पदक जीतने अपने खिलाड़ी तैयार करेंगे
हमारी मेजबानी में होने वाले 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अपने राज्य के खिलाड़ियों को ही पदक जीतने के लिए तैयार किया जाएगा। किसी भी कीमत पर खिलाड़ियों के आयात करने की इजाजत किसी भी खेल संघ को नहीं दी जाएगी। खिलाड़ियों को तैयार करने जिन सुविधाओं की दरकार होगी, वह सुविधा दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तैयार हैं।
यह कहना है छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया का। श्री भाटिया कहते हैं कि भले राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में टॉप में पहुंचने के लिए दूसरे राज्यों ने बाहर से खिलाड़ी बुलाए होंगे, लेकिन हम किसी भी कीमत पर ऐसा करने वाले नहीं हैं। अगर ऐसा किया गया तो इससे जहां अपने राज्य के खिलाड़ियों का मनोबल गिरेगा, वहीं राज्य के खिलाड़ियों का हक भी मारा जाएगा। वे कहते हैं कि हमने तैयारी कर ली है कि हम अपने खिलाड़ियों को ही पदक तक पहुंचने की राह दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से भी बात हो गई है। उनका भी साफ कहना है कि खिलाड़ियों को पदक तक पहुंचने के लिए जिस भी तरह की सुविधाओं की दरकार होगी, सरकार वो सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने तैयार है। श्री भाटिया ने बताया कि हमने सभी खेल संघों से कह दिया है कि वे अपने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की सूची दें और बताएं कि उनको किस तरह की मदद की जरुरत है। वे कहते हैं कि जिस भी खेल में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की जरुरत होगी, प्रशिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। वे बताते हैं कि हमने खेल संघों से खिलाड़ियों का ग्रेड भी बनाने कहा है। ग्रेड के हिसाब से खिलाड़ियों को तराशने का काम किया जाएगा।
श्री भाटिया कहते हैं कि प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह राष्ट्रीय खेलों के प्रति बहुत गंभीर हैं। यह राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का पहला कदम है जिसमें खेलों को उद्योगों को गोद दिलाने का काम किया गया है। मुख्यमंत्री की पहल पर ही राष्ट्रीय खेल सचिवालय का न सिर्फ गठन हो चुका है, बल्कि उसके सेटअप को भी मंजूरी मिल गई है। बहुत जल्द सेटअप में नियुक्तियों के बाद राष्ट्रीय खेलों के लिए काम प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि खेल संघों को जोड़ने के लिए ही ओलंपिक दिवस पर 23 जून को ओलंपिक दौड़ का ऐतिहासिक आयोजन किया गया था। इस दौड़ की सफलता ने बता दिया है कि हम राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किस तरह से करेंगे। उन्होंने खेल संघों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी योजनाएं बनाकर ओलंपिक संघ को सौंप दे ताकि खिलाड़ियों को तराशने की योजना पर अमल हो सके।
यह कहना है छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव बलदेव सिंह भाटिया का। श्री भाटिया कहते हैं कि भले राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में टॉप में पहुंचने के लिए दूसरे राज्यों ने बाहर से खिलाड़ी बुलाए होंगे, लेकिन हम किसी भी कीमत पर ऐसा करने वाले नहीं हैं। अगर ऐसा किया गया तो इससे जहां अपने राज्य के खिलाड़ियों का मनोबल गिरेगा, वहीं राज्य के खिलाड़ियों का हक भी मारा जाएगा। वे कहते हैं कि हमने तैयारी कर ली है कि हम अपने खिलाड़ियों को ही पदक तक पहुंचने की राह दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि संघ के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से भी बात हो गई है। उनका भी साफ कहना है कि खिलाड़ियों को पदक तक पहुंचने के लिए जिस भी तरह की सुविधाओं की दरकार होगी, सरकार वो सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने तैयार है। श्री भाटिया ने बताया कि हमने सभी खेल संघों से कह दिया है कि वे अपने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की सूची दें और बताएं कि उनको किस तरह की मदद की जरुरत है। वे कहते हैं कि जिस भी खेल में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों की जरुरत होगी, प्रशिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। वे बताते हैं कि हमने खेल संघों से खिलाड़ियों का ग्रेड भी बनाने कहा है। ग्रेड के हिसाब से खिलाड़ियों को तराशने का काम किया जाएगा।
श्री भाटिया कहते हैं कि प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह राष्ट्रीय खेलों के प्रति बहुत गंभीर हैं। यह राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का पहला कदम है जिसमें खेलों को उद्योगों को गोद दिलाने का काम किया गया है। मुख्यमंत्री की पहल पर ही राष्ट्रीय खेल सचिवालय का न सिर्फ गठन हो चुका है, बल्कि उसके सेटअप को भी मंजूरी मिल गई है। बहुत जल्द सेटअप में नियुक्तियों के बाद राष्ट्रीय खेलों के लिए काम प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि खेल संघों को जोड़ने के लिए ही ओलंपिक दिवस पर 23 जून को ओलंपिक दौड़ का ऐतिहासिक आयोजन किया गया था। इस दौड़ की सफलता ने बता दिया है कि हम राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किस तरह से करेंगे। उन्होंने खेल संघों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी योजनाएं बनाकर ओलंपिक संघ को सौंप दे ताकि खिलाड़ियों को तराशने की योजना पर अमल हो सके।
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