क्या दिग्विजय सिंह पाक-साफ हैं?
दिग्विजय सिंह लगता है अपने बड़बोलेपन से बाज आने वाले नहीं हैं। अब उनको मुंबई ब्लास्ट में हिन्दु संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ नजर आता है। लगता है कि दिग्गी को कांग्रेसियों को छोड़कर बाकी सब गलत ही नजर आते हैं। कामनवेल्थ घोटले में शामिल सुरेश कलमाड़ी उनको बेगुनाह दिखते हैं। सोचने वाली बात यह कि मप्र के ये पूर्व मुख्यमंत्री क्या खुद पाक-साफ हैं और अपने पाक-साफ होने का सबूत दे सकते हैं। दूसरों के खिलाफ सबूत देने की बात कहने वाले दिग्गी राजा पहले खुद तो इस बात के सबूत पेश कर लें कि वे वास्तव में एक ईमानदार और पाक-साफ नेता हैं। क्या दिग्गी राजा में ऐसा दम है। हमें तो नहीं लगता है कि वे ऐसा करने का दम रखते हैं।
यह बात तो पहले से तय थी कि कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह देर सबेर जरूर मुंबई ब्लास्ट में आरएसएस पर निशाना साधने का काम करेंगे और उन्होंने कर भी दिया है। दिग्गी राजा को लगता है कि ब्लास्ट के पीछे आरएसएस है। अब सोचने वाली बात है कि दिग्गी को आरएसएस का हाथ तो नजर आता है, लेकिन केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल न हो पाने और बाहर किए जाने वालों में से किसी का हाथ नजर नहीं आता है। यह विचारणीय प्रश्न है कि जिस दिन केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है, ठीक उसी दिन शाम को मुंबई नगरी धमाकों से दहल उठती है। ऐसे में क्यों कर यह नहीं हो सकता कि केन्द्र सरकार से खफा कोई मंत्री या नेता या फिर उनके समर्थक ऐसा काम कर सकते हैं। क्या यह बात दिग्गी राजा को नजर नहीं आती है या फिर ऐसी किसी बात की तरफ लोगों का ध्यान न जाए यह सोचकर वे आरएसएस को सामने करने का काम कर रहे हैं।
जब दिग्गी राजा खुद कहते हैं कि ऐसा कोई सबूत नहीं है फिर भी आरएसएस की भूमिका की जांच होनी चाहिए। अगर आरएसएस की भूमिका की जांच की बात की जा रही हैं तो केन्द्र सरकार से बहार किए मंत्रियों के साथ असंतुष्टों की भूमिका की भी जांच करवा ली जाए। क्या इस पर दिग्गी राजा को कोई आपत्ति है? हम नहीं सोचते हैं कि उनको कोई आपत्ति होनी चाहिए। यदि वे देश के सच में शुभचिंतक हैं तो उनको किसी भी तरह की जांच से आपत्ति नहीं होनी चाहिए। क्या बोलते हैं दिग्गी राजा क्या आप तैयार हैं अपने लोगों की भी ऐसी जांच करवाने के लिए। भला ऐसी जांच के लिए वे कैसे तैयार हो सकते हैं, जिनको कामनवेल्थ घोटालों में दोषी मान कर जेल भिज दिया गया है, वे सुरेश कलमाड़ी तो दिग्गी राजा को बेकसूर लगते हैं, तो वे भला कैसे अपने लोगों को कसूरवार मान सकते हैं।
यह बात तो पहले से तय थी कि कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह देर सबेर जरूर मुंबई ब्लास्ट में आरएसएस पर निशाना साधने का काम करेंगे और उन्होंने कर भी दिया है। दिग्गी राजा को लगता है कि ब्लास्ट के पीछे आरएसएस है। अब सोचने वाली बात है कि दिग्गी को आरएसएस का हाथ तो नजर आता है, लेकिन केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल न हो पाने और बाहर किए जाने वालों में से किसी का हाथ नजर नहीं आता है। यह विचारणीय प्रश्न है कि जिस दिन केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है, ठीक उसी दिन शाम को मुंबई नगरी धमाकों से दहल उठती है। ऐसे में क्यों कर यह नहीं हो सकता कि केन्द्र सरकार से खफा कोई मंत्री या नेता या फिर उनके समर्थक ऐसा काम कर सकते हैं। क्या यह बात दिग्गी राजा को नजर नहीं आती है या फिर ऐसी किसी बात की तरफ लोगों का ध्यान न जाए यह सोचकर वे आरएसएस को सामने करने का काम कर रहे हैं।
जब दिग्गी राजा खुद कहते हैं कि ऐसा कोई सबूत नहीं है फिर भी आरएसएस की भूमिका की जांच होनी चाहिए। अगर आरएसएस की भूमिका की जांच की बात की जा रही हैं तो केन्द्र सरकार से बहार किए मंत्रियों के साथ असंतुष्टों की भूमिका की भी जांच करवा ली जाए। क्या इस पर दिग्गी राजा को कोई आपत्ति है? हम नहीं सोचते हैं कि उनको कोई आपत्ति होनी चाहिए। यदि वे देश के सच में शुभचिंतक हैं तो उनको किसी भी तरह की जांच से आपत्ति नहीं होनी चाहिए। क्या बोलते हैं दिग्गी राजा क्या आप तैयार हैं अपने लोगों की भी ऐसी जांच करवाने के लिए। भला ऐसी जांच के लिए वे कैसे तैयार हो सकते हैं, जिनको कामनवेल्थ घोटालों में दोषी मान कर जेल भिज दिया गया है, वे सुरेश कलमाड़ी तो दिग्गी राजा को बेकसूर लगते हैं, तो वे भला कैसे अपने लोगों को कसूरवार मान सकते हैं।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें