नीता डुमरे कामनवेल्थ में तकनीकी अधिकारी
अंतरराष्ट्रीय हॉकी निर्णायक और पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी नीता डुमरे कामनवेल्थ में महिला हॉकी के लिए तकनीकी अधिकारी नियुक्ति की गई हैं। विश्व हॉकी फेडरेशन ने भारत से एकमात्र नाम नीता डुमरे का ही भेजा था। नीता यहां से एक अक्टूबर को दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
यह जानकारी देते हुए नीता डुमरे ने बताया कि इसके पहले उनकी नियुक्ति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियाई हॉकी फेडरेशन द्वारा ही की जाती थी, पहली बार उनका नाम कामनवेल्थ के लिए विश्व हॉकी फेडरेशन द्वारा भेजा गया। उन्होंने बताया कि भारत से वह एकमात्र तकनीकी अधिकारी के रूप में विश्व हॉकी फेडरेशन की तय की गई अधिकारी हैं। उनके अलावा तीन और देशों के तकनीकी अधिकारी जिनमें आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा का नाम है, के तकनीकी अधिकारियों का नाम विश्व फेडरेशन ने भेजा था। नीता ने पूछने पर बताया कि उनको पहली बार २००४ में हैदराबाद में एशियाई चैंपियनशिप में तकनीकी अधिकारी के रूप में शामिल किया गया था, इसके बाद से वह लगातार तकनीकी अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि २००५, ०७, और ०८ में वह मलेशिया में खेली गई एशियाई चैंपियनशिप में तकनीकी अधिकारी थीं। इसी के साथ २००६ के दोहा एशियाड में भी वह तकनीकी अधिकारी थी। २००९ में वह बैंकाक में एशियाई चैंपियनशिप में भी रही। अब उनको कामनवेल्थ में जाने का मौका मिला है। पूछने पर वह बताती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी अधिकारी के रूप में काम करने से हॉकी में बदल रहे नियमों के बारे में जानकारी होती है और इस जानकारी का फायदा राज्य की अंपायरों को देती हैं।
उन्होंने बताया कि इस समय छत्तीसगढ़ की तीन खिलाड़ी रश्मि तिर्की, निधी गुप्ता और विनीता नवघरे राष्ट्रीय अंपायर हैं। इनके जल्द ही अंतरराष्ट्रीय अंपायर बनने की बात कहते हुए नीता कहती हैं कि इनके साथ और भी खिलाड़ी जिनकी रूचि अंपायरिंग में हैं उनको मैं अपने अनुभव बांटने का काम करती हूं। एक सवाल के जवाब में नीता कहती हैं कि भारतीय हॉकी टीम को एक बार फिर से पदक जीतने का काम करना चाहिए। पिछले दो कामनवेल्थ में टीम ने एक स्वर्ण और रजत जीता है। इस बार टीम पदक जीतकर पदकों की हैट्रिक बना सकती है।
यह जानकारी देते हुए नीता डुमरे ने बताया कि इसके पहले उनकी नियुक्ति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियाई हॉकी फेडरेशन द्वारा ही की जाती थी, पहली बार उनका नाम कामनवेल्थ के लिए विश्व हॉकी फेडरेशन द्वारा भेजा गया। उन्होंने बताया कि भारत से वह एकमात्र तकनीकी अधिकारी के रूप में विश्व हॉकी फेडरेशन की तय की गई अधिकारी हैं। उनके अलावा तीन और देशों के तकनीकी अधिकारी जिनमें आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा का नाम है, के तकनीकी अधिकारियों का नाम विश्व फेडरेशन ने भेजा था। नीता ने पूछने पर बताया कि उनको पहली बार २००४ में हैदराबाद में एशियाई चैंपियनशिप में तकनीकी अधिकारी के रूप में शामिल किया गया था, इसके बाद से वह लगातार तकनीकी अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि २००५, ०७, और ०८ में वह मलेशिया में खेली गई एशियाई चैंपियनशिप में तकनीकी अधिकारी थीं। इसी के साथ २००६ के दोहा एशियाड में भी वह तकनीकी अधिकारी थी। २००९ में वह बैंकाक में एशियाई चैंपियनशिप में भी रही। अब उनको कामनवेल्थ में जाने का मौका मिला है। पूछने पर वह बताती हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी अधिकारी के रूप में काम करने से हॉकी में बदल रहे नियमों के बारे में जानकारी होती है और इस जानकारी का फायदा राज्य की अंपायरों को देती हैं।
उन्होंने बताया कि इस समय छत्तीसगढ़ की तीन खिलाड़ी रश्मि तिर्की, निधी गुप्ता और विनीता नवघरे राष्ट्रीय अंपायर हैं। इनके जल्द ही अंतरराष्ट्रीय अंपायर बनने की बात कहते हुए नीता कहती हैं कि इनके साथ और भी खिलाड़ी जिनकी रूचि अंपायरिंग में हैं उनको मैं अपने अनुभव बांटने का काम करती हूं। एक सवाल के जवाब में नीता कहती हैं कि भारतीय हॉकी टीम को एक बार फिर से पदक जीतने का काम करना चाहिए। पिछले दो कामनवेल्थ में टीम ने एक स्वर्ण और रजत जीता है। इस बार टीम पदक जीतकर पदकों की हैट्रिक बना सकती है।
जयवंत क्लाडियस करेंगे कामेंट्री
कामनवेल्थ में छत्तीसगढ़ के कामेंट्रेटर जसवंत क्लाडियस भी कामेंट्री करेंगे। यह जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि टीवी पर हिन्दी कामेंट्री करने के लिए उनको बुलाया गया है। १९८० में आकाशवाणी और १९९४ से वे दूरदर्शन में खेलों की कामेट्री कर रहे हैं। २००६ में हैगराबाद में आयोजित विश्व सैन्य खेलों में भी उन्होंने कामेंट्री की थी। श्री क्लाडियस को अब तक एक दर्जन से ज्यादा खेलों की कामेंट्री करने का मौका मिला है।
कामनवेल्थ में छत्तीसगढ़ के कामेंट्रेटर जसवंत क्लाडियस भी कामेंट्री करेंगे। यह जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि टीवी पर हिन्दी कामेंट्री करने के लिए उनको बुलाया गया है। १९८० में आकाशवाणी और १९९४ से वे दूरदर्शन में खेलों की कामेट्री कर रहे हैं। २००६ में हैगराबाद में आयोजित विश्व सैन्य खेलों में भी उन्होंने कामेंट्री की थी। श्री क्लाडियस को अब तक एक दर्जन से ज्यादा खेलों की कामेंट्री करने का मौका मिला है।
1 टिप्पणियाँ:
नीता डूमरे को बहुत बहुत बधाईयां !
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