कितना समय लगता है आपको एक पोस्ट तैयार करने में
लंबे समय से मन में विचार आ रहा था कि अपने ब्लाग बिरादरी के मित्रों से यह पूछा जाए कि वे कितने समय में एक पोस्ट तैयार करते हैं। ऐेसा विचार इसलिए आया क्योंकि जहां तक हमारा सवाल है तो हमें एक पोस्ट को तैयार करने में महज 10 मिनट का समय लगता है। इतना कम समय इसलिए लगता है क्योंकि हम बरसों से जहां कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं, वहीं हमें रोज अखबार के लिए पूरे एक पेज की खबरें बनानी पड़ती हैं। ये खबरें हम सहज रूप से महज दो घंटे के अंदर न सिर्फ लिख लेते हैं, बल्कि इन खबरों को पेज में लगा भी देते हैं।
ब्लाग जगत में आने के बाद अगर हम इतनी तेजी से लिख सके हैं तो इसके पीछे का राज यह है कि हमारे लिए किसी भी विषय पर कुछ भी लिखना महज एक खेल से ज्यादा नहीं रहा है। हमारे दिमाग में कोई भी विषय आने की ही देर रहती है, विषय आने के बाद सबसे पहले हम हेडिंग के बारे में सोचते हैं, हेडिंग बनते ही तैयार हो जाता है हमारा मैटर महज 10 मिनट में। हम इतने कम समय में इसलिए लिख पाते हैं क्योंकि हम कम्प्यूटर में उस जमाने से काम कर रहे हैं जब कम्प्यूटर में वैरी टाइपर का जमाना था। इन दिनों जब हम रायपुर के समाचार पत्र दैनिक अमृत संदेश में काम करते थे तो वहां पर कम्प्यूटर पर हमें मैटर तो चलाना नहीं पड़ता था, लेकिन सिटी की खबरों की रीडिंग जरूर करनी पड़ती थी, ताकि कोई गलती न हो। उस समय कम्प्यूटर एक बड़ी सी टेबल पर लगे रहते थे, इस टेबल के नीचे ही कम्प्यूटर का मैटर फिल्मों में टाइप होता था और इन फिल्मों को डार्करूम में ले जाकर आपरेटर ठीक उसी तरह से धोकर लाते थे, जैसे फोटो की फिल्में धुलती हैं, इन्हीं फिल्मों से पेज बनते थे। तब बटर पेपर का जमाना नहीं था। बटर पेपर वाले सारे कम्प्यूटर तो 1990 के बाद आए हैं।
बहरहाल इतने समय से कम्प्यूटर पर काम करने के साथ अखबार में काम करने की वजह से हमें लिखने में कोई परेशानी नहीं होती है। हम अपने ब्लागर मित्रों को एक बात और बता दें कि हमने कभी टाइपिंग का कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है, बस रीडिंग करते-करते ही टाइप करना सीख गए। एक खास बात और यह कि हम टाइपिंग करते समय अपनी महज तीन उंगलियों का ही प्रयोग करते हैं और काफी तेजी से लिख लेते हैं। इन उंगलियों में एक उंगली ही सीधे हाथ की और दो उंगलियां दूसरे हाथ की प्रयोग में लाते हैं। महज तीन उंगलियों से जब हम तेजी से मैटर टाइप करते हैं तो हमारे साथी पत्रकारों के साथ आपरेटर भी आश्चर्य में पड़ जाते हैं। वे पूछते हैं कि आप तीन उंगलियों में मैटर कैसे चला लेते हैं, तब हम उनको कहते हैं कि इंसान को जितनी भी उंगलियों से मैटर टाइप करने में सहज लगे करना चाहिए। अगर आप सोचेंगे कि दोनों हाथों की सारी उंगलियां काम करें तो आप कभी टाइपिंग नहीं कर पाएंगे।
खैर हमने तो यह बता दिया कि कैसे हमें 1000 से 1500 शब्दों की एक पोस्ट लिखने में महज 10 मिनट का समय लगता है, अब हम अपने ब्लागर मित्रों से जानना चाहते हैं कि आप लोग एक पोस्ट लिखने में कितना समय लगाते हैं। संकोच न हो तो जरूर बताएं। अपनी बातों को मित्रों से साझा करने में प्यार और स्नेह बढ़ता है।
11 टिप्पणियाँ:
दिलचस्प
काफी तीव्र गति है आपकी तो
मुझे तो लगभग 1 घंटा लग जाता है
सबसे पहले तो टंकित करने और पोस्ट बनाने में मैं अंतर कर लेता हूँ. पोस्ट बनाना तो तब से शुरु हो जाता है, जब से पहला विचार मन में आता है किसी विषय विशेष पर.
फिर कुछ लिख कर पहला ड्राफ्ट तैयार होता है. फिर काँट छांट और फिर शीर्षक, तस्वीरें आदि.
टंकित करने में तो नेट टाईम शायद हमें भी १०/१५ मिनट ही लगता हो १००० से १५०० शब्दों की पोस्ट में, लेकिन पूरी पोस्ट बनाना एक लम्बी प्रक्रिया ही होता है.
कविता हो तो मात्राएँ, शब्द संयोजन, गज़ल हो तो उसका व्याकरण आदि समय लेते ही हैं.
कहानी/व्यंग्य आदि भी अपने प्लाट/संयोजन के लिए समय मांगते हैं.
आपकी टंकण की गति प्रभावी है. बधाई.
...स्पीड के लिये बधाई व शुभकामनाएं !!!
समीर जी,
हमें पोस्ट का विषय सोचने से लेकर पोस्ट लिखने में महज 10 मिनट लगते हैं। इस बीच हम पोस्ट को लिखने के बाद एक बार फिर से पढ़ भी लेते हैं। हमें पोस्ट में कभी कांट-छांट की जरूरत नहीं पड़ी है। हमारा व्याकरण इतना अच्छा कि गलती की संभावना नहीं के बराबर रहती है। वैसे जब हम लिखते हैं तो उसको फिर से पढ़ने में कभी-कभीर एक-दो मात्राओं की ही गलितयां रहती हैं।
भाई राजकुमार आप तो इस कार्य से काफी दिनों से जुड़े हुये हैं। आपके लिये सहज है। हम भी प्रयास रत हैं।
निर्भर करता है कि क्या पोस्ट किया जा रहा है। मसलन अगर मैं किसी अखबार कि क्लिपिंग हू-ब-बू डालता हूं तो अक्सर दस मिनट से भी कम लगते हैं मगर यदि उस खबर को अन्य खबरों से काम्प्लीमेंट करना चाहूं तो और ज्यादा वक्त चाहिए। वैसे,पोस्ट की गुणवत्ता का उस पर दिए गए समय से कोई सीधा ताल्लुक नहीं होता,इतना विश्वासपूर्वक कहा जा सकता है।
nice....
कभी 5 मिनट तो कभी 2 दिन अक्सर ३० मिनट का समय लगता है .
काफी तीव्र गति है आपकी .बधाई व शुभकामनाएं
अजी मुझे तो एक टिप्पणी करने में ही 3 से 5 मिनट तक लग जाते हैं। टाईपिंग स्पीड में तो दिक्कत नही होती, मगर क्या लिखूं या सही शब्द ढूंढने में ही समय जाया हो जाता है। अब यह टिप्पणी लिखने में ही 3 मिनट तो हो चुके हैं।
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As i am new in this field I take a lot of time in reading and giving comment
on any post.
Asha
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