पायका बना डीएसओ के गले की हड्डी
प्रदेश के खेल विभाग के जिला अधिकारियों (डीएसओ) के लिए पायका योजना गले की हड्डी बन गई है। एक तो जिलों में स्टाफ की कमी है, ऊपर से पायका में ऐसी-ऐसी जानकारी कम समय में मांगी जा रही है जिसे जुटा पाना डीएसओ के बस में नहीं है। सात जुलाई की बैठक के लिए खेल संचालनालय से 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है जिसके कारण सभी जिलों के डीएसओ परेशान हैं। कुछ डीएसओ तो बगावत के मूड में हैं और खेलमंत्री से शिकायत तक करने की मानसिकता बना रहे हैं।
केंद्र सरकार की योजना पायका के लिए खेल भवन में हर माह बैठक होती है। इस बैठक में कुछ बिंदुओं पर हमेशा चर्चा होती है और जिला खेल अधिकारियों से जानकारी मांगी जाती है, लेकिन इस बार की बैठक के लिए पायका के प्रभारी और उपसंचालक ओपी शर्मा ने 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी है। इस आशय का पत्र मिलने पर सभी जिला अधिकारी सकेत में हैं कि इतने कम समय में जानकारी कैसे जुटाएंगे। पहले बिंदु विस्तार परियोजना के बारे में डीएसओ बताते हैं कि इसमें मैदानों की जानकारी अलग से 18 बिंदुओं में मांगी गई है। इस जानकारी का मिलना आसान नहीं है। एक तो जिलों में स्टाफ नहीं है फिर जो जानकारी मांगी गई है, वह पायका के लिए चिंहित गांवों में जाए बिना मिलने वाली नहीं है। यह जानकारी ऐसी नहीं है कि एक बार जाने से मिल जाएगी। डीएसओ कहते हैं कि पायका के कारण लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण विभाग के दूसरे काम प्रभावित होते हैं।
पिछली बैठक में एजेंडा बताया था: उपसंचालक
पायका के प्रभारी और उपसंचालक ओपी शर्मा इस बारे में कहते हैं कि यह बात ठीक है कि डीएसओ से 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है, लेकिन 13 जून को जब पिछली बैठक हुई थी तो उस बैठक में इन बिंदुओं के बारे में मौखिक बता दिया गया था। उन्होंने माना कि जिलों को 27 जून को पत्र भेजा गया है। वे पूछने पर कहते हैं कि दस दिनों का समय जानकारी जुटाने के लिए पर्याप्त होता है। वैसे भी किसी भी जिले से पूरी जानकारी एक बार में तो आती नहीं है। जो बिंदु बताए गए उन पर किन जिलों ने क्या किया है इसकी जानकारी ही बैठक में देनी है।
इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
पायका में विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के लिए ब्लाक के तय प्रपत्र में जानकारी, चिंहित गांवों में समिति का गठन, 2009-10, 2010-11 के पायका केंद्र का नाम, प्रगति प्रतिवेदन संबंधित प्रपत्र भरकर भेजना, क्रीड़ाश्री प्रशिक्षण, स्पर्धा का कैलेंडर, खिलाड़ियों की खेलवार जानकारी, मनरेगा में मैदान निर्माण की जानकारी, मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण 2011-12, 2010-11 के पुरस्कृत खिलाड़ियों की सूची,10 खेलों का चिंहिकरण, राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने वालों का कंप्यूटरीकरण, मानसेवी पायका पर्यवेक्षक नियुक्त करने नामांकन, दिन-प्रतिदिन का प्रशासनिक व्यय, राज्य स्पर्धा का प्रस्ताव, जिला स्पर्धाओं के यात्रा व्यय का आंकलन, नेहरू युवा केंद्र से सहायता लेने की जानकारी, खेल आयोजनों में दक्षों की सूची, खेल के जानकारों की सूची, सीएसआईडीसी द्वारा तय दर पर खेल सामान खरीदने बाबत, पायका सेंटर इंचार्ज का विवतरण, सेंटर की डायरेक्ट्री तैयार करना, अंतर शालेय खेलों का व्यय विवरण, खेल महोत्सव में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की जानकारी, पुरस्कार, खेलवृत्ति, नकद राशि पुरस्कार आवेदनों का परीक्षण एवं कंप्यूटरीकृत करने हेतु, स्पर्धाओं के आयोजनों की सीडी और फोटोग्राफ देने बाबत।
