छत्तीसगढ़ के तीन चिट्ठे टॉप 40 में
अचानक कल चिट्ठा जगत के सक्रियता क्रमांक पर नजरें पड़ीं तो देखा कि छत्तीसगढ़ के तीन चिट्ठे टॉप 40 में हैं। यह देखकर काफी खुशी हुई कि लेखन के मामले में हमारे छत्तीसगढ़ के लेखक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वैसे ब्लाग जगत में इस समय छत्तीसगढ़ का डंका बज रहा है कहा जाए तो गलत नहीं होगा। टॉप 75 में छत्तीसगढ़ के 8 चिट्ठे हैं।
काफी दिनों से काम की अधिकता के कारण हम न तो ज्यादा कुछ लिख पा रहे हैं और न ही पढ़ पा रहे हैं। एक तो प्रेस का काम, ऊपर से घर में भी कुछ निर्माण का काम पिछले दो माह से चल रहा है, इसी के साथ हमें खेलगढ़ का मार्च का अंक निकालना है तो व्यस्तता बढ़ गई है। कल कुछ समय मिला तो चिट्ठा जगत खोला तो नजरें वहां चली गईं जहां पर टॉप 40 चिट्ठे रहते हैं। वहां पर हमें पहली बार छत्तीसगढ़ के तीन चिट्ठे नजर आए। 20 वें नंबर पर अपने अनिल पुसदकर जी का अमीर धरती-गरीब लोग, 34वें नंबर पर हमारा राजतंत्र और 38वें नंबर पर ललित शर्मा की का ललित डॉट काम। आज फिर से चिट्ठा जगत देखा तो अनिल जी का चिट्ठा 21, राजतंत्र 37वें और ललित जी का चिट्ठा 39वें नंबर पर है।
इसके पहले की बात करें तो जहां तक हमें याद है कि टॉप 40 में अनिल जी और संजीत त्रिपाठी का चिट्ठा रहता था। लेकिन संजीत के काफी समय से न लिखने के कारण उनका चिट्ठा पीछे हो गया है। और वे टॉप 100 से भी बाहर हो गए हैं। वैसे कई बार संजीव तिवारी जी के चिट्ठे आरंभ को भी टॉप 40 में स्थान मिल चुका है। लेकिन जहां तक छत्तीसगढ़ के तीन चिट्ठों का टॉप 40 में एक साथ आने का सवाल है, तो हमें लगता है कि ऐसा पहली बार हुआ है। संभवत: पहले भी ऐसा हुआ हो, लेकिन इसकी हमें जानकारी नहीं है। अगर छत्तीसगढ़ के हमारे पुराने ब्लागर मित्रों को ऐसा कुछ याद हो तो जरूर बताएं।
वैसे हम अब टॉप 50 की बात करें तो यहां पर छत्तीसगढ़ के चार चिट्ठे हैं। जीके अवधिया जी का चिट्ठा धान के देश में 48वें नंबर पर है। इसके आगे हम अगर टॉप 100 में जाए तो 51वें नबंर पर संजीव तिवारी का चिट्ठा आरंभ है। 61वें नंबर पर गगन शर्मा जी का चिट्ठा अलग सा है। 71वें नंबर पर लोकेश जी का अदालत और 75वें नंबर पर बीएस पाबला जी का प्रिंट मीडिया पर ब्लाग चर्चा है। यानी टॉप 75 में इस समय छत्तीसगढ़ के 8 चिट्ठे हैं। जिसमें से टॉप 50 में चार इसके बाद 25 में चार चिट्ठे हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ के ब्लाग काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वैसे भी किसी प्रतिभा को आगे बढऩे से कोई रोक नहीं पाता है। कोशिशें जरूर होती हैं रोकने की, लेकिन ऐसी कोशिशें ज्यादा सफल नहीं होती हैं।
तो चलते-चलते हम कहते हैं
काफी दिनों से काम की अधिकता के कारण हम न तो ज्यादा कुछ लिख पा रहे हैं और न ही पढ़ पा रहे हैं। एक तो प्रेस का काम, ऊपर से घर में भी कुछ निर्माण का काम पिछले दो माह से चल रहा है, इसी के साथ हमें खेलगढ़ का मार्च का अंक निकालना है तो व्यस्तता बढ़ गई है। कल कुछ समय मिला तो चिट्ठा जगत खोला तो नजरें वहां चली गईं जहां पर टॉप 40 चिट्ठे रहते हैं। वहां पर हमें पहली बार छत्तीसगढ़ के तीन चिट्ठे नजर आए। 20 वें नंबर पर अपने अनिल पुसदकर जी का अमीर धरती-गरीब लोग, 34वें नंबर पर हमारा राजतंत्र और 38वें नंबर पर ललित शर्मा की का ललित डॉट काम। आज फिर से चिट्ठा जगत देखा तो अनिल जी का चिट्ठा 21, राजतंत्र 37वें और ललित जी का चिट्ठा 39वें नंबर पर है।
