जिंदा रखेंगे राज्य ओलंपिक संघ
भारतीय ओलंपिक संघ के मंसूबों को हम लोग किसी भी कीमत में पूरे होने नहीं देंगे। जिस तरह से संविधान में संशोधन के नाम पर राज्य ओलंपिक संघों को समाप्त करने का काम करने की तैयारी है, उसका देश का हर राज्य संघ विरोध करेगा और सामान्य सभा में किसी भी कीमत में प्रस्ताव पारित होने नहीं दिया जाएगा। हम लोगों का एकमात्र लक्ष्य राज्य ओलंपिक संघों को जिंदा रखना है।
ये बातें आन्ध्र प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव के. जगदीश्वर यादव ने कहीं। श्री यादव भिलाई में खेली गई राष्ट्रीय कबड्डी में शामिल होने आए थे। उन्होंने पूछने पर बताया कि वे तो लंबे समय से अपने राज्य से खेलों के कारण बाहर हैं। लेकिन उनको इस बात की जानकारी है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से क्या पत्र आया है। श्री यादव ने कहा कि संविधान में संशोधन के हम विरोधी नहीं हैं, लेकिन राज्य संघों को मतदान से वंचित करना ठीक नहीं है। आईओए राज्य संघों को मतदान से ही वंचित नहीं कर रहा है, बल्कि आईओए की बैठक में राज्य संघों का जाना प्रतिबंध रहेगा, यही नहीं राज्य संघों को उससे मान्यता भी नहीं रहेगी। ऐसे में राज्य संघों का क्या मतलब होगा? जब किसी भी राज्य संघ की आईओए से मान्यता ही नहीं रहेगी तो राज्य के खेल संघ क्यों कर राज्य ओलंपिक संघ से मान्यता लेंगे और उसकी बात मानेंगे। राज्य में खेल संघ ओलंपिक संघ के कंट्रोल से बाहर हो जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि हमारे राज्य का ओलंपिक संघ करीब तीन दशक से है। हमारे अलावा और राज्यों के संघों से भी कभी आईओए को परेशानी नहीं हुई है, तो अचानक आईओए ने यह कदम क्यों उठाया है, यह समङा से परे है। उन्होंने कहा कि सभी राज्य एक-दूसरे के संपर्क में हैं, और हमारी जितने भी राज्यों के पदाधिकारियों से बात हो रही है, सभी का एक मत से ऐसा मानना है कि राज्य संघों को जिंदा रखने सामान्य सभा में आईओए के प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया जाएगा। श्री यादव ने कहा कि आखिर आईओए का संविधान में संशोधन करने के लिए आधार क्या है, इसका खुलासा करना चाहिए।
श्री यादव ने बताया कि राज्य संघों को जो पत्र भेजा गया है, उसमें राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर उसमें संविधान संशोधन का मुद्दा रखने कहा गया है। हम लोग कार्यकारिणी की बैठक बुलाएंगे और आईओए के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके आईओए को अवगत कराया जाएगा कि हमारा राज्य इस प्रस्ताव के खिलाफ है। इसके बाद जब भी दिल्ली में सामान्य सभा की बैठक होगी तो वहां भी इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि राज्य ओलंपिक संघ के अस्तित्व को बचाने के लिए आईओए के सामने यह बात रखी जाएगी कि बेशक हमारे मतदान का अधिकार कम किया जाए, लेकिन मतदान का अधिकार कायम रखने के साथ बैठक में शामिल होने का अधिकार और मान्यता भी दी जाए। उन्होंने कहा कि भले दो के स्थान पर एक मत का अधिकार दिया जाए।
ये बातें आन्ध्र प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव के. जगदीश्वर यादव ने कहीं। श्री यादव भिलाई में खेली गई राष्ट्रीय कबड्डी में शामिल होने आए थे। उन्होंने पूछने पर बताया कि वे तो लंबे समय से अपने राज्य से खेलों के कारण बाहर हैं। लेकिन उनको इस बात की जानकारी है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से क्या पत्र आया है। श्री यादव ने कहा कि संविधान में संशोधन के हम विरोधी नहीं हैं, लेकिन राज्य संघों को मतदान से वंचित करना ठीक नहीं है। आईओए राज्य संघों को मतदान से ही वंचित नहीं कर रहा है, बल्कि आईओए की बैठक में राज्य संघों का जाना प्रतिबंध रहेगा, यही नहीं राज्य संघों को उससे मान्यता भी नहीं रहेगी। ऐसे में राज्य संघों का क्या मतलब होगा? जब किसी भी राज्य संघ की आईओए से मान्यता ही नहीं रहेगी तो राज्य के खेल संघ क्यों कर राज्य ओलंपिक संघ से मान्यता लेंगे और उसकी बात मानेंगे। राज्य में खेल संघ ओलंपिक संघ के कंट्रोल से बाहर हो जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि हमारे राज्य का ओलंपिक संघ करीब तीन दशक से है। हमारे अलावा और राज्यों के संघों से भी कभी आईओए को परेशानी नहीं हुई है, तो अचानक आईओए ने यह कदम क्यों उठाया है, यह समङा से परे है। उन्होंने कहा कि सभी राज्य एक-दूसरे के संपर्क में हैं, और हमारी जितने भी राज्यों के पदाधिकारियों से बात हो रही है, सभी का एक मत से ऐसा मानना है कि राज्य संघों को जिंदा रखने सामान्य सभा में आईओए के प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया जाएगा। श्री यादव ने कहा कि आखिर आईओए का संविधान में संशोधन करने के लिए आधार क्या है, इसका खुलासा करना चाहिए।
श्री यादव ने बताया कि राज्य संघों को जो पत्र भेजा गया है, उसमें राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर उसमें संविधान संशोधन का मुद्दा रखने कहा गया है। हम लोग कार्यकारिणी की बैठक बुलाएंगे और आईओए के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके आईओए को अवगत कराया जाएगा कि हमारा राज्य इस प्रस्ताव के खिलाफ है। इसके बाद जब भी दिल्ली में सामान्य सभा की बैठक होगी तो वहां भी इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि राज्य ओलंपिक संघ के अस्तित्व को बचाने के लिए आईओए के सामने यह बात रखी जाएगी कि बेशक हमारे मतदान का अधिकार कम किया जाए, लेकिन मतदान का अधिकार कायम रखने के साथ बैठक में शामिल होने का अधिकार और मान्यता भी दी जाए। उन्होंने कहा कि भले दो के स्थान पर एक मत का अधिकार दिया जाए।
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