वाह..लाजवाब.. बेमिसाल
परसदा के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में जैसे ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव के कदम पड़े और उनकी नजरें स्टेडियम के चारों तरफ गईं तो उनके मुंह से यही निकला वाह.. लाजवाब.. बेमिसाल। ऐसा स्टेडियम अपने हिन्दुस्तान में। मैंने तो सोचा भी नहीं था कि अपने देश में इतना अच्छा स्टेडियम कहीं हो सकता है। वैसे मैंने इस स्टेडियम का एक फोटो देखा था, लेकिन फिर भी मैंने कल्पना नहीं की थी कि यह स्टेडियम इतना अच्छा हो सकता है।
स्टेडियम में अंडर आते ही कपिल देव ने सबसे पहले आउटफील्ड को टटोलकर देखा और आउटफील्ड में एक उंगली डालने के बाद सवाल किया कि क्या आउटफील्ड सेडबैस है या नहीं। उनको बताया गया कि आउटफील्ड सेडबैस ही है। कपिल ने इसके बाद विकेटों को देखा। जब वे विकेट देखने गए तो फोटोग्राफर फोटो लेने के लिए विकेट के अंदर चले गए थे। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मीडिया को वहां जाने से रोकना चाहिए, इससे विकेट खराब होता है। उन्होंने कहा कि हम लोग खेलते थे तो हमें विकेट के पास कभी फटकने नहीं मिलता था। कपिल देव ने स्टेडियम की क्षमता पूछी तो उनको बताया गया कि इसकी क्षमता ६५ हजार है। उनको यह भी बताया गया कि क्षमता के मामले में स्टेडियम एशिया में नंबर दो है।
सोच बदल रही है: कपिल देव ने स्टेडियम देखने के बाद कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज लोगों की सोच बदल रही है। आज इस बात से मतलब नहीं रह गया है कि कोई शहर छोटा है या बड़ा। उन्होंने कहा कि रायपुर में बने स्टेडियम ने यह साबित कर दिया है कि सोच के आगे सब कुछ संभव है।
३०० बॉल नाक करना भी कमः- कपिल देव ने छत्तीसगढ़ के युवा क्रिकेटरों से बात करते हुए कहा कि मैं आप लोगों को बताना चाहूंगा कि जब सुनील गावस्कर ३२ साल के थे और मैं टीम का कप्तान था तो वे कहते थे कि एक गेंदबाज दे दो मैं १५ बाल खेलना चाहता हूं। गावस्कर का १५ बॉल खेलना समङा आता है, लेकिन आज के क्रिकेटरों को दिन में ३०० बॉल नाक करना पड़े तो भी कम है। उन्होंने कहा कि फिटनेस पर ध्यान देना अहम होता है। उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी अकेले अभ्यास करने का दम रखता है, वह जरूर आगे बढ़ता है। उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि दारू कभी अकेले नहीं पीनी चाहिए, लेकिन अभ्यास जरूर अकेले करना चाहिए।
स्टेडियम में अंडर आते ही कपिल देव ने सबसे पहले आउटफील्ड को टटोलकर देखा और आउटफील्ड में एक उंगली डालने के बाद सवाल किया कि क्या आउटफील्ड सेडबैस है या नहीं। उनको बताया गया कि आउटफील्ड सेडबैस ही है। कपिल ने इसके बाद विकेटों को देखा। जब वे विकेट देखने गए तो फोटोग्राफर फोटो लेने के लिए विकेट के अंदर चले गए थे। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मीडिया को वहां जाने से रोकना चाहिए, इससे विकेट खराब होता है। उन्होंने कहा कि हम लोग खेलते थे तो हमें विकेट के पास कभी फटकने नहीं मिलता था। कपिल देव ने स्टेडियम की क्षमता पूछी तो उनको बताया गया कि इसकी क्षमता ६५ हजार है। उनको यह भी बताया गया कि क्षमता के मामले में स्टेडियम एशिया में नंबर दो है।
सोच बदल रही है: कपिल देव ने स्टेडियम देखने के बाद कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज लोगों की सोच बदल रही है। आज इस बात से मतलब नहीं रह गया है कि कोई शहर छोटा है या बड़ा। उन्होंने कहा कि रायपुर में बने स्टेडियम ने यह साबित कर दिया है कि सोच के आगे सब कुछ संभव है।
३०० बॉल नाक करना भी कमः- कपिल देव ने छत्तीसगढ़ के युवा क्रिकेटरों से बात करते हुए कहा कि मैं आप लोगों को बताना चाहूंगा कि जब सुनील गावस्कर ३२ साल के थे और मैं टीम का कप्तान था तो वे कहते थे कि एक गेंदबाज दे दो मैं १५ बाल खेलना चाहता हूं। गावस्कर का १५ बॉल खेलना समङा आता है, लेकिन आज के क्रिकेटरों को दिन में ३०० बॉल नाक करना पड़े तो भी कम है। उन्होंने कहा कि फिटनेस पर ध्यान देना अहम होता है। उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी अकेले अभ्यास करने का दम रखता है, वह जरूर आगे बढ़ता है। उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि दारू कभी अकेले नहीं पीनी चाहिए, लेकिन अभ्यास जरूर अकेले करना चाहिए।
8 टिप्पणियाँ:
क्या अदा क्या जलवा
हम मिलते मिलते रह गए।
सांई ने नहीं ने नही बताया।
राम राम
कोई बात नहीं शर्मा जी अगली बार मिल लेना, कपिल जी फिर जल्द आने वाले हैं, कहकर गए हैं जब बुलाएं आ जाएंगे।
सांई ने नहीं ने नही बताया
इसका क्या मतलब है, बताएं
कहीं सांई ने नहीं बताया तो नहीं लिखना चाह रहे थे आप....
वैसे आप कल दिन भर कहां रहे, रास्ते में एक झलक दिखाकर गायब हो गए थे...
इससे मनोबल तो निश्चित रूप से बढेगा।
जय हो भईया, अगली बार कपिल देव से हमें भी मिलाने की जुगत लगाइये.
अच्छा संस्मरण पर अगली बार शर्मा जी को कपिल से मिलवाईयेगा ज़रूर :)
इससे लोकल खोलाड़ियों का मनोबल जरुर बढ़ेगा..बढ़िया रपट.
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