ग्रामीण फुटबालरों को भी निखारेंगे
राजधानी के ३५ साल पुरानी शेरा क्रीड़ा समिति में अभी से ग्रीष्मकालीन फुटबॉल प्रशिक्षण शिविर की तैयारी प्रारंभ हो गई है। इस बार भी ग्रामीण खिलाडिय़ों को निखारने की योजना पर काम किया जा रहा है। पिछली बार कुछ विकासखंड़ों के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण शिविर में शामिल किया गया था, इस बार और ज्यादा ग्रामीण खिलाडिय़ों को निखारने की योजना है।
समिति के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि राजधानी के ३५ साल पुराने हमारे शेरा क्लब द्वारा रायपुर में सबसे लंबा प्रशिक्षण शिविर लगाने का काम बरसों से किया जा रहा है। इस ८२ दिनों के शिविर में रायपुर के साथ ग्रामीण अंचल के खिलाडिय़ों को जहां खेल की बारीकियों से अवगत कराया जाता है, वहीं उनकी डाइट का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। खिलाडिय़ों की डाइट पर ही करीब ५० हजार रुपए का खर्च किया जाता है। क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान बताते हैं कि खिलाडिय़ों की डाइट के साथ ही खेल के सामान पर २० हजार, मैदान को ठीक करने पर पांच हजार और अन्य खर्च ५ हजार आ जाता है। कुल मिलाकर करीब ८० हजार का खर्च आता है। यह सारा खर्च क्लब उठाता है और खिलाडिय़ों से कोई पैसा नहीं लिया जाता है। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षक भी कोई पैसा नहीं लेते हैं।
श्री प्रधान ने पूछने पर बताया कि प्रशिक्षण शिविर में हर वर्ग सब जूनियर, जूनियर और सीनियर खिलाड़ी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार शिविर का आरंभ २० अप्रैल से होगा। लेकिन खिलाडिय़ों का पंजीयन अभी से किया जा रहा है क्योंकि खिलाड़ी इस माह परीक्षाओं के बाद बाहर चले जाएंगे और स्कूलों में छुट्टियां लग जाएंगी। उन्होंने बताया कि पिछले साल के प्रशिक्षण शिविर में १५० खिलाड़ी शामिल हुए थे। इस बार १५० से ज्यादा खिलाडिय़ों के शामिल होने की संभावना है। इन खिलाडिय़ों में बालिका खिलाड़ी भी शामिल रहेंगी। बकौल मुश्ताक अली खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण शिविर में इस तरह से तैयार किया जाता है कि कोई भी नया खिलाड़ी थोड़ी सी मेहनत करके कम से कम जिले की टीम में जगह बना ही सकता है।
श्री प्रधान ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर के लिए सप्रे स्कूल के मैदान को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्लब द्वारा लगाए जाने वाले शिविर में जिला फुटबॉल संघ के साथ खेल एवं युवा कल्याण विभाग की भी मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि शिविर में ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हो सकें इसके लिए सभी स्कूल और कॉलेजों में सूचना दी गई है। प्रशिक्षण शिविर सुबह के साथ शाम के सत्र में भी लगाया जाएगा। इस बार शिविर में ग्रामीण खिलाडिय़ों को ज्यादा महत्व देने की योजना है।
वार्षिक कैलेंडर भी घोषित
श्री प्रधान ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर की योजना के साथ हम अपना वार्षिक कैलेंडर भी जारी कर रहे हैं। इसके मुताबिक १५ से २५ अप्रैल तक फुटबॉस स्पर्धा, २८ जुलाई से १० अगस्त तक सेवन-ए-साइड अंतर शालेय बालक-बालिका फुटबॉल स्पर्धा, २९ अगस्त से १५ सितंबर तक नीरज अग्रवाल स्मृति अंतर शालेय, अंतर कॉलेज फुटबॉल स्पर्धा, ५ से १५ अक्टूबर तक राज्य स्पर्धा, ५ से १२ नवंबर तक पहली बार फाइव -ए-साइड स्पर्धा, दिसंबर में अखिल भारतीय स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा। साल भर के पूरे आयोजन में ६० से ७० लाख का खर्च आएगा।
3 टिप्पणियाँ:
काश ऐसे क्लब और भी जगह जन्म लें , हमारी शुभकामनायें !
अच्छी खबर.
फुट्बाल पर भी ध्यान देना ज़रूरी है ।
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