपकी आज की चर्चा पढ़ी , बढ़िया लगी :)
सुन के तेरी पुकार,
कोई संग देने को हो न तैयार,
हिम्मत न हार,
फ़कीरा चल चला चल,
फ़कीरा चल चला चल...
जय हिंद...
बहुत सुन्दर प्रयास कर रहे है आप राजकुमार जी , और उम्मीद करूंगा कि यह जारी रहे !
बढ़िया चर्चा कर रहे हैं राजकुमार जी।
इस तरह का प्रयास करना ही अपने आपमें बड़ी बात है। आपको साधुवाद।
चर्चा का तो मालूम नहीं
पर कार पाने की बधाई।
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