रेल के डिब्बों में देखा खेल संसार
कामनवेल्थ एक्सप्रेस के जैसे ही राजधानी में होने की जानकारी यहां के खेल प्रेमियों को हुई, राजधानी से खेल प्रेमियों का कारवां चल पड़ा स्टेशन की ओर। सुबह से लेकर रात तक खेल प्रेमी रेल के डिब्बों में खेल के संसार से रूबरू होते रहे। खेल प्रेमियों के साथ खेल संघों के पदाधिकारी भी समूह में स्टेशन पहुंचे। राजधानी के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी भी प्रदर्शनी देखने पहुंचे। रात तक पहले दिन चार हजार से ज्यादा लोगों से प्रदर्शनी का अवलोकन किया। यह ट्रेल ११ अगस्त को भी यहां रहेगी इसके बाद १२ अगस्त को दुर्ग रवाना होगी।
कामनवेल्थ खेल दिल्ली में अक्टूबर में हो रहे हैं। इसके पहले इन खेलों की मशाल यानी बैटन का पूरे देश में भ्रमण हो रहा है। बैटन भ्रमण के साथ एक ट्रेन भी उस राज्य में जा रही है जहां पर बैटन को भेजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बैटन का आगमन तो ११ अगस्त को हो रहा है, लेकिन इसके पहले यहां पर ९ अगस्त की रात से ही कामनवेल्थ एक्सप्रेस आ गई है। इस ११ डिब्बों वाली ट्रेन में पांच डिब्बे कामनवेल्थ खेलों से संबंधित हैं। इस ट्रेन के राजधानी में होने की जानकारी होने पर सुबह से ही स्टेशन में खेल प्रेमियों के साथ तकनीकी प्रेमियों का जमावड़ा लग गया। सुबह से शाम तक खेलों से जुड़े लोगों के साथ स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं स्टेशन गए और प्रदर्शनी को देखा।
खेलों की जानकारी वाले डिब्बे
जिन पांच डिब्बों में खेलों की जानकारी दी गई है, उनमें सबसे पहले कोच में कामनवेल्थ का पूरा इतिहास है कि इसकी शुरुआत कब हुई और अब यह कारवां कहां तक पहुंच गया है। दूसरे कोच में दिल्ली में होने वाले कामनवेल्थ खेलों के लिए बनाए गए स्टेडियमों के बारे में जानकारी है कि किस स्टेडियम में कौन से खेल होंगे। तीसरे डिब्बे में कामनवेल्थ २०१० में होने वाले १७ खेलों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। चौथे डिब्बे में राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं के फोटो प्रदर्शनी के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के अब तक के प्रदर्शन की पूरी कहानी चित्रों की जुबानी है। इसी डिब्बे में दोहा एशियाड में भारतीय परचम लगराने वालों की भी जानकारी है। अंतिम डिब्बे में भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न, पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य, ध्यानचंद पुरस्कार के साथ रेलवे के अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की पूरी जानकारी और इनकी सफलता की कहानी है।
रेलवे के खिलाडिय़ों से संभाला मोर्चा
डिब्बों में बसे खेल संसार के बारे में आम जनों को जानकारी देने के लिए रायपुर मंडल के खेलों से जुड़े खिलाडिय़ों ने मोर्चा संभाला रखा है। हर आने वाले को उनकी जिज्ञासा के अनुरूप जानकारी दी जा रही है।
खेल संघ समूह में गए
कामनवेल्थ एक्सप्रेस का अवलोकन करने के लिए राजधानी के खेल संघों ने यूनियन क्लब में एकत्रित होने के बाद स्टेशन की तरफ कूच किया। इसके पहले यहां पर संघों की बैठक हुई। इस बैठक में लॉन टेनिस संघ के गुरूचरण सिंह होरा और कराते संघ के विजय अग्रवाल से कहा कि अपनी राजधानी में बैटन रिले का आगमन कल हो रहा है जिसको ऐतिहासिक बनाने पूरा राज्य जुटा है। ऐसे में कामनवेल्थ एक्सप्रेस यहां आई हैं तो हम सभी ने सोचा कि एक साथ मिलकर इसको देखने जाए। इन्होंने कहा कि खेल से जुड़े हर खेल संघ और खिलाडिय़ों के साथ स्कूली विद्यार्थियों को जरूर इस एक्सप्रेस को देखने जाना चाहिए।
६ डिब्बों में संचार क्रांति की कहानी
एक तरफ जहां पांच डिब्बों में खेलों की क्रांति का उल्लेख है, वहीं अपने देश में विकसित हो रही संचार क्रांति का जानकारी ६ डिब्बों में है। इस संचार क्रांति के बारे में जानकारी देते हुए डीवीएल नारायण राव ने बताया कि आईटी ने देश के हर गांव को संचार क्रांति के साथ जोडऩे का काम प्रारंभ कर दिया है। पहले चरण में एक लाख गांवों को जोड़ा जा रहा है, ७० प्रतिशत काम पूरा हो गया है। ६ गांवों के बीच में एक सेंटर खोल जा रहा है। उन्होंने बताया कि ६ डिब्बों में सूचना टेक्नालॉजी के विभिन्न पहलूओं का शामिल किया गया है।
कामनवेल्थ खेल दिल्ली में अक्टूबर में हो रहे हैं। इसके पहले इन खेलों की मशाल यानी बैटन का पूरे देश में भ्रमण हो रहा है। बैटन भ्रमण के साथ एक ट्रेन भी उस राज्य में जा रही है जहां पर बैटन को भेजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बैटन का आगमन तो ११ अगस्त को हो रहा है, लेकिन इसके पहले यहां पर ९ अगस्त की रात से ही कामनवेल्थ एक्सप्रेस आ गई है। इस ११ डिब्बों वाली ट्रेन में पांच डिब्बे कामनवेल्थ खेलों से संबंधित हैं। इस ट्रेन के राजधानी में होने की जानकारी होने पर सुबह से ही स्टेशन में खेल प्रेमियों के साथ तकनीकी प्रेमियों का जमावड़ा लग गया। सुबह से शाम तक खेलों से जुड़े लोगों के साथ स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं स्टेशन गए और प्रदर्शनी को देखा।
खेलों की जानकारी वाले डिब्बे
जिन पांच डिब्बों में खेलों की जानकारी दी गई है, उनमें सबसे पहले कोच में कामनवेल्थ का पूरा इतिहास है कि इसकी शुरुआत कब हुई और अब यह कारवां कहां तक पहुंच गया है। दूसरे कोच में दिल्ली में होने वाले कामनवेल्थ खेलों के लिए बनाए गए स्टेडियमों के बारे में जानकारी है कि किस स्टेडियम में कौन से खेल होंगे। तीसरे डिब्बे में कामनवेल्थ २०१० में होने वाले १७ खेलों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। चौथे डिब्बे में राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं के फोटो प्रदर्शनी के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के अब तक के प्रदर्शन की पूरी कहानी चित्रों की जुबानी है। इसी डिब्बे में दोहा एशियाड में भारतीय परचम लगराने वालों की भी जानकारी है। अंतिम डिब्बे में भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न, पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य, ध्यानचंद पुरस्कार के साथ रेलवे के अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की पूरी जानकारी और इनकी सफलता की कहानी है।
रेलवे के खिलाडिय़ों से संभाला मोर्चा
डिब्बों में बसे खेल संसार के बारे में आम जनों को जानकारी देने के लिए रायपुर मंडल के खेलों से जुड़े खिलाडिय़ों ने मोर्चा संभाला रखा है। हर आने वाले को उनकी जिज्ञासा के अनुरूप जानकारी दी जा रही है।
खेल संघ समूह में गए
कामनवेल्थ एक्सप्रेस का अवलोकन करने के लिए राजधानी के खेल संघों ने यूनियन क्लब में एकत्रित होने के बाद स्टेशन की तरफ कूच किया। इसके पहले यहां पर संघों की बैठक हुई। इस बैठक में लॉन टेनिस संघ के गुरूचरण सिंह होरा और कराते संघ के विजय अग्रवाल से कहा कि अपनी राजधानी में बैटन रिले का आगमन कल हो रहा है जिसको ऐतिहासिक बनाने पूरा राज्य जुटा है। ऐसे में कामनवेल्थ एक्सप्रेस यहां आई हैं तो हम सभी ने सोचा कि एक साथ मिलकर इसको देखने जाए। इन्होंने कहा कि खेल से जुड़े हर खेल संघ और खिलाडिय़ों के साथ स्कूली विद्यार्थियों को जरूर इस एक्सप्रेस को देखने जाना चाहिए।
६ डिब्बों में संचार क्रांति की कहानी
एक तरफ जहां पांच डिब्बों में खेलों की क्रांति का उल्लेख है, वहीं अपने देश में विकसित हो रही संचार क्रांति का जानकारी ६ डिब्बों में है। इस संचार क्रांति के बारे में जानकारी देते हुए डीवीएल नारायण राव ने बताया कि आईटी ने देश के हर गांव को संचार क्रांति के साथ जोडऩे का काम प्रारंभ कर दिया है। पहले चरण में एक लाख गांवों को जोड़ा जा रहा है, ७० प्रतिशत काम पूरा हो गया है। ६ गांवों के बीच में एक सेंटर खोल जा रहा है। उन्होंने बताया कि ६ डिब्बों में सूचना टेक्नालॉजी के विभिन्न पहलूओं का शामिल किया गया है।
2 टिप्पणियाँ:
आभार जानकारी का/
सादर अभिवादन! सदा की तरह आज का भी अंक बहुत अच्छा लगा।
एक टिप्पणी भेजें