सवा साल में नहीं हो पाया टेंडर
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के सवा साल बाद भी साइंस कॉलेज के मैदान में लगने वाले एस्ट्रो टर्फ के लिए लोक निर्माण विभाग अब तक टेंडर जारी नहीं कर सका है। खेल विभाग ने हॉकी का स्टेडियम बनाने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा है।
प्रदेश की राजधानी में हॉकी के एस्ट्रो टर्फ वाले मैदान के लिए राजधानी के खिलाड़ी राज्य बनने के दस साल बाद भी तरस रहे हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ही नेताजी स्टेडियम के साथ कोटा स्टेडियम में एस्ट्रो टर्फ लगाने की घोषणा की थी। जब इन दोनों स्थानों पर एस्ट्रो टर्फ लगाने की दिशा में खेल विभाग ने काम किया तो उसके सामने यह बात आई कि जहां कोटा स्टेडियम में रविशंकर विश्व विद्यालय और एक निजी व्यक्ति के मध्य विवाद चल रहा है, वहीं नेताजी स्टेडियम को विशेषज्ञों ने एस्ट्रो टर्फ लगाने के लिए उपयुक्त नहीं समङाा। इस मैदान की एक दो दिशा गलत है, इसी के साथ मैदान भी बहुत छोटा है। अगर यहां पर एस्ट्रो टर्फ लगा भी दिया जाता तो इस मैदान में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन संभव ही नहीं है। दिशा गलत होने की वजह से सूर्य की रौशनी सीधे गोलकीपर के चेहरे पर पड़ती है। ऐसे में जबकि दोनों स्थानों पर एस्ट्रो टर्फ लगाने को लेकर दिक्कत आ रही थी, तब ऐसे में खेल विभाग में अधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श करके यह फैसला किया कि एस्ट्रो टर्फ लगाने का स्थान बदला जाए। खेल विभाग ने खेल के जानकारों से भी बाद में इस मुद्दे पर चर्चा करके यह तय किया कि खेल विभाग को जो साइंस कॉलेज के मैदान में करीब ३४ एकड़ जमीन मिली हुई है, उसी जमीन में एस्ट्रो टर्फ वाला एक स्टेडियम बनाया जाए। ऐसे में जब ३० मई २००९ को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई तो इस बैठक में ही खेल विभाग की तरफ से खेलमंत्री लता उसेंडी ने यह प्रस्ताव रखा कि साइंस कॉलेज में एस्ट्रो टर्फ लगाना उचित रहेगा। मुख्यमंत्री ने नेताजी स्टेडियम और कोटा स्टेडियम की दिक्कतों के बारे में जानने के बाद अंतत: साइंस कॉलेज में भी एस्ट्रो टर्फ लगाने की घोषणा कर दी।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के बाद से ही खेल विभाग लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। खेल विभाग ने साइंस कॉलेज में पहले हॉकी का स्टेडियम बनाने का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के हवाले जून २००९ से ही कर दिया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी स्टेडियम बनने वाले स्थान का निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट भी दे चुके हैं। रिपोर्ट के बाद स्टेडियम बनाने का खाका भी तैयार कर लिया गया है, खेल विभाग इस दिशा में लगातार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात कर रहा है। खेल संचालक जीपी सिंह खुद लगातार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के सतत संपर्क में है। खेल संचालक जीपी सिंह इस मामले में कहते हैं कि जल्द ही इसका टेंडर होगा और काम प्रारंभ हो जाएगा। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के सवा साल बाद भी अब तक लोक निर्माण विभाग सारी योजना तय होने के बाद भी टेंडर नहीं निकाल सका है। खेल विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि साइंस कॉलेज के एस्ट्रो टर्फ के लिए प्रारंभिक तौर पर वित्त विभाग ने १०.६१ करोड़ की मंजूरी भी दे दी है। वित्त विभाग से पैसे जारी होने के बाद भी टेंडर अब तक जारी नहीं किया जा रहा है।
1 टिप्पणियाँ:
पी.डब्ल्यू.डी. की महिमा अपरम्पार है :)
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