तेजी और लंबाई में मात खा जाते हैं
हम भारतीय खिलाड़ी एक तो तेजी और दूसरे लंबाई में मात खा जाती हैं जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी टीमों को सफलता नहीं मिल पाती है। वैसे भारतीय खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। अगर हम लोग थोड़ी सी और ज्यादा मेहनत करें तो सफलता हमारे भी कदम चूम सकती है।
यह कहना है एशियन रग्बी चैंपियनशिप में खेलने वाली उड़ीसा की खिलाड़ी भाग्यलक्ष्मी बारिक का। यहां सेंट्रल जोन राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने आई इस खिलाड़ी ने यहां पर बात करते हुए बताया कि उनको पिछले साल चाइना में खेली गई एशियन चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिला। यहां पर भारतीय टीम को एक मात्र जीत दक्षिण कोरिया के खिलाफ मिली। इसके अलावा बाकी सभी मैचों में भारतीय टीम हारी और 8 टीमों के मुकाबले में उसे सातवां स्थान मिला। टीम के सफल न होने का कारण पूछने पर वह बताती हैं कि भारतीय खिलाड़ियों में उतनी तेजी नहीं है जितनी विदेशी खिलाड़ियों में होती है। हमारी खिलाड़ी फिटनेस के मामले में भी काफी पीछे हैं। एक और अहम बात यह है कि भारतीय खिलाड़ियों की लंबाई भी बहुत कम होती है। लंबाई के मामले में चाइना के खिलाड़ी भी पीछे हैं, लेकिन उनमें तेजी फिर भी ज्यादा है।
भाग्यलक्ष्मी कहती हैं कि तकनीकी रुप से भारतीय खिलाड़ी ठीक है, बस इस बात की जरुरत है कि खिलाड़ी पूरे जज्बे और जोश के साथ खेले। वह पूछने पर बताती है कि उड़ीसा में सरकार खिलाड़ियों को नौकरी देने की दिशा में गंभीर है, वहां कई विभागों में नौकरी मिलती है। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सफल होने वाले खिलाड़ियों को राज्य सरकार पुरस्कार देने के साथ उनको खेलवृत्ति भी देती है।
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