आज आ गई फिर तुम याद
हो गया दिल का गुलशन आबाद।।
छा गई खूशियां दिल के आंगन में
महकने लगी कलियां मन मधुबन में।।
चाहत के अरमान मचलने लगे दिल में
दिल करने लगा मिलने की फरियाद।।
आज आ गई फिर तुम याद
हो गया दिल का गुलशन आबाद।।
दूरियों के दर्द अब मिट जाएंगे
अरमानों के द्वार खुल जाएंगे।।
मन वीणा केतार बजेंगे तब
जब हम तुम फिर मिल जाएंगे।।
फिर न रहेगा मन में कोई अवसाद
आज आ गई फिर तुम याद
हो गया दिल का गुलशन आबाद।।
छा गई खूशियां दिल के आंगन में
महकने लगी कलियां मन मधुबन में।।
चाहत के अरमान मचलने लगे दिल में
दिल करने लगा मिलने की फरियाद।।
आज आ गई फिर तुम याद
हो गया दिल का गुलशन आबाद।।
दूरियों के दर्द अब मिट जाएंगे
अरमानों के द्वार खुल जाएंगे।।
मन वीणा केतार बजेंगे तब
जब हम तुम फिर मिल जाएंगे।।
फिर न रहेगा मन में कोई अवसाद
आज आ गई फिर तुम याद
हो गया दिल का गुलशन आबाद।।
3 टिप्पणियाँ:
मौसम आ गया है बहारों का
दिल मचलने लगा है यारों का।
बेहतरीन लेखन
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
अच्छी प्रस्तुति
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