ब्लागर मित्र अशोक बजाज से हुई मुलाकात
दो दिन पहले की बात है, हम प्रेस में बैठे काम कर रहे थे, तभी अचानक अशोक बजाज का प्रेस आना हुआ। उन्होंने हमसे मिलते ही पूछा और क्या हाल-चाल है आपके ब्लाग का। हमने बताया ठीक है। उन्होंने अपने ब्लाग के बारे में पूछा कि हमारा ब्लाग कैसे चल रहा है। हमने कहा आप तो एक अच्छे काम में लगे हैं तो वो कैसे अच्छा नहीं होगा। हम बता दें कि श्री बजाज जी छत्तीसगढ़ को हरा-भरा करने के विशेष अभियान में लगे हैं। इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वे अपने ब्लाग में हरियर अभियान की बातें भी लिखते हैं।
अशोक बजाज को हम काफी पहले से जानते हैं, लेकिन हमें यह मालूम नहीं था कि वे भी ब्लाग लिखते हैं। लेकिन इधर उनको हमने एक ब्लागर के रूप में भी जाना है। वैसे वे अच्छे नेता हैं। वे जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। उनसे हमारा सरोकार एक नेता की वजह से ज्यादा रहा। एक बात और यह कि श्री बजाज पुराने रेडियो श्रोता रहे हैं और हम भी कभी रेडियो श्रोता हुआ करते थे। बहरहाल हमें कई बार यह खबर मिली थी कि श्री बजाज जी हमसे बात करना चाहते हैं। रायपुर में पिछले माह हुए रेडियो श्रोता सम्मेलन में भी हमें बुलाया गया था, पर हम नहीं जा पाए। श्री बजाज जी से बात करने का समय ही नहीं मिल रहा था, ऐसे में अचानक जब वे प्रेस आए तो सौभाग्यवश उनसे मुलाकात हो गई। अब मुलाकात हुई तो बात भी हुई। बात ज्यादा नहीं हुई क्योंकि एक तो प्रेस में काम का समय था, फिर बजाज जी को भी कहीं और जाना था। बस अपने-अपने ब्लागों पर ही थोड़ी सी चर्चा हो पाई। बजाज जी ने जहां हमें यह बताया कि वे ब्लाग के लिए रात को समय दे पाते हैं, वहीं हमने उनको बताया हमारे पास सुबह का समय ही रहता है जिसमें एक घंटे का समय ब्लाग के लिए निकालते हैं। श्री बजाज जी ने हमसे यह भी पूछा कि ललित शर्मा को बधाई दी या नहीं क्योंकि उसी दिन श्री शर्मा जी की एक वेबसाइड का मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लोकार्पण किया था। हमने बताया कि संजीव तिवारी के ब्लाग में उनको बधाई दी है, इसी के साथ बजाज जी के ब्लाग में हमने दूसरे दिन भी उनको बधाई दी। वैसे तो बजाज जी से हमारा हमेशा मिलना होता रहा है, पर एक ब्लागर के रूप में उनसे यह पहली मुलाकात थी, वैसे अब मुलाकातों का सिलसिला चलता रहेगा और संभवत: अब जब भी मुलाकात होगी तो ब्लाग जगत पर चर्चा जरूर होगी।
अशोक बजाज को हम काफी पहले से जानते हैं, लेकिन हमें यह मालूम नहीं था कि वे भी ब्लाग लिखते हैं। लेकिन इधर उनको हमने एक ब्लागर के रूप में भी जाना है। वैसे वे अच्छे नेता हैं। वे जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। उनसे हमारा सरोकार एक नेता की वजह से ज्यादा रहा। एक बात और यह कि श्री बजाज पुराने रेडियो श्रोता रहे हैं और हम भी कभी रेडियो श्रोता हुआ करते थे। बहरहाल हमें कई बार यह खबर मिली थी कि श्री बजाज जी हमसे बात करना चाहते हैं। रायपुर में पिछले माह हुए रेडियो श्रोता सम्मेलन में भी हमें बुलाया गया था, पर हम नहीं जा पाए। श्री बजाज जी से बात करने का समय ही नहीं मिल रहा था, ऐसे में अचानक जब वे प्रेस आए तो सौभाग्यवश उनसे मुलाकात हो गई। अब मुलाकात हुई तो बात भी हुई। बात ज्यादा नहीं हुई क्योंकि एक तो प्रेस में काम का समय था, फिर बजाज जी को भी कहीं और जाना था। बस अपने-अपने ब्लागों पर ही थोड़ी सी चर्चा हो पाई। बजाज जी ने जहां हमें यह बताया कि वे ब्लाग के लिए रात को समय दे पाते हैं, वहीं हमने उनको बताया हमारे पास सुबह का समय ही रहता है जिसमें एक घंटे का समय ब्लाग के लिए निकालते हैं। श्री बजाज जी ने हमसे यह भी पूछा कि ललित शर्मा को बधाई दी या नहीं क्योंकि उसी दिन श्री शर्मा जी की एक वेबसाइड का मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लोकार्पण किया था। हमने बताया कि संजीव तिवारी के ब्लाग में उनको बधाई दी है, इसी के साथ बजाज जी के ब्लाग में हमने दूसरे दिन भी उनको बधाई दी। वैसे तो बजाज जी से हमारा हमेशा मिलना होता रहा है, पर एक ब्लागर के रूप में उनसे यह पहली मुलाकात थी, वैसे अब मुलाकातों का सिलसिला चलता रहेगा और संभवत: अब जब भी मुलाकात होगी तो ब्लाग जगत पर चर्चा जरूर होगी।
2 टिप्पणियाँ:
एक ही बस्ती में अनचीन्हे से क्यों रहते हैं आप लोग ? कुछ ज्यादा मिले ! हमें भी बताते रहें !
भाई राजकुमार जी ,
मै अभी अभी आपके ब्लॉग में पहुंचा . आपने मुलाकात में हुई चर्चा को शब्दशः लिख दिया है , मै आपके स्मरण शक्ति की दाद देता हूँ . अति व्यस्तता के बावजूद आपने ब्लॉग जगत में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है . पर्यावरण जागरूकता अभियान ने एक आन्दोलन का रूप ले लिया है , आपका एवं सभी ब्लोगर मित्रों का इसके लिए सतत सहयोग अपेक्षित है .धन्यवाद
अली जी को भविष्य में शिकायत का मौका नहीं मिलेगा , निर्मल भावना के लिए उन्हें आभार .
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