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मंगलवार, जुलाई 05, 2011

आमिर खान से ऐसी उम्मीद नहीं थी

आमिर खान को हम अब तक एक अच्छा स्टार और फिल्म मेकर मनाते थे, लेकिन जब उनकी फिल्म देल्ही-बेली देखी तो लगा हमारा सारा भ्रम टूट गया। आमिर से कम से कम ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वे अश्लीलता की सारे हद पारे करने वाली फिल्म बना सकते हैं। जिन आमिर ने लगान और तारे जमीं पर जैसी फिल्में बनाई हों उनसे कोई ऐसी उम्मीद कर भी कैसा सकता है कि वे गाली-गलौज से भरपूर बिना सिर पैर की फिल्म बना सकते हैं।
कल जब हम देल्ही-बेली देखने बैठे थे तो हमें इस बात का कताई अंदेशा नहीं था कि यह फिल्म निम्न स्तर की होगी। अपने राजधानी के अखबारों में जब हमने अमिताभ की फिल्म बुड्ढा होगा तेरा बाप और देल्ही-बेली की समीक्षा पढ़ी थी तो ज्यादातर समीक्षाकारों ने देल्ही-बेली को अमिताभ की फिल्म से ज्यादा अच्छा बताया था, लेकिन देल्ही-बेली देखने के बाद हमें यह सोचने पर भी मजबूर होना पड़ा कि अपनी राजधानी के फिल्म समीक्षाकार भी कितने निम्न दर्जे के हैं जो ऐसी फिल्म को बिग-बी की फिल्म पर भारी बता रहे हैं। वैसे बिग-बी की फिल्म में भी कोई दम नहीं है। इस फिल्म की स्टोरी में भी कोई दम नहीं है। न जाने क्या सोचकर बिग-बी ने यह फिल्म की है, यह तो वही जानें। लेकिन जहां तक हमारा सोचना है बिग-बी को ऐसी फिल्मों से बचना चाहिए। ऐसे समय में हमें रामगोपाल वर्मा का वह विवाद याद आ रहा है जिसमें यह बात सामने आई कि उन्होंने बिग-बी को गाली दी थी। सोचने वाली बात यह है कि रामगोपाल वर्मा ने आखिर जो कहा उसके पीछे क्या कारण था। खैर हम इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं। लेकिन इतना जरूर जानते हैं कि अगर हमारा कोई मित्र बिग-बी वाली फिल्म करता तो संभवत: हम मजाक में ही जरूर उससे कहते हैं कि अबे गधे, बेवकूफ तूझे ऐसी फिल्म करने की क्या जरूरत थी। शायद रामगोपाल वर्मा भी अपने मित्र बिग-बी से ऐसा ही कुछ कहना चाहते होंगे, लेकिन उन्होंने शब्दों का चयन ठीक नहीं किया।
बहरहाल हम बात करें आमिर की फिल्म की। वास्तव में यह आमिर के चाहने वाले हर प्रेमी के लिए दुखद है कि उन्होंने इतनी निम्न दर्जे की फिल्म बनाई है। आमिर की इस फिल्म के बाद हमने एक और फिल्म दिव्या दत्ता, रजत कपूर, आशुतोष राणा की मोनिका देखी। इस फिल्म की कहानी जैसी है उसके हिसाब  से फिल्म में जरूर बहुत ज्यादा गर्मागरम दृश्य डाले जा सकते थे, लेकिन इस फिल्म के निर्देशक ने ऐसा कुछ नहीं किया है। एक दृश्य जरूर है, पर वह उतना ज्यादा आपतिजनक नहीं है। आमिर देल्ही-बेली को फिल्म में गालियां डाले बिना भी बना सकते थे, लेकिन न जाने क्या सोच कर फिल्म में इतनी अश्लील गालियों की बारिश की गई है। हमें लगता है कि यह फिल्म शायद गालियों के कारण ही चल रही है, वैसे फिल्म की कहानी में कोई दम नहीं है। हम दुआ करते हैं कि खुदा आमिर को थोड़ी सी अक्ल बख्शे ताकि वे आगे ऐसी वाहियात फिल्म न बनाएं।


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