भारतीय खिलाडिय़ों के आने से बढ़ा नेहरू हॉकी का गौरव
स्वर्ण कप नेहरू हॉकी का आयोजन करने वाले एथलेटिक क्लब के पदाधिकारियों का ऐसा मानना है कि हरिभूमि के साथ प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु द्वारा भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाडिय़ों को राजधानी में बुलाने से नेहरू हॉकी का भी गौरव बढ़ गया है। इस स्पर्धा में यूं तो पाकिस्तान और बंगलादेश की टीमें भी आईं हैं, लेकिन इनके आने से भी उतना महत्व स्पर्धा का नहीं बढ़ा था जितना भारतीय खिलाडिय़ों के आने से बढ़ा है।
नेहरू हॉकी के समापन के बाद अब आयोजक एथलेटिक क्लब के पदाधिकारियों में इस बात को लेकर जोरदार चर्चा है कि इस बार उनकी स्पर्धा को एक अलग तरह का सम्मान मिल गया है। इस सम्मान के बारे में क्लब के अध्यक्ष गजराज पगारिया के साथ सचिव हफीज यजदानी, मंसूर अहमद खान, इदरीश बारी, नोमान अकरम हामिद कहते हैं कि वास्तव में हमारे आयोजन के बीच में भारतीय महिला हॉकी खिलाडिय़ों का आना और उनका यहां पर मैच का खेलना बहुत बड़े सम्मान की बात है। जिस दिन मैच खेला गया उस दिन की भीड़ के बारे में क्या कहा जाए। इतनी भीड़ पहले कभी यहां पर देखने को नहीं मिली। पदाधिकारी कहते हैं कि वास्तव में जो काम हरिभूमि और प्रदेश के उद्योगपति वीरसेन सिंधु ने किया है उसको ताउम्र प्रदेश का हॉकी जगत नहीं भूल सकता है। इन्होंने कहा कि आज जबकि हॉकी वास्तव में बुरी स्थिति में है तो उसको ऐसे ही प्रोत्साहन की जरूरत है।
पदाधिकारी बताते हैं कि नेताजी स्टेडियम के मैदान में दो साल पहे पाकिस्तान और बंगलादेश की टीमें भी आईं थी, लेकिन जैसी दीवानगी महिला हॉकी टीम की खिलाडिय़ों के मैच में देखने को मिली, वैसे पहले कभी देखने को नहीं मिली। इन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस आयोजन के कारण हमारी स्पर्धा का भी गौरव और बढ़ गया है। यहां खेलने आई टीमों के कारण पूरे देश भर में यह संदेश गया है कि छत्तीसगढ़ ने हॉकी के लिए जो पहल की है, वह बेमिसाल है। हमारा प्रयास रहेगा कि अगले साल स्पर्धा में और अच्छी टीमें खेलने के लिए आएं। वैसे इस बार भी कई अच्छी टीमें आर्ईं थीं।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें