फिर वो भी हर पल होंगे उदास
उनको तो मिल गया किसी का सहारा
हम अब तक हैं बेसहारा
कैसे चलेगा जिदंगी का गुजारा
सोचता है दिल हमारा बेचारा
दिल सच में है बेचारा
जो उनके इशारे पे गया मारा
जब दिल गया उनके इशारे पे मारा
तो अब कैसे हो उनके बिना गुजारा
उनको गुरूर है अपने आप पर
अपने हुश्न पर, अपने शबाब पर
लेकिन हम उनका गुरूर तोड़ेंगे
उनको भी एक दिन तन्हा छोड़ेंगे
तन्हाई जब उनको रूलाएगी
जरूर उनको हमारी याद आएगी
लेकिन तब हम नहीं होंगे पास
फिर वो भी हर पल होंगे उदास
2 टिप्पणियाँ:
तो क्या उनके सहारे को निपटाने की सोच रहे हैं :)
bahut achchha
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