महेश भट्ट भी गालियों की राह पर
महेश भट्ट जैसे फिल्मकार को भी गालियों की राह पर चलता देखकर अच्छा नहीं लगा। हमने मर्डर-2 देखी। महेश भट्ट की इस फिल्म में कहानी अच्छी है, लेकिन फिल्म के प्रारंभ में ही जिस तरह से इमरान हाशमी से एक स्थान पर उन्होंने गालियां दिलाने का काम किया है, वह बात समा से परे है। फिल्म में गाली की गुंजाइश नहीं थी, न जाने क्यों कर श्री भट्ट ने ऐसा करके फिल्म को कुछ कचरा करने का काम किया है।
हमें तो लगता है कि अब फिल्मों में गालियों का फैशन हो गया है। पहले आमिर खान और अब महेश भट्ट। अगर इनके जैसे फिल्मकार ऐसा करेंगे तो निम्न दर्जे की फिल्में बनाने वालों से क्या उम्मीद की जा सकेगी। फिल्म मर्डर-2 वास्तव में एक अच्छी फिल्म है। फिल्म में एक कहानी है। वैसे भी महेश भट्ट की फिल्मों में कम से कम कहानी अच्छी होती है। इस फिल्म में भी है। अगर फिल्म से गाली को अलग कर दिया जाए तो वास्तव में फिल्म अच्छी है। वैसे श्री भट्ट साहब ने अपनी इस फिल्म में भी कुछ गरमा-गरम सीन डाले हैं, लेकिन ये सीन उतने खराब नहीं हैं। फिल्म के गाने भी प्रभावी हैं। बहरहाल उम्मीद करनी चाहिए कि आगे श्री भट्ट ऐसी गलती नहीं करेंगे जैसी इस फिल्म में गालियों को शामिल करने की है।
हमें तो लगता है कि अब फिल्मों में गालियों का फैशन हो गया है। पहले आमिर खान और अब महेश भट्ट। अगर इनके जैसे फिल्मकार ऐसा करेंगे तो निम्न दर्जे की फिल्में बनाने वालों से क्या उम्मीद की जा सकेगी। फिल्म मर्डर-2 वास्तव में एक अच्छी फिल्म है। फिल्म में एक कहानी है। वैसे भी महेश भट्ट की फिल्मों में कम से कम कहानी अच्छी होती है। इस फिल्म में भी है। अगर फिल्म से गाली को अलग कर दिया जाए तो वास्तव में फिल्म अच्छी है। वैसे श्री भट्ट साहब ने अपनी इस फिल्म में भी कुछ गरमा-गरम सीन डाले हैं, लेकिन ये सीन उतने खराब नहीं हैं। फिल्म के गाने भी प्रभावी हैं। बहरहाल उम्मीद करनी चाहिए कि आगे श्री भट्ट ऐसी गलती नहीं करेंगे जैसी इस फिल्म में गालियों को शामिल करने की है।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें