राजनीति के साथ हर विषय पर लेख पढने को मिलेंगे....

मंगलवार, सितंबर 14, 2010

गलती हो गई, क्षमा करें

डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए देने के लिए प्रदेश भारोत्तोलन संघ ने अपनी गलती मानते हुए खेल विभाग से पत्र लिख कर क्षमा मांगी है। यह पत्र संघ ने खेल विभाग द्वारा दिए गए नोटिस के जवाब में लिखा है। इसके पहले संघ के पदाधिकारी खेल विभाग के साथ मीडिया को भी यह कहते रहे कि उनको खिलाड़ी के डोपिंग में दोषी होने की जानकारी नहीं है। इधर इस मामले में जहां प्रदेश ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा का मानना है कि संघ के पदाधिकारियों को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं संघ की पूर्व अध्यक्ष गुरमीत धनई का कहना है कि खेल विभाग को संघ की मान्यता २४ घंटे के अंदर समाप्त कर देनी चाहिए। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री और ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
प्रदेश के खेल विभाग द्वारा भारोत्तोलन संघ को दिए गए नोटिस के जवाब में संघ ने सोमवार को विभाग को जवाबी पत्र दिया है। इस पत्र में महासचिव सुखलाल जंघेल के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि संघ से गलती हुई है। संघ ने माना है कि सिद्धार्थ मिश्रा डोप टेस्ट में २३ अप्रैल को फेल हो गया था और उसको निलंबित करने का पत्र भारतीय फेडरेशन से २६ अप्रैल को प्रदेश संघ को मिल गया था। अपनी गलती स्वीकार करते हुए संघ ने खेल विभाग को लिखा है कि पिछले दस साल में उनके संघ से ऐसी कोई गलती नहीं हुई है। ऐसे में उनकी इस गलती के लिए क्षमा किया जाए। संघ ने आगे ऐसी कोई गलती न करने की बात भी लिखी है।
यहां यह बताना लाजिमी होगी कि इसके पहले सुखलाल जंघेल सिद्धार्थ मिश्रा का मामला सामने आने पर खेल विभाग के साथ मीडिया को लगातार यह कहते हुए गुमराह करते रहे कि उनके पास ऐेसी कोई जानकारी नहीं है। जब मीडिया की सतर्कता से यह मामला खुला और खेल विभाग ने संघ को नोटिस दिया तो मान्यता समाप्त होने के डर के कारण अब संघ ने गलती स्वीकार करने का काम किया है। इस बार जब शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए भारोत्तोलन के खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का चयन कर लिया गया तो इस खिलाड़ी के डोपिंगमें दोषी होने की जानकारी मीडिया के पास थी। ऐसे में मीडिया की सक्रिय होने पर खेल विभाग को जहां इस खिलाड़ी का पुरस्कार रद्द करना पड़ा, वहीं संघ को नोटिस देना पड़ा था।
वैधानिक कार्रवाई करेंगे: खेल संचालक
इस मामले में खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि संघ ने अपना जवाब दे दिया है अब विभाग इस मामले में वैधानिक कार्रवाई करेगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि विभाग को लगेगा कि संघ की मान्यता समाप्त करनी चाहिए तो ऐसा भी किया जा सकता है।
पदाधिकारी इस्तीफा दें: गुरूचरण
इस मामले में प्रदेश ओलंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा का कहना है कि राज्य के खेल पुरस्कार के लिए गलत जानकारी देना और फिर उसे मानना बहुत बड़ी गलती है। उन्होंने कहा कि राज्य के पुरस्कार के साथ खिलवाड़ करना गलत बात है। जब संघ के पदाधिकारी अपनी गलती मान रहे हैं तो उन्हें नैतिकता के नाते अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। इसी तरह की बातें खेलों को जानकार भी कह रहे हैं। इनका भी मानना है कि एक गलत खिलाड़ी का नाम भेजकर संघ ने एक योग्य खिलाड़ी की प्रतिभा के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे पदाधिकारियों को संघ में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
पूरी कार्यकारिणी बदली जाए
इस मामले में प्रारंभ से आक्रामक रही प्रदेश भारोत्तोलन संघ की पूर्व अध्यक्ष गुरमीत धनई का कहना है कि यह बात समङा से परे है कि खेल विभाग अब किस बात का इंतजार कर रहा है। जब संघ के पदाधिकारी खुद मान रहे हैं कि उन्होंने गलती की है तो फिर संघ की मान्यता समाप्त करने में विलंब करना बेकार है। उन्होंने कहा कि संघ के पदाधिकारियों की इससे ज्यादा शर्मनाक हरकत नहीं हो सकती कि वे खेल विभाग के साथ मीडिया को लगातार गुमराह करते रहे और पकड़े गए तो क्षमा मांग रहे हैं। यह गलती कोई क्षमा करने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि खेल विभाग को २४ घंटे में संघ की मान्यता समाप्त करनी चाहिए और उसको पहल करते हुए राष्ट्रीय फेडरेशन से कहना चाहिए कि प्रदेश में नए सिरे से संघ के चुनाव करवाएं जाए। नई कार्यकारिणी में पुरानी कार्यकारिणी का एक भी सदस्य न रहे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस सारे मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कि अब ओलंपिक संघ के भी अध्यक्ष हैं, उनसे बात करेंगी। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे इसमें हस्तक्षेप करें।
हम क्यों करें मान्यता समाप्त: बशीर
इस मामले में ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान का कहना है कि प्रदेश ओलंपिक संघ क्यों कर संघ की मान्यता समाप्त करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का खेल विभाग ओलंपिक संघ से पूछ कर संघों को मान्यता नहीं देता है। खेल विभाग में ऐसा नियम भी नहीं है कि प्रदेश ओलंपिक संघ से जिनको मान्यता है उनको मान्यता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय भारोत्तोलन संघ कुछ लिखकर देता है तभी ओलंपिक संघ मान्यता समाप्त करेगा।
सिद्धार्थ मिश्रा अभी दोषी नहीं
एक तरफ प्रदेश भारोत्तोलन संघ ने अपनी गलती मानते हुए खेल विभाग  से क्षमा मांगी है तो दूसरी तरफ इस मामले में प्रदेश संघ के कार्यकारी अध्यक्ष पी. रत्नाकर का कहना है कि वे सिद्धार्थ मिश्रा को अब भी दोषी नहीं मानते हैं। बकौल श्री रत्नाकर श्री मिश्रा का एक टेस्ट फेल हुआ है, अभी  दूसरे टेस्ट की रिपोर्ट आई नहीं है, इसके आने के बाद ही हम उसे दोषी मानेंगे। यह पूछने पर कि जब आप उसे दोषी नहीं मानते हैं तो फिर संघ ने क्षमा क्यों मांगी है, उनके पास कोई जवाब नहीं था।  

3 टिप्पणियाँ:

उम्मतें मंगल सित॰ 14, 06:02:00 pm 2010  

चलिये आपकी पहल रंग लाई और उन्होंने माफी मांग ली !

Related Posts with Thumbnails

ब्लाग चर्चा

Blog Archive

मेरी ब्लॉग सूची

  © Blogger templates The Professional Template by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP