मंत्री कहते हैं- छेड़छाड़ मालूमी बात...
अगर किसी मंत्री के पास इस बात की शिकायत की जाए कि किसी के साथ छेड़छाड़ हुई है और वह मंत्री यह कह दे कि यह तो मालूमी बात है, तो उस मंत्री की मानसिकता को आसानी से समझा जा सकता है कि उनकी मानसिकता क्या होगी। ऐसे मंत्री के बारे में क्या सोचा जा सकता है। ये मंत्री और कोई नहीं बल्कि अपने राज्य छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय माने जाने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल हैं। जब उनके सामने कल मीडिया ने यह बात रखी कि मेजबान छत्तीसगढ़ की एक छात्रा के साथ पंजाब के खिलाडिय़ों ने छेड़छाड़ की है तो उन्होंने इस बात का हंसी में उड़ाते में कह दिया कि ऐसा तो होते रहते हैं, यह मामूली बात है। यही नहीं मंत्री महोदय ने पलट कर मीडिया से ही कह दिया कि चलिए आप रहते तो क्या करते। अब सोचने वाली बात है कि ऐसे मंत्रियों के हाथों में देश की बागडोर रहेगी तो कैसे अपने देश की महिलाओं की इज्जत सुरक्षित रह सकती है।
राजधानी रायपुर में जब कल राष्ट्रीय नेटबॉल का आगाज हुआ तो यहां पर मार्च पास्ट के समय पंजाब टीम की तख्ती लेकर टीम के सामने चलने वाली छत्तीसगढ़ की एक स्कूली छात्रा के साथ पंजाब टीम के खिलाडिय़ों ने इतनी ज्यादा छेड़छाड़ की कि वह लड़की रोते हुए मैदान से भागी। हम लोगों ने जब उस लड़की से बात की तो उस लड़की ने बताया कि पहले तो पंजाब की एक लड़की ने उसके सारे बॉल बिखरा दिए, फिर पंजाब के लड़के गंदे-गंदे फिकरे कसने के साथ अश्लील बातें करने लगे। लड़की ने कहा कि पहले पहल तो मैंने इन बातों की तरफ इसलिए ध्यान नहीं क्योंकि पंजाब टीम हमारी मेहमान है, लेकिन जब लड़कों की हरकतें हद पार कर गईं तो मैं अपने को नहीं रोक पाई और वहां से भाग आई।
लड़की की हालत बहुत खराब थी। इस लड़की की तरफ ध्यान देने के लिए शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी के पास फुरसत नहीं थी क्योंकि सभी मंत्री और अतिथियों की आवभगत में व्यस्त थे। इस मामले में जब पंजाब टीम के मैनेजर प्रेम मित्तल से बात की गई तो उन्होंने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि देखते हैं क्या बात है। उद्घाटन के बाद जब छात्रा से हुई छेड़छाड़ का मामला मीडिया ने शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सामने रखा तो उन्होंने टालते हुए कहा कि ऐसा तो ऐसे आयोजनों में होते रहता है, इसको तूल देने की जरूरत नहीं है, यह बहुत मामूली बात है। जब उनसे हमने कहा कि यह कोई छोटी घटना नहीं है, छात्रा के साथ बहुत ज्यादा गलत हरकत की गई है, उन्होंने हमसे ही पूछा कि चलिए आप होते तो क्या करते। मंत्री को क्या यह सवाल करना शोभा देता है?
माना कि पंजाब के लड़के हमारे मेहमान हैं, लेकिन मेहमानों को क्या अपने घर की बेटियों के साथ कुछ भी हरकतें करने की छूट दी जा सकती है। ऐसे मंत्री को शर्म नहीं आई जो यह कहते हैं कि छेड़छाड़ मामूली बात है। हमने मंत्री से पलट कर कहा कि हम रहते तो पहले तो पंजाब टीम को ही स्पर्धा से बाहर कर देते। हमारे इतना कहने के बाद मंत्री महोदय अपनी कार में बैठकर चले गए।
वास्तव में कल जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक है। सबसे शर्मनाक है मंत्री का जवाब। ऐसे मंत्रियों के साथ अब क्या किया जा सकता है। जिस देश की कमान ऐसे मंत्रियों के हाथों में होगी, उस देश में महिलाओं की इज्जत कैसे सुरक्षित रह सकती है।
राजधानी रायपुर में जब कल राष्ट्रीय नेटबॉल का आगाज हुआ तो यहां पर मार्च पास्ट के समय पंजाब टीम की तख्ती लेकर टीम के सामने चलने वाली छत्तीसगढ़ की एक स्कूली छात्रा के साथ पंजाब टीम के खिलाडिय़ों ने इतनी ज्यादा छेड़छाड़ की कि वह लड़की रोते हुए मैदान से भागी। हम लोगों ने जब उस लड़की से बात की तो उस लड़की ने बताया कि पहले तो पंजाब की एक लड़की ने उसके सारे बॉल बिखरा दिए, फिर पंजाब के लड़के गंदे-गंदे फिकरे कसने के साथ अश्लील बातें करने लगे। लड़की ने कहा कि पहले पहल तो मैंने इन बातों की तरफ इसलिए ध्यान नहीं क्योंकि पंजाब टीम हमारी मेहमान है, लेकिन जब लड़कों की हरकतें हद पार कर गईं तो मैं अपने को नहीं रोक पाई और वहां से भाग आई।
लड़की की हालत बहुत खराब थी। इस लड़की की तरफ ध्यान देने के लिए शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी के पास फुरसत नहीं थी क्योंकि सभी मंत्री और अतिथियों की आवभगत में व्यस्त थे। इस मामले में जब पंजाब टीम के मैनेजर प्रेम मित्तल से बात की गई तो उन्होंने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि देखते हैं क्या बात है। उद्घाटन के बाद जब छात्रा से हुई छेड़छाड़ का मामला मीडिया ने शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सामने रखा तो उन्होंने टालते हुए कहा कि ऐसा तो ऐसे आयोजनों में होते रहता है, इसको तूल देने की जरूरत नहीं है, यह बहुत मामूली बात है। जब उनसे हमने कहा कि यह कोई छोटी घटना नहीं है, छात्रा के साथ बहुत ज्यादा गलत हरकत की गई है, उन्होंने हमसे ही पूछा कि चलिए आप होते तो क्या करते। मंत्री को क्या यह सवाल करना शोभा देता है?
माना कि पंजाब के लड़के हमारे मेहमान हैं, लेकिन मेहमानों को क्या अपने घर की बेटियों के साथ कुछ भी हरकतें करने की छूट दी जा सकती है। ऐसे मंत्री को शर्म नहीं आई जो यह कहते हैं कि छेड़छाड़ मामूली बात है। हमने मंत्री से पलट कर कहा कि हम रहते तो पहले तो पंजाब टीम को ही स्पर्धा से बाहर कर देते। हमारे इतना कहने के बाद मंत्री महोदय अपनी कार में बैठकर चले गए।
वास्तव में कल जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक है। सबसे शर्मनाक है मंत्री का जवाब। ऐसे मंत्रियों के साथ अब क्या किया जा सकता है। जिस देश की कमान ऐसे मंत्रियों के हाथों में होगी, उस देश में महिलाओं की इज्जत कैसे सुरक्षित रह सकती है।
2 टिप्पणियाँ:
मंत्री अगर छेड छाड को अनुचित कहते तो खुद के पाँव पर कुल्हाडी मारने जैसा था तब खुद कैसे महिलाओं को छेडते?
उन्हें अपना धर्म निभाने दो
महिलाओं को कूँयें मे जाने दो।
आभार।
आपने बात उठाई तो सही ,बहुतेरे चुप साध जाते हैं !
एक टिप्पणी भेजें