राजनीति के साथ हर विषय पर लेख पढने को मिलेंगे....

शुक्रवार, अगस्त 06, 2010

रिहर्सल कामयाब-बैटन रिले होगी लाजवाब

शहीद भगत सिंह चौक में खेल संघों के पदाधिकारियों के हाथों से होकर जैसे ही पहले पाइंट पर खड़ी खिलाड़ी के हाथों में बैटन पहुंची वैसे ही प्रारंभ हो गया बैटन रिले की रिहर्सल का कारवां। ६ किलो मीटर का यह ऐतिहासिक कारवां सप्रे स्कूल में जाकर थमा और इस बीच पूरे शहर में इस रिले की धूम मच गई। रिहर्सल देखकर कहीं से भी यह नहीं लग रहा था कि यह महज रिहर्सल है। रिहर्सल की कामयाबी को देखते हुए हर कोई एक ही बात कहता नजर आया कि बैटन रिले का १२ अगस्त का आयोजन जरूर लाजवाब होगा।
बैटन रिले रिहर्सल के कारवां में पहले नंबर पर धावक विसेंट कलड़ा के स्थान पर खड़ी एनआईएस कोच सरिता कुजूर को जैसे ही बैटन सौंपी गई वहां से प्रारंभ हो गया इस रिले का कारवां। इसके बाद एक-एक करके ८० पाइंट पर धावक बदलते रहे और यह कारवां महज ६० मिनट में ही समापन स्थल सप्रे स्कूल पहुंच गया। वहां पर तैनात खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खेल संचालक जीपी सिंह को मंच पर बैटन सौंपी गई।
हर कोई देखता रह गया
बैटन रिले का कारवां शहीद भगत सिंह चौक से लेकर सप्रे स्कूल तक जिस मार्ग से भी गुजरा वहां पर सभी उसको देखते रह गए। रास्ते में कई स्थानों पर खड़े नागरिकों से बैटन रिले की फोटो को अपने मोबाइल में कैद करने का काम किया। यातायात व्यवस्था इतनी अच्छी थी कि कहीं भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। यातायात पुलिस ने पूरा मोर्चा संभाल कर रखा था।
धुमाल की धूम
बैटन रिले के कारवां के सामने चल रहे धुमाल की धूम ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा। मुख्य रिले में भी धूमाल को रखने का प्रस्ताव रखा गया है। इसको मंजूरी  देने की बात हर खेल संघ कहता है। सबका ऐसा मानना है कि धूमाल होने से रिले का मजा दुगना हो जाएगा और लगेगा कि वास्तव में कोई ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है।
स्कैटरों ने जमाया रंग
रिले के सामने में सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र दलजीत सिंह के साथ उनके रायपुर, दुर्ग, भिलाई, कोरबा के स्कैटर रहे। रिले के प्रारंभ होने के पहले से ही इन्होंने रंग जमाना प्रारंभ कर दिया था। मुख्य रिले में भी इनको रखा जाएगा।
सुरक्षा धावकों ने भी संभाला मोर्चा
बैटन रिले के धावकों के साथ दोनों तरफ एक-एक सुरक्षा धावक रखे गए थे। सुरक्षा धावकों के रूप में पुलिस विभाग के ९ ऐसे जवान थे जो खेलों से जुड़े हैं। इन जवानों में अभय कुमार गननोरकर, धनजंय पाठक, प्रियेस जान, कन्हैया जान, रितुराज सिंह, मुकेश साहू, लक्ष्मी नारायण, हितेश्वरी चौधरी, कल्याणी मानिकपुरी शामिल हैं। इनको मुख्य रिले में भी जिम्मेदारी दी गई है।
खेल संघों ने दिखाया उत्साह
रिले में खेल संघों के पदाधिकारियों ने बहुत उत्साह दिखाया। जिस तरह से भिलाई में रिहर्सल फेल हो गई थी उसके बाद एक डर था कि कहीं रायपुर में भी खेल संघों के पदाधिकारियों रिहर्सल को महत्व ही न दें। लेकिन यहां पर सबने इसको महत्व दिया और उत्साह के साथ ज्यादातर खेल संघों के पदाधिकारी पहुंचे। खेल संघों के पदाधिकारियों में लॉन टेनिस के सचिव गुरूचरण सिंह होरा, वालीबॉल के मो. अकरम खान, ट्रायथलान के विष्णुश्रीवास्तव, जंप रोप के अखिलेश दुबे, कबड्डी संघ के रामबिसाल साहू, साफ्ट टेनिस के प्रमोद सिंह ठाकुर, कैरम संघ के विजय कुमार, कराते संघ के अजय साहू, म्यूथाई संघ के विजय अग्रवाल, वेटलिफ्टिंग संघ के सुखलाल जंघेल, नेटबॉल संघ के संजय शर्मा, साफ्टबॉल की रंजना राज, फुटबॉल संघ के मुश्ताक अली प्रधान, बैडमिंटन संघ के अनुराग दीक्षित, हैंडबॉल संघ के आलोक दुबे, तीरदांजी संघ के कैलाश मुरारका, थांग ता के गोविंद रावत के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ ६० स्कूलों के दो हजार से ज्यादा विद्यार्थी, खेल शिक्षक उपस्थित थे। 

1 टिप्पणियाँ:

पट्ठा प्रिंस शुक्र अग॰ 06, 09:14:00 am 2010  

शानदार। राष्ट्रीय महत्व की लोकल पोस्ट। साधुवाद स्वीकारें।

Related Posts with Thumbnails

ब्लाग चर्चा

Blog Archive

मेरी ब्लॉग सूची

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP