मुख्यमंत्री का सपना साकार कर सकता हूं
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलक रुस्तम सारंग का कहना है कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का वह सपना सपना साकार कर सकते हैं जिसमें मुख्यमंत्री चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ का कोई खिलाड़ी ओलंपिक में पदक जीते। लेकिन इसके लिए मुङो जिन सुविधाओं की दरकार है, उसे उपलब्ध करवाना होगा। रुस्तम से हुई बातचीत के अंश प्रस्तुत है।
० प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सपने को क्या आप साकार कर सकते हैं?
०० मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सपने को मैं साकार तो कर सकता हूं, लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि मुङो अंतरराष्ट्रीय स्तर की वो सुविधाएं मिल सकें जिससे मैं ओलंपिक तक जा सकूं।
० किस तरह की सुविधाओं की जरूरत होगी?
०० मेरा खेल चूंकि पावर गेम है, ऐसे में इस खेल के लिए पहली प्राथमिकता डाइट होती है। अब किसी खिलाड़ी से दाल-चावल में ओलंपिक का पदक जीतने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अगर मुङो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों जैसी डाइट और सुविधाएं मिलें तो मैं जरूर ओलंपिक तक जा सकता हूं।
० अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की डाइट पर कितना खर्च आता है?
०० अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के लिए कम से कम एक माह के लिए २५ से ३० हजार का खर्च लग जाता है।
० डाइट में क्या जरूरी होता है?
०० डाइट में जिस तरह की डाइट भारतीय खिलाड़ी लेते हैं उससे कुछ नहीं होता है। विदेशी डाइट में जिस तरह से खान-पान का उपयोग करते हैं, वह करना होगा।
० विदेशियों की डाइट के बारे में बताएं?
०० हमारे खिलाड़ी एक दिन में १० किलो दूध पीने का काम करते हैं, जबकि विदेशी १० किलो दूध की तुलना में उस दूध की तुलना में बनाया गया महज २०० ग्राम का पावडर लेकर दस किलो दूध के बराबर की क्षमता प्राप्त कर लेते हैं। इसी तरह से विदेशी खिलाडिय़ों को यह मालूम रहता है कि कितना कैलशियम और प्रोटीन उनको किससे मिल सकता है। उसके हिसाब से उनका खान-पान होता है। यह खान-पान बहुत महंगा होता है।
० डाइट के अलावा क्या जरूरी है?
०० प्रशिक्षण बहुत ज्यादा मायने रखता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण लेने से ही ओलंपिक का रास्ता मिलेगा। इसी के साथ ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलना जरूरी है।
० कुल मिलाकर कितना खर्च करना होगा?
०० एक साल के लिए कम से कम पांच लाख का खर्च करना होगा। अभी २०१२ ओलंपिक में दो साल का समय है, अगर दो साल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार मुङो प्रायोजित करती है, तो जरूर मैं ओलंपिक के पदक तक पहुंच सकता हूं। एक बात और छत्तीसगढ़ सरकार अगर भारतीय भारोत्तोलन संघ को बताकर मेरी मदद करें तो ज्यादा अच्छा होगा।
० इससे क्या फायदा होगा?
०० इससे यह फायदा होगा कि जब भारतीय संघ को मालूम रहेगा कि मुङो छत्तीसगढ़ सरकार की मदद मिल रही है तो मुङो भारतीय संघ से बाहर खेलने जाने का मौका मिलेगा। बिना भारतीय संघ की मदद से कुछ संभव नहीं है। भारतीय संघ की मदद से ही मुङो भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में लगातार बने रहने का मौका मिलेगा।
० छत्तीसगढ़ के और किस खिलाड़ी में आपको संभावना दिखती है?
०० मेरा छोटा भाई अजय दीप सारंग भी ओलंपिक में जाने की क्षमता रखता है। वह मुङासे छोटा है और उसके पास मेरे से ज्यादा समय है। उसे अगर लंबे समय के लिए प्रदेश सरकार गोद ले ले तो वह राज्य का नाम ओलंपिक में कर सकता है।
० प्रदेश के खिलाडिय़ों के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे?
