खिलाडिय़ों के फायदेवाले नियम बनेंगे
प्रदेश का खेल विभाग भी मप्र का अनुशरण करते हुए खिलाडिय़ों को फायदा पहुंचाने वाले अनुदान नियम बनाने की तैयारी में है। अगर ये नियम प्रदेश में लागू हो जाते हैं तो खिलाडिय़ों पर पैसों की बारिश होने लगेगी। मप्र के नियमों का खेल विभाग लगातार अध्ययन कर रहा है। खेल विभाग का एक दल मप्र के दौरे पर भी जाएगा और वहां के नियमों के बारे में और बारिकी से जानकारी लेगा।
खेल विभाग प्रदेश के खिलाडिय़ों ज्यादा से ज्यादा सीधा पहुंचाने की कवायद में लगा है। ऐसे में खेल संचालक जीपी सिंह ने मप्र से अनुदान नियमों की जानकारी मंगाई है। इन नियमों का अवलोकन करने से साफ मालूम होता है कि ये नियम पूरी तरह के खिलाडिय़ों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। इन नियमों में खिलाडिय़ों पर पैसों की बारिश की गई है। मप्र के नियमों पर एक नजर डालने से मालूम होता है कि वहां के खिलाड़ी अगर राष्ट्रीय स्तर के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते तो हैं उनको कितनी नकद राशि दी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय पदक पर लाखों रुपए
मप्र के अनुदान नियमों में यह बात साफ है कि अगर कोई खिलाड़ी क्रिकेट सहित किसी भी अधिकृत खेल की विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतता है तो तीन लाख, रजत जीतता है तो दो लाख और कांस्य पदक जीतता है को एक लाख की नकद राशि दी जाती है। जूनियर और सब जूनियर विश्व कप में स्वर्ण विजेता को दो लाख, रजत विजेता को एक लाख और कांस्य विजेता को पचास हजार की राशि दी जाती है। इसी तरह से कामनवेल्थ खेलों में स्वर्ण विजेता को दो लाख, रजत विजेता को एक लाख पचास हजार और कांस्य विजेता को एक लाख की राशि दी जाती है। एफ्रो एशियन और सेफ के स्वर्ण विजेता को एक लाख, रजत विजेता को ७५ हजार और कांस्य विजेता को पचास हजार रुपए की राशि दी जाती है। जूनियर और सब जूनियर खिलाडिय़ों को स्वर्ण जीतने पर ७५ हजार, रजत जीतने पर ५० हजार और कांस्य जीतने पर ४० हजार की राशि दी जाती है। मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में सीनियर वर्ग में स्वर्ण विजेता को ५० हजार, रजत विजेता को ३० हजार और कांस्य विजेता को २० हजार की राशि दी जाती है। जूनियर वर्ग में स्वर्ण विजेता को ४० हजार, रजत विजेता को २५ हजार और कांस्य विजेता को १५ हजार की राशि मिलती है। राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण विजेता को दो लाख, रजत विजेता को एक लाख ६० हजार, कांस्य विजेता को एक लाख १२ हजार की राशि दी जाती है। टीम खेलों में स्वर्ण विजेता को एक लाख, रजत विजेता को ८० हजार और कांस्य विजेता को ६० हजार की राशि दी जाती है। अधिकृत राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को पांच हजार, रजत विजेता को तीन हजार और कांस्य विजेता को दो हजार, टीम खेलों में स्वर्ण विजेता को तीन हजार, रजत विजेता को दो हजार और कांस्य विजेता को एक हजार की राशि देते हैं।
अच्छे नियमों का अनुशरण करेंगे:खेल संचालक
खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि मप्र के नियमों का विभाग में अध्ययन चल रहा है। मप्र के नियम निश्चित ही अच्छे हैं, और अच्छे नियमों का अनुशरण करने में बुराई नहीं है। हमारा विभाग भी चाहता है खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। उन्होंने बताया कि हमारे विभाग का एक दल जल्द ही मप्र जाएगा और देखेंगे कि वहां का खेल विभाग खिलाडिय़ों के फायदे के लिए क्या-क्या काम कर रहा है।
खेल विभाग प्रदेश के खिलाडिय़ों ज्यादा से ज्यादा सीधा पहुंचाने की कवायद में लगा है। ऐसे में खेल संचालक जीपी सिंह ने मप्र से अनुदान नियमों की जानकारी मंगाई है। इन नियमों का अवलोकन करने से साफ मालूम होता है कि ये नियम पूरी तरह के खिलाडिय़ों को फायदा पहुंचाने वाले हैं। इन नियमों में खिलाडिय़ों पर पैसों की बारिश की गई है। मप्र के नियमों पर एक नजर डालने से मालूम होता है कि वहां के खिलाड़ी अगर राष्ट्रीय स्तर के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते तो हैं उनको कितनी नकद राशि दी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय पदक पर लाखों रुपए
मप्र के अनुदान नियमों में यह बात साफ है कि अगर कोई खिलाड़ी क्रिकेट सहित किसी भी अधिकृत खेल की विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतता है तो तीन लाख, रजत जीतता है तो दो लाख और कांस्य पदक जीतता है को एक लाख की नकद राशि दी जाती है। जूनियर और सब जूनियर विश्व कप में स्वर्ण विजेता को दो लाख, रजत विजेता को एक लाख और कांस्य विजेता को पचास हजार की राशि दी जाती है। इसी तरह से कामनवेल्थ खेलों में स्वर्ण विजेता को दो लाख, रजत विजेता को एक लाख पचास हजार और कांस्य विजेता को एक लाख की राशि दी जाती है। एफ्रो एशियन और सेफ के स्वर्ण विजेता को एक लाख, रजत विजेता को ७५ हजार और कांस्य विजेता को पचास हजार रुपए की राशि दी जाती है। जूनियर और सब जूनियर खिलाडिय़ों को स्वर्ण जीतने पर ७५ हजार, रजत जीतने पर ५० हजार और कांस्य जीतने पर ४० हजार की राशि दी जाती है। मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में सीनियर वर्ग में स्वर्ण विजेता को ५० हजार, रजत विजेता को ३० हजार और कांस्य विजेता को २० हजार की राशि दी जाती है। जूनियर वर्ग में स्वर्ण विजेता को ४० हजार, रजत विजेता को २५ हजार और कांस्य विजेता को १५ हजार की राशि मिलती है। राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण विजेता को दो लाख, रजत विजेता को एक लाख ६० हजार, कांस्य विजेता को एक लाख १२ हजार की राशि दी जाती है। टीम खेलों में स्वर्ण विजेता को एक लाख, रजत विजेता को ८० हजार और कांस्य विजेता को ६० हजार की राशि दी जाती है। अधिकृत राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण विजेता को पांच हजार, रजत विजेता को तीन हजार और कांस्य विजेता को दो हजार, टीम खेलों में स्वर्ण विजेता को तीन हजार, रजत विजेता को दो हजार और कांस्य विजेता को एक हजार की राशि देते हैं।
अच्छे नियमों का अनुशरण करेंगे:खेल संचालक
खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि मप्र के नियमों का विभाग में अध्ययन चल रहा है। मप्र के नियम निश्चित ही अच्छे हैं, और अच्छे नियमों का अनुशरण करने में बुराई नहीं है। हमारा विभाग भी चाहता है खिलाडिय़ों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। उन्होंने बताया कि हमारे विभाग का एक दल जल्द ही मप्र जाएगा और देखेंगे कि वहां का खेल विभाग खिलाडिय़ों के फायदे के लिए क्या-क्या काम कर रहा है।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें