बैटन दल की विदाई
क्वींस बैटन दल को माना विमानतल में तिलक लगा कर विदा किया गया। यह दल विमान से हैदराबाद के लिए रवाना हुआ।
भिलाई से यह दल सीधे माना विमानतल पहुंचा जहां पर दल को विदा करने के लिए खेल विभाग के खेल सचिव सुब्रत साहू, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे के साथ खेल संघों से जुड़े मो. अकरम खान, संजय शर्मा, अखिलेश दुबे, विष्णु श्रीवास्तव सहित कई खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैटन दल को सबसे पहले तिलक लगाया गया। तिलक लगाने की रश्म खेल विभाग की सुधा कुमार के साथ एनआईएस कोच सरिता कुजूर ने पूरी की। दल प्रमुख वीएन सिंह के साथ दल की संयोजिका अलका लांबा ने छत्तीसगढ़ यात्रा को सुखद बताया और कहा कि उनको उम्मीद नहीं थी कि यहां पर बैटन के स्वागत में इतना ज्यादा जनसैलाब उमड़ेंगा। इन्होंने कहा कि वास्तव में छत्तीसगढ़ में हमारे दल को जो प्यार, स्नेह और सम्मान मिला है उसे हमारा दल कभी नहीं भूल करता है। इन्होंने पूछने पर बताया कि रायपुर के साथ राजनांदगांव, भिलाई, दुर्ग में रिले का आयोजन ऐतिहासिक रहा। यहां पर जिस तरह का तालमेल देखने को मिला वैसा तालमेल काफी कम स्थानों में देखने को मिलता है।
भिलाई से यह दल सीधे माना विमानतल पहुंचा जहां पर दल को विदा करने के लिए खेल विभाग के खेल सचिव सुब्रत साहू, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे के साथ खेल संघों से जुड़े मो. अकरम खान, संजय शर्मा, अखिलेश दुबे, विष्णु श्रीवास्तव सहित कई खेल संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैटन दल को सबसे पहले तिलक लगाया गया। तिलक लगाने की रश्म खेल विभाग की सुधा कुमार के साथ एनआईएस कोच सरिता कुजूर ने पूरी की। दल प्रमुख वीएन सिंह के साथ दल की संयोजिका अलका लांबा ने छत्तीसगढ़ यात्रा को सुखद बताया और कहा कि उनको उम्मीद नहीं थी कि यहां पर बैटन के स्वागत में इतना ज्यादा जनसैलाब उमड़ेंगा। इन्होंने कहा कि वास्तव में छत्तीसगढ़ में हमारे दल को जो प्यार, स्नेह और सम्मान मिला है उसे हमारा दल कभी नहीं भूल करता है। इन्होंने पूछने पर बताया कि रायपुर के साथ राजनांदगांव, भिलाई, दुर्ग में रिले का आयोजन ऐतिहासिक रहा। यहां पर जिस तरह का तालमेल देखने को मिला वैसा तालमेल काफी कम स्थानों में देखने को मिलता है।
3 टिप्पणियाँ:
वाह जी। शानदार लोकल पोस्ट।
वास्तव में छत्तीसगढ़ में हमारे दल को जो प्यार, स्नेह और सम्मान मिला है उसे हमारा दल कभी नहीं भूल करता है।
जभी तो कहते हैं छत्तीसगढ़या सब ले बढया !!
भाई यह सच है और यही सच है!!
samay हो तो अवश्य पढ़ें:
पंद्रह अगस्त यानी किसानों के माथे पर पुलिस का डंडा
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
बढ़िया लिखा है आपने.
मेरा ब्लॉग
खूबसूरत, लेकिन पराई युवती को निहारने से बचें
http://iamsheheryar.blogspot.com/2010/08/blog-post_16.html
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