अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो? - बे-बात पर ही खफा होगा
''राज़''-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
-
सभी को नमस्कार करता है आपका *राज*
अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो?
एक मित्र का फोन आया और उसने एक सवाल दाग दिया कि क्या तुम पत्रकार घुटना
दि...
13 वर्ष पहले
11 टिप्पणियाँ:
...अदभुत !!
बेमिसाल
इस बंदे से दो साल पहले अपन भी मिले थे। पास में खड़े होकर फोटो भी खिचंवाई थी।
अरे जो विविध रूप मे दिखाई पड़ता है जैसे लाठी पकड़े महात्मा गान्धी आदि आदि। वैसे आप ही बता दीजियेगा जरूर्।
इसी को कह्ते हैं जल्दी मे लद्दी। हम पूरा पढे नही चटका दिये टिप्पणी। बस्तर की कलाकारी तो जगजाहिर है।
सचमुच लाजवाब कलाकारी है जी
अगर पैरों की तरफ ना देखता तो मैं यही समझता कि कोई पेंट के ड्रम में नहा कर बैठा है।
प्रणाम स्वीकार करें
भोपाल में राजा भोज की प्रतिमा बनाने हेतु एक सिद्धहस्त कलाकार की आवश्यकता है मेरे ख्याल से यह कलाकार उपर्युक्त रहेगा। म प्र पर्यटन भोपाल से सम्पर्क करें।
अरे, नाम दिमाग से उतर गया. खैर, याद आयेगा तो लौटते हैं.
ग़ज़ल
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा ख़ुदा देगा ।
मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिफ़ है
क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा ।
ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रूला देगा ।
हमसे पूछो दोस्त क्या सिला देगा
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा ।
इश्क़ का ज़हर पी लिया ‘फ़ाक़िर‘
अब मसीहा भी क्या दवा देगा ।
http://vedquran.blogspot.com/2010/05/hell-n-heaven-in-holy-scriptures.html
aadmi ka banaya hua aadmi......
अरे भाई
उसे कहिए हमारी तरफ करे चेहरा
तो पहचानने का करें प्रयास
अब इतना भी रूबरू नहीं हुए हैं
कि वो उधर साईकिल के पास
मुंह फेर कर बैठ जाए उदास
और मैं लूं उसे पहचान।
एक टिप्पणी भेजें