कार को घर का रास्ता कैसे मालूम है?
कल हमारी छुट्टी का दिन था और हम अपने परिवार के साथ घुमने गए थे। हमारे छोटे मास्टर सागर राज ग्वालानी यानी सोनू बाबा हमेशा कार में अगली सीट पर बैठते हैं और अपनी बहन स्वप्निल राज ग्वालानी यानी रानी को कभी वहां बैठने नहीं देते हैं। जब हम लोग घुमकर घर वापस आ रहे थे, तो सोनू ने एक सवाल किया कि पापा कार को घर का रास्ता कैसे मालूम है। हमने उससे पूछा कि ऐसे क्यों पूछ रहे हो तो उसने मासूमियत से कहा कि कार कैसे अपने आप मुडऩे का रास्ता बताती है। दरअसल कार के मुडऩे से पहले इंडिकेटर की बत्ती के जलने को देखकर उसने यह सवाल किया था। जब हम कार चलाते हैं तो उसको यह नजर नहीं आता है कि इंडिकेटर हमारे हाथ से इशारे पर चलता है।
वास्तव में बच्चे ऐसे-ऐसे सवाल करते हैं कि हंसी भी आती है। हमसे जब सोनू ने कल कार को घर का रास्ता कैसे मालूम है सवाल किया था तो उनकी बहन और मम्मी अनिता ग्वालानी को हंसी आ गई थी। अब यहां पर उसे छेडऩे के लिए रानी ने कहा कि अरे पागल कार को सब मालूम रहता है, कार में कम्प्यूटर फिट रहता है जिसमें घर का रास्ता बने रहता है। सोनू ने हमसे पूछा हां पापा, कार में कम्प्यूटर फिट रहता है। पहले तो हमने भी उससे मजाक में कहा कार में कम्प्यूटर फिट होने के कारण ही तो ये रास्ता बताती है। हमारी बात के बात जब हम सब हंसने लगे तो सोनू को कुछ-कुछ समझ में आने लगा कि उसके साथ हम लोग मजाक कर रहे हैं, ऐसे में उसने कहा कि आप लोग मुझे झुठू बना रहे हैं न।
हमने हंसते हुआ कहा कि बेटा कार में कोई कम्प्यूटर नहीं होता है, हम इंडिकेटर को जिधर करते हैं, वह उधर होता है तो तुम्हें लगता है कि कार रास्ता बता रही है। हमने उसे दिखाया और बताया कि कैसे एंडीगेटर को इधर-उधर किया जाता है। तब जाकर उसकी उत्सुकता शांत हुई और उसे समझ में आया कि दरअसल कार को घर का रास्ता मालूम नहीं है, पापा को मालूम है और वे कार के इंडिकेटर को जिधर करते हैं, उधर हो जाता है। हमने उसे यह भी बताया कि यह सब इसलिए किया जाता है ताकि पीछे से आने वाले वाहनों को यह मालूम हो कि हमें किधर मुड़ रहे हैं, इससे एक्सीडेंट होने का खतरा नहीं रहता है। अगर हम बिना इंडिकेटर जलाए और हाथ दिखाए बिना कार को मोड़ेंगे तो कभी भी एक्सीडेंट हो सकता है।
1 टिप्पणियाँ:
एंटीगेटर = इंडिकेटर कर लें.
बच्चे और उनके मासूम सवाल..वाकई!!
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