केंद्र सरकार की योजना पायका के लिए खेल भवन में हर माह बैठक होती है। इस बैठक में कुछ बिंदुओं पर हमेशा चर्चा होती है और जिला खेल अधिकारियों से जानकारी मांगी जाती है, लेकिन इस बार की बैठक के लिए पायका के प्रभारी और उपसंचालक ओपी शर्मा ने 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी है। इस आशय का पत्र मिलने पर सभी जिला अधिकारी सकेत में हैं कि इतने कम समय में जानकारी कैसे जुटाएंगे। पहले बिंदु विस्तार परियोजना के बारे में डीएसओ बताते हैं कि इसमें मैदानों की जानकारी अलग से 18 बिंदुओं में मांगी गई है। इस जानकारी का मिलना आसान नहीं है। एक तो जिलों में स्टाफ नहीं है फिर जो जानकारी मांगी गई है, वह पायका के लिए चिंहित गांवों में जाए बिना मिलने वाली नहीं है। यह जानकारी ऐसी नहीं है कि एक बार जाने से मिल जाएगी। डीएसओ कहते हैं कि पायका के कारण लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण विभाग के दूसरे काम प्रभावित होते हैं।
पिछली बैठक में एजेंडा बताया था: उपसंचालक
पायका के प्रभारी और उपसंचालक ओपी शर्मा इस बारे में कहते हैं कि यह बात ठीक है कि डीएसओ से 26 बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है, लेकिन 13 जून को जब पिछली बैठक हुई थी तो उस बैठक में इन बिंदुओं के बारे में मौखिक बता दिया गया था। उन्होंने माना कि जिलों को 27 जून को पत्र भेजा गया है। वे पूछने पर कहते हैं कि दस दिनों का समय जानकारी जुटाने के लिए पर्याप्त होता है। वैसे भी किसी भी जिले से पूरी जानकारी एक बार में तो आती नहीं है। जो बिंदु बताए गए उन पर किन जिलों ने क्या किया है इसकी जानकारी ही बैठक में देनी है।
इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
पायका में विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के लिए ब्लाक के तय प्रपत्र में जानकारी, चिंहित गांवों में समिति का गठन, 2009-10, 2010-11 के पायका केंद्र का नाम, प्रगति प्रतिवेदन संबंधित प्रपत्र भरकर भेजना, क्रीड़ाश्री प्रशिक्षण, स्पर्धा का कैलेंडर, खिलाड़ियों की खेलवार जानकारी, मनरेगा में मैदान निर्माण की जानकारी, मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण 2011-12, 2010-11 के पुरस्कृत खिलाड़ियों की सूची,10 खेलों का चिंहिकरण, राष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने वालों का कंप्यूटरीकरण, मानसेवी पायका पर्यवेक्षक नियुक्त करने नामांकन, दिन-प्रतिदिन का प्रशासनिक व्यय, राज्य स्पर्धा का प्रस्ताव, जिला स्पर्धाओं के यात्रा व्यय का आंकलन, नेहरू युवा केंद्र से सहायता लेने की जानकारी, खेल आयोजनों में दक्षों की सूची, खेल के जानकारों की सूची, सीएसआईडीसी द्वारा तय दर पर खेल सामान खरीदने बाबत, पायका सेंटर इंचार्ज का विवतरण, सेंटर की डायरेक्ट्री तैयार करना, अंतर शालेय खेलों का व्यय विवरण, खेल महोत्सव में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की जानकारी, पुरस्कार, खेलवृत्ति, नकद राशि पुरस्कार आवेदनों का परीक्षण एवं कंप्यूटरीकृत करने हेतु, स्पर्धाओं के आयोजनों की सीडी और फोटोग्राफ देने बाबत।
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