इसके पहले की बात करें तो जहां तक हमें याद है कि टॉप 40 में अनिल जी और संजीत त्रिपाठी का चिट्ठा रहता था। लेकिन संजीत के काफी समय से न लिखने के कारण उनका चिट्ठा पीछे हो गया है। और वे टॉप 100 से भी बाहर हो गए हैं। वैसे कई बार संजीव तिवारी जी के चिट्ठे आरंभ को भी टॉप 40 में स्थान मिल चुका है। लेकिन जहां तक छत्तीसगढ़ के तीन चिट्ठों का टॉप 40 में एक साथ आने का सवाल है, तो हमें लगता है कि ऐसा पहली बार हुआ है। संभवत: पहले भी ऐसा हुआ हो, लेकिन इसकी हमें जानकारी नहीं है। अगर छत्तीसगढ़ के हमारे पुराने ब्लागर मित्रों को ऐसा कुछ याद हो तो जरूर बताएं।
वैसे हम अब टॉप 50 की बात करें तो यहां पर छत्तीसगढ़ के चार चिट्ठे हैं। जीके अवधिया जी का चिट्ठा धान के देश में 48वें नंबर पर है। इसके आगे हम अगर टॉप 100 में जाए तो 51वें नबंर पर संजीव तिवारी का चिट्ठा आरंभ है। 61वें नंबर पर गगन शर्मा जी का चिट्ठा अलग सा है। 71वें नंबर पर लोकेश जी का अदालत और 75वें नंबर पर बीएस पाबला जी का प्रिंट मीडिया पर ब्लाग चर्चा है। यानी टॉप 75 में इस समय छत्तीसगढ़ के 8 चिट्ठे हैं। जिसमें से टॉप 50 में चार इसके बाद 25 में चार चिट्ठे हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ के ब्लाग काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वैसे भी किसी प्रतिभा को आगे बढऩे से कोई रोक नहीं पाता है। कोशिशें जरूर होती हैं रोकने की, लेकिन ऐसी कोशिशें ज्यादा सफल नहीं होती हैं।
तो चलते-चलते हम कहते हैं
जय हिन्द, जय भारत और जय छत्तीसगढ़
8 टिप्पणियाँ:
राज कुमार भाई,
बधाई,
अरे हम नोएडा के बाशिंदे बेशक सही, लेकिन दिल से तो लगता है कि छत्तीसगढ़ी ही हैं...इसलिए हमें भी अपने साथ ही मानिए न....
जय हिंद...
पुसदकर जी,ग्वालानी जी,ललित जी, अवधिया जी, संजीव जी,गगन जी,लोकेश जी, पाबला जी आप सभी को बहुत बहुत बधाईंया ... शीघ्र ही छत्तीसगढ के चिट्ठे नंबर पांच में पहुंचे शुभकामनाएं... शुभकामनाएं... शुभकामनाएं !!!!
तीनों को बधाई..सक्रियता बनाये रखिये.
अरे वाह!
हमने भी देखा
खुशदीप जी का
देशनामा 36 नंबर पर है
इसी स्नैपशॉट में
और नुक्कड़ है 33 नंबर पर
जो कि आप सबका है।
आपको धन्यवाद बतलाने के लिए
और पाठकों का इस रेटिंग में
लाने के लिए।
अच्छा हुआ बता दिया राजकुमार्।बधाई तुमको बहुत बहुत।कर्म किये जा की तर्ज़ पर ब्लाग लिखे जा राजू!
कर्म किए जा, फल की चिंता भी कुछ-कुछ कर इंसान।
यह है ब्लोगिंग का ज्ञान, 2। :)
भैया हम सभी को हम सभी की ओर से बधाई ।
Rajkumar ji aap sabhi bade bhaiyon ko badhai.. lekin plzzz aisa mat kahiye warna ise kshetrawaad samajh kar kal dilli wale apne chitthe ginenge, U.P. wale apne aur Bihar wale apne.. bas baton hi baton me blogger bhi bant jayenge..
Jai Hind kahiye
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