गलती की है तो सजा भी भुगतो
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने मंगलवार को प्रदेश भारोत्तोलन संघ की मान्यता रद्द कर दी। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि विभाग ने फैसला किया कि जिस तरह से संघ ने डोपिंग जैसे मामले को हल्के में लेते हुए छोटी सी गलती समङाते हुए, गलती स्वीकार करते हुए क्षमा मांगी थी, वह गलती क्षमा योग्य नहीं है। इधर खेल विभाग से जिस तरह से कड़ाई दिखाई है उसने यह संकेत दिया है कि विभाग खेल संघों की ऐसी गलतियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
प्रदेश के खेल विभाग में दिन भर इस बात को लेकर सरगर्मी रही कि आखिर अब खेल विभाग प्रदेश भारोत्तोलन संघ नोटिस के जवाब में मिले पत्र पर क्या कार्रवाई करेगा। अंतत: शाम को खेल संचालक ने यह जानकारी दी कि विभाग ने काफी सोच विचार करने के बाद संघ की मान्यता रद्द कर दी है। यहां यहां बताना लीजिमी होगा कि डोपिंग के दोषी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए प्रदेश संघ ने भेजा था और उनके नाम भेजने के कारण इस खिलाड़ी का चयन इस पुरस्कार के लिए कर भी लिया गया था। बाद में जब इस बात का खुलासा हुआ कि खिलाड़ी तो डोपिंग का दोषी है तो विभाग ने खिलाड़ी का पुरस्कार रद्द कर दिया और खेल संघ को नोटिस देकर जवाब मांगा। संघ ने अपने जवाब में जब यह लिख कर दिया कि उससे गलती हो गई थी और उसने सिद्धार्थ मिश्रा के डोपिंग में फेल हो जाने की जानकारी होने के बाद इसके बारे में विभाग को नहीं बताया था। इस गलती के लिए संघ ने विभाग से क्षमा मांगी थी। लेकिन विभाग ने इस मामले में क्षमा देना उचित नहीं समङाा और गलती को बर्दाश्त न करते हुए संघ की मान्यता रद्द कर दी है। खेल विभाग की इस कार्रवाई से राज्य की खेल बिरादरी में यह संकेत गया है कि विभाग किसी भी कीमत में खेल संघों की इस तरह की गलतियों को बर्दाश्त करने वाला नहीं है।
प्रदेश के खेल विभाग में दिन भर इस बात को लेकर सरगर्मी रही कि आखिर अब खेल विभाग प्रदेश भारोत्तोलन संघ नोटिस के जवाब में मिले पत्र पर क्या कार्रवाई करेगा। अंतत: शाम को खेल संचालक ने यह जानकारी दी कि विभाग ने काफी सोच विचार करने के बाद संघ की मान्यता रद्द कर दी है। यहां यहां बताना लीजिमी होगा कि डोपिंग के दोषी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए प्रदेश संघ ने भेजा था और उनके नाम भेजने के कारण इस खिलाड़ी का चयन इस पुरस्कार के लिए कर भी लिया गया था। बाद में जब इस बात का खुलासा हुआ कि खिलाड़ी तो डोपिंग का दोषी है तो विभाग ने खिलाड़ी का पुरस्कार रद्द कर दिया और खेल संघ को नोटिस देकर जवाब मांगा। संघ ने अपने जवाब में जब यह लिख कर दिया कि उससे गलती हो गई थी और उसने सिद्धार्थ मिश्रा के डोपिंग में फेल हो जाने की जानकारी होने के बाद इसके बारे में विभाग को नहीं बताया था। इस गलती के लिए संघ ने विभाग से क्षमा मांगी थी। लेकिन विभाग ने इस मामले में क्षमा देना उचित नहीं समङाा और गलती को बर्दाश्त न करते हुए संघ की मान्यता रद्द कर दी है। खेल विभाग की इस कार्रवाई से राज्य की खेल बिरादरी में यह संकेत गया है कि विभाग किसी भी कीमत में खेल संघों की इस तरह की गलतियों को बर्दाश्त करने वाला नहीं है।
3 टिप्पणियाँ:
ठीक ही हुआ !
saja to milani hi chahaye thi taki dusare sabak len
sahi vishay uthaya hai aapne aisi sakhti zaroori..... shayad isse kuch badlav aaye.
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