15 दिन भी नहीं चले ट्रेक शूट
राज्य खेल महोत्सव के लिए रायपुर जिले के खिलाड़ियों को दिए गए ट्रेक शूट इतने ज्यादा निम्न स्तर के हैं कि वे 15 दिन भी नहीं चल सके और दम तोड़ने लगे हैं। ट्रेक शूट के साथ दी गई निकर और जर्सी का भी यही हाल है।
राज्य खेल महोत्सव में रायपुर जिले के खिलाड़ियों को दिए गए ट्रेक शूट को लेकर खिलाड़ियो में बहुत नाराजगी है। ये ट्रेक शूट इतने ज्यादा निम्न स्तर के हैं कि अभी राज्य खेल महोत्सव के आयोजन को 15 दिन भी नहीं हुए हैं और ये ट्रेक शूट फटने लग गए हैं। कुछ खेलों के खिलाड़ियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक तो ये ट्रेक शूट जिस दिन गए थे, उसी दिन इसकी शिकायत क्वालिटी को लेकर राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से की गई थी। जिस दिन ट्रेक शूट दिए गए थे, उसी दिन इसकी सिलाई और कपड़े को देखकर समझ में आ गया था कि यह काफी घटिया क्वालिटी का है। लेकिन खिलाड़ियों के पास ट्रेक शूट लेने के अलावा कोई चारा नहीं था। ट्रेक शूट के साथ जो निकर और जर्सी दी गई है, उसकी क्वालिटी भी बहुत खराब है। इसका कपड़ा भी फटने लगा है।
उद्घाटन के दिन मिली थी किट
खिलाड़ियों का कहना है कि जब रायपुर में जोनल स्पर्धा का आयोजन किया गया तो खिलाड़ियों को ट्रेक शूट और किट नहीं दी गई। इसके पीछे तर्क दिया गया कि बारिश के कारण खराब मैदानों में खिलाड़ियों के खेलने से किट खराब हो जाएगी तो राज्य स्तरीय आयोजन में खिलाड़ी क्या पहनेंगे। खिलाड़ियों का अब कहना है कि वास्तव में किट के खराब होने के डर से नहीं बल्कि किट की क्वालिटी के खराब होने के काराण इसे उद्घाटन के दिन दिया गया ताकि खिलाड़ी कुछ न कर सकें। खिलाड़ियों का साफ कहना है कि उनको जो किट रायपुर के जिला खेल विभाग से मिली है, उससे कहीं अच्छी किट फुटपाथ पर मिल जाती है। इस किट के लिए प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग से हर जिले को पांच सौ रुपए की राशि दी थी। खेल संघों से जुड़े पदाधिकारी कहते हैं कि अगर उनको पांच सौ रुपए दे दिए जाते तो इससे अच्छी किट हम लोग खिलाड़ियों को दे देते।
छुट्टी से आने पर बताऊंगा
इस मामले में जब जानकारी लेने राजधानी के वरिष्ठ खेलअधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से बात की गई तो उन्होंने पहले तो यह कहा कि खेल संचालनालय से उनके विभाग को जो पांच सौ रुपए की राशि मिली थी, उसी राशि में जितनी अच्छी हो सकती थी हमने किट दी है। जब उनके पूछा गया कि कितने की किट दी गई है तो उन्होंने कहा कि अभी छुट्टी में हैं, छुट्टी से आने के बाद बताएंगे और उन्होंने फोन काट दिया।
राज्य खेल महोत्सव में रायपुर जिले के खिलाड़ियों को दिए गए ट्रेक शूट को लेकर खिलाड़ियो में बहुत नाराजगी है। ये ट्रेक शूट इतने ज्यादा निम्न स्तर के हैं कि अभी राज्य खेल महोत्सव के आयोजन को 15 दिन भी नहीं हुए हैं और ये ट्रेक शूट फटने लग गए हैं। कुछ खेलों के खिलाड़ियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक तो ये ट्रेक शूट जिस दिन गए थे, उसी दिन इसकी शिकायत क्वालिटी को लेकर राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से की गई थी। जिस दिन ट्रेक शूट दिए गए थे, उसी दिन इसकी सिलाई और कपड़े को देखकर समझ में आ गया था कि यह काफी घटिया क्वालिटी का है। लेकिन खिलाड़ियों के पास ट्रेक शूट लेने के अलावा कोई चारा नहीं था। ट्रेक शूट के साथ जो निकर और जर्सी दी गई है, उसकी क्वालिटी भी बहुत खराब है। इसका कपड़ा भी फटने लगा है।
उद्घाटन के दिन मिली थी किट
खिलाड़ियों का कहना है कि जब रायपुर में जोनल स्पर्धा का आयोजन किया गया तो खिलाड़ियों को ट्रेक शूट और किट नहीं दी गई। इसके पीछे तर्क दिया गया कि बारिश के कारण खराब मैदानों में खिलाड़ियों के खेलने से किट खराब हो जाएगी तो राज्य स्तरीय आयोजन में खिलाड़ी क्या पहनेंगे। खिलाड़ियों का अब कहना है कि वास्तव में किट के खराब होने के डर से नहीं बल्कि किट की क्वालिटी के खराब होने के काराण इसे उद्घाटन के दिन दिया गया ताकि खिलाड़ी कुछ न कर सकें। खिलाड़ियों का साफ कहना है कि उनको जो किट रायपुर के जिला खेल विभाग से मिली है, उससे कहीं अच्छी किट फुटपाथ पर मिल जाती है। इस किट के लिए प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग से हर जिले को पांच सौ रुपए की राशि दी थी। खेल संघों से जुड़े पदाधिकारी कहते हैं कि अगर उनको पांच सौ रुपए दे दिए जाते तो इससे अच्छी किट हम लोग खिलाड़ियों को दे देते।
छुट्टी से आने पर बताऊंगा
इस मामले में जब जानकारी लेने राजधानी के वरिष्ठ खेलअधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से बात की गई तो उन्होंने पहले तो यह कहा कि खेल संचालनालय से उनके विभाग को जो पांच सौ रुपए की राशि मिली थी, उसी राशि में जितनी अच्छी हो सकती थी हमने किट दी है। जब उनके पूछा गया कि कितने की किट दी गई है तो उन्होंने कहा कि अभी छुट्टी में हैं, छुट्टी से आने के बाद बताएंगे और उन्होंने फोन काट दिया।
1 टिप्पणियाँ:
ये नही सु्धरेंगे-जब हम खेलते थे तब भी यही हाल था और मेरे से ज्यादा तो आप स्वयं ही जानते हैं।
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