०० मेरा हमेशा से ऐसा मानना रहा है कि अपने राज्य और देश के लिए हर खिलाड़ी को ऐसा काम करना चाहिए जिससे उसे हमेशा याद रखा जाए।
० प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सपने को क्या आप साकार कर सकते हैं?
०० मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सपने को मैं साकार तो कर सकता हूं, लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि मुङो अंतरराष्ट्रीय स्तर की वो सुविधाएं मिल सकें जिससे मैं ओलंपिक तक जा सकूं।
० किस तरह की सुविधाओं की जरूरत होगी?
०० मेरा खेल चूंकि पावर गेम है, ऐसे में इस खेल के लिए पहली प्राथमिकता डाइट होती है। अब किसी खिलाड़ी से दाल-चावल में ओलंपिक का पदक जीतने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अगर मुङो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों जैसी डाइट और सुविधाएं मिलें तो मैं जरूर ओलंपिक तक जा सकता हूं।
० अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की डाइट पर कितना खर्च आता है?
०० अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के लिए कम से कम एक माह के लिए २५ से ३० हजार का खर्च लग जाता है।
० डाइट में क्या जरूरी होता है?
०० डाइट में जिस तरह की डाइट भारतीय खिलाड़ी लेते हैं उससे कुछ नहीं होता है। विदेशी डाइट में जिस तरह से खान-पान का उपयोग करते हैं, वह करना होगा।
० विदेशियों की डाइट के बारे में बताएं?
०० हमारे खिलाड़ी एक दिन में १० किलो दूध पीने का काम करते हैं, जबकि विदेशी १० किलो दूध की तुलना में उस दूध की तुलना में बनाया गया महज २०० ग्राम का पावडर लेकर दस किलो दूध के बराबर की क्षमता प्राप्त कर लेते हैं। इसी तरह से विदेशी खिलाडिय़ों को यह मालूम रहता है कि कितना कैलशियम और प्रोटीन उनको किससे मिल सकता है। उसके हिसाब से उनका खान-पान होता है। यह खान-पान बहुत महंगा होता है।
० डाइट के अलावा क्या जरूरी है?
०० प्रशिक्षण बहुत ज्यादा मायने रखता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण लेने से ही ओलंपिक का रास्ता मिलेगा। इसी के साथ ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलना जरूरी है।
० कुल मिलाकर कितना खर्च करना होगा?
०० एक साल के लिए कम से कम पांच लाख का खर्च करना होगा। अभी २०१२ ओलंपिक में दो साल का समय है, अगर दो साल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार मुङो प्रायोजित करती है, तो जरूर मैं ओलंपिक के पदक तक पहुंच सकता हूं। एक बात और छत्तीसगढ़ सरकार अगर भारतीय भारोत्तोलन संघ को बताकर मेरी मदद करें तो ज्यादा अच्छा होगा।
० इससे क्या फायदा होगा?
०० इससे यह फायदा होगा कि जब भारतीय संघ को मालूम रहेगा कि मुङो छत्तीसगढ़ सरकार की मदद मिल रही है तो मुङो भारतीय संघ से बाहर खेलने जाने का मौका मिलेगा। बिना भारतीय संघ की मदद से कुछ संभव नहीं है। भारतीय संघ की मदद से ही मुङो भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर में लगातार बने रहने का मौका मिलेगा।
० छत्तीसगढ़ के और किस खिलाड़ी में आपको संभावना दिखती है?
०० मेरा छोटा भाई अजय दीप सारंग भी ओलंपिक में जाने की क्षमता रखता है। वह मुङासे छोटा है और उसके पास मेरे से ज्यादा समय है। उसे अगर लंबे समय के लिए प्रदेश सरकार गोद ले ले तो वह राज्य का नाम ओलंपिक में कर सकता है।
० प्रदेश के खिलाडिय़ों के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे?
०० मेरा हमेशा से ऐसा मानना रहा है कि अपने राज्य और देश के लिए हर खिलाड़ी को ऐसा काम करना चाहिए जिससे उसे हमेशा याद रखा जाए।
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